उत्तराखंड पी.सी.एस. पाठ्यक्रम : प्रारंभिक परीक्षा | 29 Apr 2025
उत्तराखंड संयुक्त राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ परीक्षा के प्रारंभिक चरण में अभ्यर्थी का मूल्यांकन भारतीय इतिहास, भूगोल, शासन व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, समसामयिक घटनाचक्र तथा उत्तराखंड की विरासत एवं समसामयिक समस्याओं के आधार पर किया जाता है, जिसमें विश्लेषणात्मक क्षमता एवं समस्या-समाधान कौशल पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
उत्तराखंड PCS प्रारंभिक परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है।
नोट: कुल 150 प्रश्नों में से न्यूनतम एक-तिहाई प्रश्न उत्तराखंड राज्य से संबंधित होंगे।
प्रथम प्रश्न पत्र - सामान्य अध्ययन (वस्तुनिष्ठ प्रकार)
इकाई- 1 (भारतीय इतिहास, संस्कृति और राष्ट्रीय आंदोलन)
- पूर्व-ऐतिहासिक काल: हड़प्पा सभ्यता, वैदिक सभ्यता और संगम युग – महाजनपद एवं मगध का उदय; धार्मिक आंदोलन – जैन धर्म, बौद्ध धर्म, भागवत धर्म एवं शैव धर्म; फारसी एवं यूनानी संपर्क तथा अन्य संबंधित पहलू।
- मौर्य साम्राज्य: चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक तथा उसका धम्म; मौर्य प्रशासन, अर्थव्यवस्था, समाज एवं कला; कुषाण तथा अन्य संबंधित पहलू।
- गुप्त साम्राज्य: स्थापना, सुदृढ़ीकरण और पतन; चंद्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त द्वितीय, स्कंदगुप्त; गुप्त प्रशासन, समाज, अर्थव्यवस्था, साहित्य एवं कला तथा अन्य संबंधित पहलू।
- उत्तर-गुप्त काल: हर्षवर्धन, पाल, प्रतिहार, राष्ट्रकूट, चोल, पल्लव, चंदेल, परमार और चौहान वंश, 650 ई. से 1200 ई. तक सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास तथा अन्य संबंधित पहलू।
- भारत में इस्लाम का आगमन: इल्तुतमिश, बलबन, अलाउद्दीन खिलजी, मुहम्मद बिन तुगलक, फिरोज़ तुगलक, सिकंदर लोदी और इब्राहीम लोदी; दिल्ली सल्तनत में प्रशासन, दिल्ली सल्तनत के पतन के कारण, सल्तनत काल में समाज और अर्थव्यवस्था, भारतीय-इस्लामी स्थापत्य कला, विजयनगर साम्राज्य, सूफीवाद, भक्ति आंदोलन और अन्य संबंधित पहलू।
- मुगल साम्राज्य: बाबर, शेरशाह सूरी, अकबर, शाहजहाँ, औरंगज़ेब और मुगल साम्राज्य का पतन, मुगल प्रशासन, जागीरदारी और मंसबदारी प्रणाली, मुगल काल में समाज और अर्थव्यवस्था, साहित्य, कला और स्थापत्य; मराठा, सिख और जाट तथा अन्य संबंधित पहलू।
- यूरोपीय लोगों का आगमन: पुर्तगाली, फ्राँसीसी, डच, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश प्रशासन (1758-1857)। ब्रिटिश शासन का आर्थिक प्रभाव और अन्य संबंधित पहलू। 19वीं सदी में समाज-संप्रदाय सुधार आंदोलन। भारत के वायसरॉय (1858-1947) और अन्य संबंधित पहलू।
- स्वतंत्रता संग्राम का प्रथम युद्ध (1857), 19वीं और 20वीं सदी में आदिवासी, गैर-आदिवासी, जातीय और कृषक आंदोलन; 1857 के बाद ब्रिटिश प्रशासन और अन्य संबंधित पहलू। भारत सरकार अधिनियम 1858, 1858 के बाद प्रशासनिक और न्यायिक प्रणालियाँ - प्रशासन, सामाजिक, शैक्षिक, न्यायिक सुधार और अन्य संबंधित पहलू। भारत में राष्ट्रीयता का उदय, राष्ट्रीय आंदोलन का उत्थान।
- भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस: स्थापना, उदारवादी और उग्रवादी। बंगाल विभाजन, स्वदेशी आंदोलन, मुस्लिम लीग की स्थापना, सूरत अधिवेशन और कॉन्ग्रेस का विभाजन (1907), मॉर्ले-मिंटो सुधार (1909)।
- प्रथम विश्व युद्ध और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन: होम रूल आंदोलन, लखनऊ समझौता (1916), अगस्त घोषणा (1917), भारत और विदेश में क्रांतिकारी आंदोलन। गांधी युग की शुरुआत, भारत शासन अधिनियम (1919), रॉलेट एक्ट (1919), जलियाँवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल, 1919), खिलाफत आंदोलन, असहयोग आंदोलन, चौरी-चौरा काँड, स्वराज पार्टी, साइमन कमीशन, नेहरू रिपोर्ट, मोहम्मद अली जिन्ना के 14 सूत्रीय प्रस्ताव, भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस का लाहौर अधिवेशन (1929), सविनय अवज्ञा आंदोलन, प्रथम गोलमेज़ सम्मेलन, गांधी-इरविन समझौता, द्वितीय और तृतीय गोलमेज़ सम्मेलन, साम्प्रदायिक पुरस्कार और पूना समझौता।
- भारत सरकार अधिनियम, 1935: पाकिस्तान की माँग, क्रिप्स मिशन, भारत छोड़ो आंदोलन, कैबिनेट मिशन योजना, आज़ाद हिंद फौज, अंतरिम सरकार, माउंटबेटन योजना, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (1947), भारत का विभाजन, स्वतंत्रता के बाद का भारत, नई गतिविधियाँ और संबंधित संगठन तथा अन्य संबंधित पहलू।
- उत्तराखंड का इतिहास और संस्कृति:
- पूर्व-ऐतिहासिक काल।
- आद्य-ऐतिहासिक काल।
- उत्तराखंड की प्राचीन जनजातियाँ।
- कुणिंद और यौधेय।
- कार्तिकेयपुर वंश।
- कत्युरी वंश।
- गढ़वाल का परमार वंश।
- कुमाऊँ का चंद वंश।
- गोरखा आक्रमण एवं उत्तराखंड में उनका शासन।
- ब्रिटिश शासन।
- टिहरी रियासत।
- उत्तराखंड में स्वतंत्रता संग्राम—1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम और उत्तराखंड।
- भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में उत्तराखंड की भूमिका।
- उत्तराखंड के जन आंदोलन एवं अन्य संबंधित पहलू।।
इकाई- 2 (भारतीय एवं विश्व भूगोल)
- विश्व का भूगोल:
- महत्त्वपूर्ण शाखाएँ, पृथ्वी एवं सौरमंडल, स्थलमंडल, अक्षांश, देशांतर, समय, पृथ्वी का घूर्णन एवं परिक्रमण, ग्रहण, महाद्वीप, पर्वत, पठार, मैदान, जलमंडल, झीलें और चट्टानें, वायुमंडल की परतें, संघटन, सौर विकिरण, आर्द्रता। महासागरीय उच्चावच, धाराएँ, ज्वार-भाटे, तापमान और लवणता।
- कृषि, पौधे, कीट, पशुधन प्रजनन, ऊर्जा एवं खनिज, संसाधन, उद्योग, जनसंख्या, प्रजातियाँ एवं जनजातियाँ, प्रवासन, परिवहन, संचार, अंतर्राष्ट्रीय सीमा-रेखाएँ, पर्यावरण तथा विश्व व्यापार (क्षेत्रीय आर्थिक समूह), भौगोलिक शब्दावली एवं अन्य संबंधित पहलू।
- भारत का भूगोल:
- भौगोलिक परिचय, उच्चावच एवं संरचना, जलवायु, जल निकासी प्रणाली, वनस्पति, पौधे, कीट, पशुपालन, सिंचाई, विद्युत, मृदा, जल संसाधन, कृषि, खनिज, उद्योग, जनसंख्या एवं शहरीकरण, परिवहन, संचार प्रणाली, विदेशी व्यापार, अनुसूचित जातियाँ/जनजातियाँ, सामाजिक पारिस्थितिकियाँ, अधिवास और प्रदूषण तथा अन्य संबंधित पहलू।
- उत्तराखंड का भूगोल:
