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पी.सी.एस.

उत्तराखंड

यू.के.पी.एस.सी. FAQs

  • 01 Aug 2021
  • 10 min read
प्रश्न - 1 : यू.के.पी.एस.सी. की इस प्रारम्भिक परीक्षा में ‘उत्तराखंड राज्य विशेष’ के सन्दर्भ में कितने प्रश्न पूछे जाते हैं? इसकी तैयारी कैसे करें?

उत्तर : यूकेपीएससी की इस प्रारम्भिक परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में 'उत्तराखंड राज्य विशेष’ के सन्दर्भ में लगभग 35-40 प्रश्न पूछे जाते हैं। इस प्रश्नपत्र में कुल 150 प्रश्नों में से 35-40 प्रश्न केवल उत्तराखंड राज्य विशेष के सन्दर्भ में पूछा जाना इस विषय की महत्ता को स्वयं ही स्पष्ट करता है।
‘उत्तराखंड राज्य विशेष’ के सन्दर्भ में ये प्रश्न उत्तराखंड के इतिहास, भूगोल, राजनीतिक, सामाजिक एवं प्रशासनिक सन्दर्भ, आर्थिक एवं सामाजिक विकास एवं समसामयिक घटनाक्रम के विभिन्न पक्षों से सम्बंधित हो सकते हैं। स्पष्ट है कि प्रारम्भिक परीक्षा के पूरे पाठ्यक्रम का उत्तराखंड राज्य के सन्दर्भ में अध्ययन करना लाभदायक रहता है। अत: इस परीक्षा में 'राज्य विशेष' से सम्बंधित प्रश्नों को हल करने के लिये उत्तराखंड सरकार के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘उत्तराखंड राज्य विशेष’ या बाजार में उपलब्ध किसी मानक राज्य स्तरीय पुस्तक का अध्ययन करना लाभदायक रहेगा।

प्रश्न - 2 : यू.के.पी.एस.सी. की प्रारंभिक परीक्षा के दौरान प्रश्नों का समाधान किस क्रम में करना चाहिए? क्या किसी विशेष क्रम से लाभ होता है?

उत्तर : प्रारंभिक परीक्षा के दौरान प्रश्नों के समाधान के क्रम को लेकर अभ्यर्थियों में प्राय: भ्रम की स्थिति बनी रहती है। इसका उत्तर सभी के लिये एक नहीं हो सकता। अगर आप सामान्य अध्ययन एवं ‘सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षण’ (सीसैट) के सभी विषयों में सहज हैं और आपकी गति भी संतोषजनक है तो आप किसी भी क्रम में प्रश्न हल करके सफल हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में बेहतर यही होता है कि जिस क्रम में प्रश्न आते जाएँ, उसी क्रम में उन्हें करते हुए बढ़ें। किन्तु  अगर आपकी स्थिति इतनी सुरक्षित नहीं है तो आपको प्रश्नों के क्रम पर विचार करना चाहिये। ऐसी स्थिति में आप सबसे पहले, उन प्रश्नों को हल करें जो सबसे कम समय लेते हैं।
यदि आपकी उत्तराखंड राज्य विशेष के सन्दर्भ में पकड़ अच्छी है तो आपको इससे सम्बंधित पूछे जाने वाले लगभग 35-40 प्रश्नों को पहले हल कर लेना चाहिये क्योंकि उनमें समय कम लगेगा और उत्तर ठीक होने की संभावना ज़्यादा होगी। इसी प्रकार ‘सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षण’ या सीसैट के प्रश्नपत्र में यदि आपकी अंग्रेज़ी ठीक है तो अंग्रेज़ी बोधगम्यता (English Comprehension) एवं व्याकरण (Grammar) के लगभग 7-8 प्रश्नों को पहले हल कर लेना चाहिये क्योंकि उनमें समय कम लगेगा और उत्तर ठीक होने की संभावना ज़्यादा होगी। इन प्रश्नों को हल करने के बाद आपकी स्थिति काफी मजबूत हो चुकी होगी। इसके बाद, आप तेज़ी से वे प्रश्न हल करते चलें जिनमें आप सहज हैं और उन्हें छोड़ते चलें जो आपकी समझ से परे हैं। जिन प्रश्नों के संबंध में आपको लगता है कि वे पर्याप्त समय मिलने पर किये जा सकते हैं, उन्हें कोई निशान लगाकर छोड़ते चलें। अंत में समय बचे तो उन प्रश्नों को हल करें नहीं तो छोड़ दें। एक सुझाव यह भी हो सकता है कि एक ही प्रकार के प्रश्न लगातार करने से बचें। अगर आपको ऐसा लगे तो बीच में गणित या तर्कशक्ति के कुछ सवाल कर लें उसके बाद अन्य प्रश्नों को हल करें। सरल से कठिन प्रश्नों की ओर बढ़ने की यह प्रक्रिया दोनों प्रश्नपत्रों को हल करते समय अपनाया जा सकता है।
सभी प्रश्नों के अंक समान होने तथा प्रत्येक गलत उत्तर के लिये नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान (प्रत्येक गलत उत्तर के लिये एक चौथाई (1/4) अंक दण्ड स्वरुप काटे जाते हैं) होने के कारण अभ्यर्थियों से अपेक्षा है कि 'तुक्का पद्धति' से बचते हुए सावधानीपूर्वक प्रश्नों को हल करें।