- भौगोलिक स्थिति, उच्चावच एवं संरचना, जलवायु, जल निकासी प्रणाली, वनस्पति, वन्य जीव, खनिज, कृषि, पशुपालन, सिंचाई, प्रमुख नगर एवं पर्यटन स्थल, जनसंख्या, अनुसूचित जातियाँ/जनजातियाँ, परिवहन नेटवर्क, ऊर्जा संसाधन एवं औद्योगिक विकास, प्राकृतिक आपदाएँ तथा अन्य संबंधित पहलू।
इकाई- 3 (भारतीय राजनीति)
- राष्ट्रीय
- संसदीय प्रणाली
- गठबंधन राजनीति
- क्षेत्रीयता, जातिवाद, सांप्रदायिकता, आतंकवाद और नक्सलवाद
- कल्याण: अनुसूचित जातियाँ/अनुसूचित जनजातियाँ/अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक (संविधानिक प्रावधानों, विधिक ढाँचे, संस्थागत व्यवस्थाओं, प्रक्रियाओं और प्रभावों के सन्दर्भ में)
- लैंगिक राजनीति (समानता, आरक्षण, सशक्तीकरण, कल्याण एवं सुरक्षा उपाय)
- भारत में चुनावी सुधार
- शासन व्यवस्था: संस्थान एवं प्रक्रियाएँ
- राष्ट्रीय एकता
- भारत की परमाणु नीति
- पर्यावरणीय चिंताएँ
- आर्थिक और वित्तीय सुधार: उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (LPG) तथा राजनीति और शासन पर इसका प्रभाव; योजना तंत्र और योजना प्रक्रिया एवं बैंकिंग क्षेत्र (भारतीय रिज़र्व बैंक, नाबार्ड, IDBI आदि)
- भारत में संस्थागत सुधार जैसे—मनरेगा, NRHM, JNNURM आदि; सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल
- देश की राजनीतिक एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं में नागरिकों की भागीदारी
- नागरिक समाज
- लोकपाल और लोकायुक्त
- तथा अन्य संबंधित पहलू।
- अंतर्राष्ट्रीय
- संयुक्त राष्ट्र
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन
- वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय चिंताएँ
- सार्क, आसियान, साफ्टा एवं अन्य क्षेत्रीय संगठन
- विश्व के प्रमुख मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण: निरस्त्रीकरण, मानवाधिकार एवं वैश्वीकरण
- ब्रिक्स और भारत के लिये इसका महत्त्व
- तथा अन्य संबंधित पहलू।
- भारतीय संविधान
- भारत में संवैधानिक विकास
- संविधान सभा
- प्रस्तावना
- भारतीय संविधान की मूल विशेषताएँ (इसके विभिन्न भागों, महत्त्वपूर्ण अनुच्छेदों एवं अनुसूचियों सहित)
- मूल अधिकार एवं कर्तव्य
- राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांत
- संविधान संशोधन की विधि एवं प्रमुख संवैधानिक संशोधन
- भारत में संघीय एवं संसदीय शासन प्रणाली
- संसदीय समितियाँ (लोक लेखा समिति, अनुदान समिति एवं संयुक्त संसदीय समिति)
- संवैधानिक निकाय: निर्वाचन आयोग एवं भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक
- न्यायपालिका: उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय
- तथा अन्य संबंधित पहलू।
- भारतीय राजनीति
- संघ कार्यपालिका: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद, कैबिनेट सचिवालय, केंद्रीय सचिवालय एवं प्रधानमंत्री कार्यालय
- राज्य कार्यपालिका: राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद, राज्य सचिवालय एवं मुख्य सचिव
- भारत में संघीय संसद एवं राज्य विधानमंडल
- निर्वाचन प्रक्रिया एवं तंत्र
- राजनीतिक दल एवं दबाव समूह
- राजनेताओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों के बीच संबंध
- भारत में राजनीतिक संस्कृति का विकास
- राजनीतिक समाजीकरण की एजेंसियाँ
- भारत में प्रशासनिक प्रणाली का विकास एवं विस्तार
- भारत में राज्यों का पुनर्गठन
- भारत में संघ शासित क्षेत्रों एवं अन्य विशिष्ट राज्यों/क्षेत्रों का प्रशासन
- प्रशासनिक सुधार (महत्त्वपूर्ण समितियों एवं आयोगों सहित)
- ज़िला प्रशासन
- तथा अन्य संबंधित पहलू।
- पंचायती राज
- स्थानीय शासन: 73वाँ एवं 74वाँ संविधान संशोधन अधिनियम
- राज्य वित्त आयोग: कार्य एवं भूमिका
- स्थानीय निकायों को शक्तियों का विकेंद्रीकरण
- भारत में स्थानीय निकायों के प्रकार: नगर निगम, नगरपालिका परिषद, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं ज़िला परिषद
- तथा अन्य संबंधित पहलू।
- लोक नीति
- सुशासन: नागरिक चार्टर एवं ई-शासन
- भ्रष्टाचार निवारण एवं लोकपाल तथा लोकायुक्त
- सूचना का अधिकार
- शिक्षा का अधिकार
- सेवाओं का अधिकार
- तथा अन्य संबंधित पहलू।
- अधिकारों से संबंधित मुद्दे
- मूल अधिकार
- सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955
- अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के संरक्षण से संबंधित विभिन्न अधिकार; भारत में अल्पसंख्यकों, महिलाओं, बच्चों एवं वृद्ध व्यक्तियों से संबंधित मुद्दे
- तथा अन्य संबंधित पहलू।
- उत्तराखंड की राजनीतिक प्रणाली
- शासन व्यवस्था, राज्यपाल, विधानमंडल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, केंद्र-राज्य संबंध, लोक सेवाएँ, लोक सेवा आयोग, लेखा परीक्षण, महाधिवक्ता, उच्च न्यायालय एवं उसका अधिकार क्षेत्र, अल्पसंख्यकों के लिये प्रावधान, अनुसूचित जाति/जनजाति, विशेष राज्य चयन मानदंड, राजकीय भाषा, समेकित कोष एवं आकस्मिकता निधि, राजनीतिक दल एवं निर्वाचन, स्थानीय शासन एवं पंचायती राज, सामुदायिक विकास, लोक नीति, अधिकारों से संबंधित मुद्दे (शिक्षा, रोज़गार, विकास आदि), शासन व्यवस्था (भ्रष्टाचार निवारण, लोकायुक्त, नागरिक चार्टर, ई-गवर्नेंस, सूचना का अधिकार, समाधान योजना आदि) तथा अन्य संबंधित पहलू।
इकाई-4 (आर्थिक एवं सामाजिक विकास)
- राष्ट्रीय
- आर्थिक नीति: भारत में आर्थिक सुधार, उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI), मुद्रास्फीति, समावेशी विकास, आर्थिक विकास बनाम पर्यावरण संरक्षण
- गरीबी और बेरोज़गारी उन्मूलन के लिये कार्यक्रम। मानव विकास सूचकांक (HDI)
- जनगणना और भारत की जनसंख्या की मुख्य विशेषताएँ। जनसंख्या और आर्थिक विकास। शहरीकरण से संबंधित मुद्दे
- केंद्रीय बजट की मुख्य विशेषताएँ
- भारत की अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएँ
- भारत के प्राकृतिक और ऊर्जा संसाधन, व्यापार (बाह्य क्षेत्र के साथ), वाणिज्य, उद्योग, योजनाएँ और परियोजनाएँ एवं आर्थिक विकास की दिशा
- कर सुधार और बैंकिंग व्यवसाय
- योजनाबद्ध विकास
- राष्ट्रीय विकास परिषद
- राष्ट्रीय आय
- भारतीय कृषि (कृषि उत्पादकता, पशुपालन, हरित क्रांति, खाद्य सुरक्षा, खाद्य अनाज मूल्य, बफर स्टॉक, कृषि नीति, कृषि/बीज फसल बीमा योजना)
- भारतीय वित्तीय/मुद्रा/पूँजी/सुरक्षा बाज़ार
- बीमा क्षेत्र, कर संरचना, सार्वजनिक वित्त और राजकोषीय नीति
- अवधारणाएँ (रोलिंग योजना, स्वेट शेयर, हवाला, गिल्ट एज मार्केट, काला बाज़ार, काला धन आदि)