पिछले प्रश्न के उत्तर में दिये गए सुझावों पर ध्यान दें। उसके अलावा, परीक्षा से पहले मॉक-टैस्ट शृंखला में भाग लें और हर प्रश्नपत्र में परीक्षण करें कि किस वर्ग के प्रश्न कितने समय में हो पाते हैं। ज़्यादा समय लेने वाले प्रश्नों को पहले ही पहचान लेंगे तो परीक्षा में समय बर्बाद नहीं होगा। बार-बार अभ्यास करने से गति बढ़ाई जा सकती है।
प्रश्न - 3 : यू.के.पी.एस.सी. की इस प्रारंभिक परीक्षा में समय प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती बन जाता है। उसके लिये क्या किया जाना चाहिये?

उत्तर :

प्रश्न - 4 : यू.के.पी.एस.सी. की इस प्रारंभिक परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान होने का क्या अर्थ है? यह किस प्रकार लागू किया जाता है?

उत्तर : नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान का अर्थ है- प्रश्नों के गलत उत्तर देने पर कुछ अंक दण्ड स्वरुप कम किया जाना। यू.के.पी.एस.सी. द्वारा आयोजित इस परीक्षा में गलत उत्तर के लिये नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान किया गया है, जिसमें प्रत्येक गलत उत्तर के लिये एक चौथाई (1/4) अंक दण्ड स्वरुप काटे जाते हैं। दोनों प्रश्नपत्रों में प्राप्तांक हेतु 4R-W  का सूत्र लागू किया जाता है (जहाँ R सही उत्तरों की संख्या एवं W  गलत उत्तरों की संख्या है)।

प्रश्न - 5 : कट-ऑफ' क्या है? इसका निर्धारण कैसे होता है?

उत्तर :  ‘कट-ऑफ’ का अर्थ है- वह न्यूनतम अंक जिसे प्राप्त कर के कोई उम्मीदवार परीक्षा में सफल होता है। यू.के.पी.एस.सी. की इस परीक्षा में हर वर्ष प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार के परिणाम में ‘कट-ऑफ’ तय की जाती है। ‘कट-ऑफ’ या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार सफल घोषित किये जाते हैं और शेष असफल। आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत यह कट-आॉफ भिन्न-भिन्न वर्गों के उम्मीदवारों के लिए भिन्न-भिन्न होती हैं।
प्रारंभिक परीक्षा में ‘कट-ऑफ’ का निर्धारण प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन एवं द्वितीय प्रश्नपत्र ‘सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षण’ या सीसैट में प्राप्त किये गए अंकों के योग के आधार पर किया जाता है। 
‘कट-ऑफ’ की प्रकृति स्थिर नहीं है, इसमें हर साल उतार-चढ़ाव होता रहता है। इसका निर्धारण सीटों की संख्या, प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर तथा उम्मीदवारों की संख्या व गुणवत्ता जैसे कारकों पर निर्भर करता है। 
अगर प्रश्नपत्र सरल होंगे या उम्मीदवारों की संख्या व गुणवत्ता ऊँची होगी तो कट-ऑफ बढ़ जाएगा और विपरीत स्थितियों में अपने आप कम हो जाएगा।

प्रश्न - 6 : यू.के.पी.एस.सी. की इस प्रारम्भिक परीक्षा में अंग्रेज़ी से कितने प्रश्न पूछे जाते हैं? मैं अंग्रेज़ी में शुरू से ही कमजोर हूँ। क्या मैं सीसैट में सफल हो सकता हूँ?

उत्तर : जी हाँ, आप ज़रूर सफल हो सकते हैं। यू.के.पी.एस.सी. की प्रारम्भिक परीक्षा का द्वितीय प्रश्नपत्र ‘सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षण’ या सीसैट से सम्बंधित है। इसमें केवल 7-8 प्रश्न ऐसे होते हैं ज

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