- तथा अन्य संबंधित पहलू।
- अंतर्राष्ट्रीय
- विश्व व्यापार संगठन (WTO), अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक
- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC), दक्षिण एशियाई देशों का संघ (ASEAN), दक्षिण एशियाई प्राथमिक व्यापार समझौता (SAPTA), BRICS, OPEC और अन्य क्षेत्रीय आर्थिक और वाणिज्यिक संगठन
- पूँजी का अंतर्राष्ट्रीय प्रवाह, मानव संसाधन और प्रौद्योगिकी
- विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (FERA), विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA)
- विश्व मानव विकास सूचकांक
- शब्दावली
- तथा अन्य संबंधित पहलू।
- उत्तराखंड
- अर्थव्यवस्था और बजट की मुख्य विशेषताएँ, प्राकृतिक और ऊर्जा संसाधन, व्यापार, वाणिज्य, उद्योग, योजनाएँ और परियोजनाएँ, कर और आर्थिक सुधार, योजनाबद्ध विकास, कृषि, पशुपालन, खाद्य सुरक्षा, सार्वजनिक वित्त और वित्तीय नीति, जनगणना, मानव विकास सूचकांक, पर्यटन, आर्थिक विकास में जड़ी-बूटियों और संस्कृति की भूमिका, तथा अन्य संबंधित पहलू।
यूनिट -5
- सामान्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी: सामान्य विज्ञान पर प्रश्न सामान्य सराहना और विज्ञान की समझ से संबंधित होंगे, जिसमें रोज़मर्रा के अवलोकन और अनुभवों से संबंधित विषय शामिल होंगे, जैसा कि एक अच्छी तरह से शिक्षित व्यक्ति से अपेक्षित है, जिसने किसी विशेष वैज्ञानिक विषय का अध्ययन नहीं किया है। भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी: इतिहास और योगदान।
- करेंट अफेयर्स: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, पुरस्कार, खोजें, आविष्कार, विज्ञान कॉन्ग्रेस, सम्मेलन, सौर प्रौद्योगिकी, मानव कल्याण, स्वास्थ्य और चिकित्सा के लिये नई प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग, पर्यावरणीय जागरूकता, प्राकृतिक जैविक संसाधन, आदि।
- राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक और शोध संबंधित अन्य संगठन जैसे IUCN, WWF, IPCC, WHO, UNESCO, आदि।
- सूचना प्रौद्योगिकी और दैनिक जीवन में कंप्यूटर का अनुप्रयोग, ई-गवर्नेंस, आदि।
- पारिस्थितिकी और पर्यावरण: आवास, समुदाय पारिस्थितिकी तंत्र, संरचना और कार्य, अनुकूलन। पौधे और उनका विभाजन, पारंपरिक कृषि, वाणिज्यिक कृषि और कृषि का व्यावसायिकीकरण, कृषि फसलों का उत्पादन और उनका क्षेत्रीय वितरण (राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर), कृषि क्षेत्र की समस्याएँ, कृषि विविधता, आदि।
- प्राकृतिक संसाधन – मृदा, जल, वायु, वन, घास के मैदान, आर्द्रभूमियाँ, समुद्री क्षेत्र। नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की योजना और प्रबंधन।
- जैव विविधता – खतरे और संरक्षण। नैतिकता और उपयोग।
- पर्यावरणीय संकट – वायु, जल, मृदा और अंतरिक्ष प्रदूषण। कानून और अधिनियम, ग्लोबल वार्मिंग।
- वैश्विक जलवायु परिवर्तन – कारण और प्रभाव।
- रिमोट सेंसिंग और GIS अनुप्रयोगों का सिद्धांत।
- मौसम पूर्वानुमान।
- स्प्रेडशीट और डेटाबेस अनुप्रयोगों का उपयोग।
- भौतिक विज्ञान/जागरूकता: कंप्यूटर और सूचना प्रसंस्करण के बुनियादी सिद्धांत, बुनियादी कंप्यूटर संगठन, बूलियन बीजगणित (Boolean Algebra), लॉजिक गेट्स, समस्या समाधान तकनीक और कंप्यूटर भाषाएँ, व्यवसाय डेटा प्रसंस्करण, डेटा संचार और कंप्यूटर नेटवर्क और सुरक्षा, इंटरनेट और मल्टीमीडिया अनुप्रयोगों का उपयोग, क्लाउड कंप्यूटिंग, PC का अनुप्रयोग, सॉफ्टवेयर पैकेज, साइबर कानून का मूल सिद्धांत, आदि।
- पदार्थ और उसकी अवस्थाएं, अम्ल, क्षार और लवण, तत्त्वों की उत्पत्ति और वितरण, कठोर और मृदु जल, भारी जल, शुद्धिकरण, बैटरी, ईंधन कोशिकाएँ, संक्षारण, परमाणु विखंडन और संलयन, सममिति के तत्त्व, पॉलिमर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, लिपिड, हार्मोन, विटामिन, औषधियाँ और स्वास्थ्य देखभाल, रंग, कॉस्मेटिक्स, खाद्य रसायन, आदि।
- यांत्रिकी, पदार्थ के सामान्य गुण, तरंग गति, ध्वनि और विद्युतचुंबकीय तरंगें, ऊष्मा, प्रकाश, चुंबकत्व, विद्युत, परमाणु एवं नाभिकीय भौतिकी, खगोलशास्त्र और अंतरिक्ष भौतिकी, एक्स-रे और सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी आदि।
- जीवविज्ञान: शाखाएँ, योगदान, प्राकृतिक संसाधन और उनका प्रबंधन। जैव विविधता, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, जैव उत्पाद, टीके, प्रतिरक्षण, स्वास्थ्य देखभाल, आनुवंशिक रूप से परिवर्तित जीव, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन, पशु प्रजनन, पौधे और मानव कल्याण आदि।
- वैज्ञानिक शब्दावली।
- उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधन और उनका राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन में योगदान आदि।
यूनिट 6
- राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वर्तमान घटनाएँ।
- महाद्वीप और राष्ट्र, अंतरिक्ष के महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, विश्व के आश्चर्य, विश्व धर्म, भारतीय राज्य, विश्व/भारत के प्रसिद्ध पुस्तकें और लेखक, प्रसिद्ध वैज्ञानिक, महत्त्वपूर्ण पुरस्कार, भारतीय रक्षा प्रणाली, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, वैज्ञानिक और तकनीकी विकास, शिक्षा, राष्ट्रीय प्रतीक, भारत में प्रोटोकॉल, विश्व/भारत के महत्त्वपूर्ण मानवाधिकार और कल्याण संगठन, महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल, महत्त्वपूर्ण दर्रे, भारतीय नृत्य, सांस्कृतिक संस्थान, संगीत, चित्रकला, भारतीय भाषाएँ, विश्व धरोहर, महत्त्वपूर्ण समाचार पत्र, महत्त्वपूर्ण तिथियाँ, खेल परिदृश्य, महत्त्वपूर्ण खेल और संबंधित शब्द, सम्मेलन/प्रदर्शनी/उत्सव/सम्मेलन, महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट तथा अन्य संबंधित पहलू।
दूसरा पेपर - सामान्य अभिक्षमता परीक्षा (वस्तुनिष्ठ परीक्षण)
प्रश्नों की संख्या: 100
एमएम: 150 (प्रत्येक प्रश्न 1.5 अंक का होगा)
समयावधि: 02 घंटे
इकाई – 1
प्रश्नों की संख्या: 80
न्यूनतम अंक: 120
- अभिक्षमता: कथन/प्रस्ताव, सत्य और असत्य कथन (सिलॉजिज़म), उपमा, समानताएँ और भिन्नताएँ, अवलोकन।
- संचार और पारस्परिक कौशल, शब्द निर्माण, कोडिंग डिकोडिंग, संख्यात्मक संक्रियाएँ।
- तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता:
- तर्क: कथन–तर्क, कथन–पूर्वधारणाएँ, कथन–कार्य योजना, कथन–निष्कर्ष, परिच्छेदों से निष्कर्ष निकालना, विषय पहचान, प्रश्न कथन, वेन आरेख, अंक शृंखला, अंकगणितीय तर्क और चित्रात्मक वर्गीकरण, संबंध अवधारणाएँ।
- निर्णय-निर्माण और समस्या समाधान, निर्णय-निर्माण, दृश्य स्मृति, भेदभाव, कथन और कारण।
- सामान्य मानसिक योग्यता: दिशा ज्ञान परीक्षण, सामाजिक बुद्धिमत्ता, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, आलोचनात्मक चिंतन, पहेली परीक्षण, वर्णमाला परीक्षण, डेटा पर्याप्तता, अनुपस्थित अक्षर प्रविष्टि।
- संख्यात्मक पहचान: संख्या और उनका वर्गीकरण, संख्याओं के विभाजन की परीक्षा, विभाजन के सामान्य गुण, अभाज्य संख्या की परीक्षा, भाग और शेषफल, शेषफल नियम, दो-रेखीय संख्या शृंखला, प्राकृतिक संख्याओं पर योग नियम।
- सांख्यिकी विश्लेषण: चार्ट, ग्राफ, तालिकाओं के माध्यम से डेटा का प्रस्तुतीकरण, डेटा की पर्याप्तता।
युनिट 2
प्रश्नों की संख्या: 20
न्यूनतम अंक: 30
- अंग्रेज़ी भाषा समझने के कौशल में दक्षता:
- अंग्रेज़ी में समझने के लिये एक लंबा परिच्छेद होगा, जिसके बाद तीन वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होंगे, जिनके प्रत्येक प्रश्न के लिये 1.5 अंक निर्धारित होंगे। ये प्रश्न अभ्यर्थी की क्षमता को परखेंगे कि वह परिच्छेद में निहित विचारों को समझ पाता है या नहीं, साथ ही उसकी अंग्रेज़ी भाषा/व्याकरण का ज्ञान भी मूल्यांकन करेंगे।
- समझने के लिए अंग्रेजी में एक लंबा अनुच्छेद होगा, उसके बाद तीन वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होंगे, जिनमें बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे, जिनमें से प्रत्येक 1.5 अंक का होगा । ये प्रश्न उम्मीदवार की अनुच्छेद में निहित विचारों को समझने की क्षमता के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा/व्याकरण के ज्ञान का परीक्षण करेंगे।
- भाषा/व्याकरण पर आधारित चार प्रश्न (प्रत्येक 1.5 अंक) निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर कर सकते हैं:
- शब्दावली
- विलोम शब्द
- समानार्थी शब्द
- एक-शब्द प्रतिस्थापन
- वाक्यांश/फ्रेजल वर्ब्स
- वाक्यों का रूपांतरण
- हिंदी भाषा में दक्षता:
- हिंदी भाषा में दक्षता का मूल्यांकन करने के लिये, दिये गए विस्तृत या सारगर्भित परिच्छेद, बोध (विषयवस्तु), भाषा और व्याकरण पर आधारित छह वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे।
- प्रत्येक वस्तुनिष्ठ प्रश्न 1.5 अंक का होगा, और प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्प (A, B, C, D) होंगे, जिनमें से केवल एक विकल्प सही होगा।
- सात वस्तुनिष्ठ प्रश्न (प्रत्येक 1.5 अंक का) दिये गए परिच्छेद पर आधारित होंगे, जो निम्नलिखित पहलुओं: विषय-वस्तु, शीर्षक, उद्देश्य, भाषा, मुहावरे और लोकोक्तियाँ, अलंकार, शब्द विश्लेषण (देशी, व्युत्पन्न, विदेशी, समानार्थी, विलोम, शब्द भेद), वाक्यांश, उपसर्ग, प्रत्यय, युग्म शब्द, और मौखिक रूप, आदि को कवर करेंगे।
- हिंदी भाषा में दक्षता का मूल्यांकन करने के लिये, दिये गए विस्तृत या सारगर्भित परिच्छेद, बोध (विषयवस्तु), भाषा और व्याकरण पर आधारित छह वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे।