राजस्थान पी.सी.एस. मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम | 28 Apr 2025

राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएँ संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा या RPSC-RAS की मुख्य परीक्षा के अंतर्गत, अभ्यर्थियों के ज्ञान, विश्लेषणात्मक क्षमताओं और राज्य, राष्ट्र एवं वैश्विक मामलों से संबंधित विविध विषयों की समझ का व्यापक मूल्यांकन किया जाता है। 

पाठ्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों में अवधारणात्मक समझ और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच संतुलन पर ज़ोर देता है तथा अभ्यर्थियों की क्षमताओं के समग्र मूल्यांकन को बढ़ावा देता है।

परीक्षा की योजना और पाठ्यक्रम: 

  • मुख्य परीक्षा में प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या वर्ष में भरी जाने वाली  कुल रिक्तियों की अनुमानित संख्या का 15 गुना होगी।
  • लिखित परीक्षा में चार पेपर होंगे जो वर्णनात्मक/विश्लेषणात्मक प्रकृति के होंगे। सामान्य हिंदी और सामान्य अंग्रेज़ी का स्तर सीनियर सेकेंडरी स्तर का होगा। प्रत्येक पेपर के लिये 3 घंटे का समय दिया जाएगा।

मुख्य परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है।

पेपर I: सामान्य अध्ययन - I 

इकाई I - इतिहास

खंड अ - राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परंपरा और धरोहर

  • प्रागैतिहासिक काल से 18वीं शताब्दी के अवसान तक राजस्थान के इतिहास की प्रमुख युगांतकारी घटनाएँ, महत्त्वपूर्ण राजवंश, उनकी प्रशासनिक एवं राजस्व व्यवस्था।
  • 19वीं-20वीं शताब्दी की प्रमुख घटनाएँ: किसान एवं जनजाति आंदोलन, राजनीतिक जागृति, स्वतन्त्रता संग्राम और एकीकरण।
  • राजस्थान की धरोहरः प्रदर्शन व ललित कलाएँ, हस्तशिल्प व वास्तुशिल्प, राजस्थान में विश्व विरासत के प्रमुख स्थल और राजस्थान में पर्यटन, मेले, पर्व, लोक संगीत व लोक नृत्य।
  • राजस्थानी साहित्य की महत्त्वपूर्ण कृतियाँ एवं राजस्थान की बोलियाँ।
  • राजस्थान के संत, लोक देवता एवं महत्त्वपूर्ण विभूतियाँ।

खंड ब - भारतीय इतिहास एवं संस्कृति

  • भारतीय धरोहरः सिन्धु सभ्यता से लेकर ब्रिटिश काल तक के भारत की ललित कलाएँ, प्रदर्शन कलाएँ, वास्तुकला एवं साहित्य।
  • प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत के धार्मिक आंदोलन और धर्म दर्शन।
  • 19वीं शताब्दी के प्रारंभ से 1965 ईस्वी तक आधुनिक भारत का इतिहास: महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम, व्यक्तित्व और मुद्दे।
  • भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन- इसके विभिन्न चरण व धाराएँ, प्रमुख योगदानकर्ता और देश के भिन्न-भिन्न भागों से योगदान।
  • 19वीं तथा 20वीं शताब्दी में सामाजिक- धार्मिक सुधार आंदोलन।
  • स्वातंत्र्योत्तर सुदृढ़ीकरण और पुनर्गठन- देशी रियासतों का विलय तथा राज्यों का भाषायी आधार पर पुनर्गठन।

खंड स - आधुनिक विश्व का इतिहास (1950 ईस्वी तक)

  • पुनर्जागरण व धर्म सुधार।
  • अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम, फ्राँसीसी क्रांति (1789) और औद्योगिक क्रांति।
  • एशिया व अफ्रीका में साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद।
  • विश्व युद्धों का प्रभाव।

इकाई II - अर्थव्यवस्था

खंड अ - भारतीय अर्थव्यवस्था

  • कृषि- भारतीय कृषि में वृद्धि एवं उत्पादकता की प्रवृत्तियाँ। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र और खाद्य प्रबंधन। कृषिगत सुधार और चुनौतियाँ।
  • औद्योगिक क्षेत्र की प्रवृत्तियाँ - औद्योगिक नीति एवं औद्योगिक वित्त। उदारीकरण, वैश्वीकरण, निजीकरण और आर्थिक सुधार। अवसंरचना और आर्थिक वृद्धि।
  • स्फीति, कीमतें और मांग/पूर्ति प्रबंधन।
  • केन्द्र-राज्य वित्तीय संबंध और नवीनतम वित्त आयोग। राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम और भारत में राजकोषीय सुधार।
  • बजटीय प्रवृतियाँ और राजकोषीय नीति। भारत में कर सुधार। अनुदान- नकद हस्तान्तरण और अन्य संबंधित मुद्दे। राजस्व और व्यय की प्रवृतियाँ।
  • आर्थिक गतिविधियों में सरकार की भूमिका। निजी, सार्वजनिक और मेरिट वस्तुऐं।
  • सामाजिक क्षेत्र- गरीबी, बेरोज़गारी और असमानता। स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा नीति। प्रभावी नियामक की समस्या। आर्थिक विकास में राज्य की भूमिका को पुनर्भाषित करना और रोज़़गार उन्मुख वृद्धि व्यूह रचना।

खंड ब - वैश्विक अर्थव्यवस्था

  • वैश्विक आर्थिक मुद्दे और प्रवृत्तियाँ: विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व व्यापार संगठन की भूमिका।
  • सतत् विकास एवं जलवायु परिवर्तन।

खंड स - राजस्थान की अर्थव्यवस्था

  • कृषि परिदृश्य- उत्पादन एवं उत्पादकता। जल संसाधन और सिंचाई। कृषि विपणन। डेयरी एवं पशुपालन।
  • ग्रामीण विकास और ग्रामीण अवसंरचना। पंचायती राज और राज्य वित्त आयोग।
  • औद्योगिक विकास का संस्थागत ढ़ाँचा। औद्योगिक वृद्धि और नव प्रवृतियाँ। खादी और ग्रामोद्योग।
  • अवसंरचना विकास- विद्युत और परिवहन। अवसंरचना में निजी विनियोग और सार्वजनिक- निजी सहभागिता परियोजनाएं- दृष्टिकोण और सम्भावनाएं।
  • राजस्थान की प्रमुख विकास परियोजनाएं। राज्य बजट और राजकोषीय प्रबंधन- मुद्दे और चुनौतियाँ।
  • राजस्थान की आर्थिक कल्याण योजनाएं। सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण।
  • बुनियादी सामाजिक सेवाएं- शिक्षा व स्वास्थ्य। गरीबी, बेरोजगारी और सतत् विकास लक्ष्य।

इकाई III - समाजशास्त्र, प्रबंधन, लेखांकन एवं अंकेक्षण

खंड अ - समाजशास्त्र

भारत में समाजशास्त्रीय विचारों का विकास -

  • भारतीय समाज में जाति और वर्ग : प्रकृति, उद्भव, प्रकार्य और चुनौतियाँ
  • परिवर्तन की प्रक्रियाएं : संस्कृतिकरण, पश्चिमीकरण, लौकिकीकरण, भूमण्डलीकरण
  • भारतीय समाज के समक्ष चुनौतियाँ : दहेज़, तलाक एवं बाल विवाह के मुद्दे, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, निर्धनता, बेरोज़गारी, मादक पदार्थ व्यसन, कमज़ोर तबके विशेषकर दलित, वृद्ध और द्विव्यांग।
  • राजस्थान में जनजातीय समुदाय : भील, मीणा, गरासिया- समस्याएं व कल्याण।

खंड ब - प्रबंधन

  • विपणन की आधुनिक अवधारणा, विपणन मिश्रण - उत्पाद, मूल्य, स्थान और संवर्धन, आपूर्ति
  • श्रंखला प्रबंधन, प्रचालन तंत्र, इ-वाणिज्य, इ-विपणन, व्यवसाय तथा निगम आचारनीति।
  • धन के अधिकतमकरण की अवधारणा, वित्त के स्रोत - अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन, पूँजी संरचना, पूँजी की लागत, लाभों का विभाजन, बैंकिंग एवं गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान, शेयर बाजार, बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, विदेशी संस्थागत निवेश।
  • नेतृत्व के सिद्धांत तथा शैलियाँ, समूह व्यवहार, व्यक्तिगत व्यवहार, अभिवृत्ति, मूल्य, टीम निर्माण, अभिप्रेरण के सिद्धांत, संघर्ष-प्रबंधन, समय-प्रबंधन, तनाव-प्रबंधन, प्रशिक्षण, विकास तथा आकलन प्रणाली।
  • उद्यमिता - उद्भवन, स्टार्टअप्स, यूनिकॉर्न, उद्यम पूँजी, एंजल निवेशक।
  • अत्यावश्यक सेवाओं का प्रबंधन - शिक्षा प्रबंधन, हेल्थकेयर तथा वैलनेस प्रबंधन, पर्यटन तथा आतिथ्य प्रबंधन।

खंड स - लेखांकन एवं अंकेक्षण

  • लेखांकन की दोहरा लेखा प्रणाली का सामान्य ज्ञान, वित्तीय विवरण विश्लेषण की तकनीकें, उत्तरदायित्व और सामाजिक लेखांकन।
  • अंकेक्षण का अर्थ एवं उद्देश्य, सामाजिक, निष्पत्ति एवं दक्षता अंकेक्षण, सरकारी अंकेक्षण की प्रारम्भिक जानकारी।
  • निष्पादन बजट एवं शून्य आधारित बजट की सामान्य जानकारी।

पेपर II: सामान्य अध्ययन - II

इकाई I - प्रशासकीय नीतिशास्त्र

नैतिकता एवं मानवीय मूल्य

  • महापुरूषों, समाज सुधारकों तथा प्रशासकों के जीवन से
  • प्राप्त शिक्षा। परिवार, सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का मानवीय मूल्यों को विकसित करने में योगदान।

नैतिक संप्रत्यय

  • ऋत एवं ऋण, कर्त्तव्य की अवधारणा, शुभ एवं सद्गुण की अवधारणा।

निजी एवं सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र की भूमिका

  • प्रशासकों का आचरण, मूल्य एवं
  • राजनैतिक अभिवृत्ति, सत्यनिष्ठा का दार्शनिक आधार।

विशिष्ट नैतिक शिक्षाएँ

  • भगवद् गीता का नीतिशास्त्र एवं प्रशासन में इसकी भूमिका।
  • गांधी का नीतिशास्त्र।

नैतिक विचारक और दार्शनिक

  • भारतीय एवं विश्व के नैतिक चिंतकों एवं दार्शनिकों का योगदान।

प्रशासनिक चुनौतियाँ

  • प्रशासन में नैतिक चिन्ता, द्वन्द एवं चुनौतियाँ।
  • नैतिक निर्णय-प्रक्रिया तथा उसमें योगदान देने वाले कारक; सामाजिक न्याय, मानवीय
  • चिन्ता, शासन में जवाबदेही एवं नैतिक आचार संहिता।

व्यावहारिक अनुप्रयोग

  • उपरोक्त विषयों पर आधारित केस अध्ययन।

इकाई II - सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

दैनिक जीवन में रसायन विज्ञान

  • द्रव्य की अवस्थाएँ; परमाण्विक संरचना; धातु, अधातु और उपधातु, धातुकर्म सिद्धांत और विधियाँ, महत्त्वपूर्ण अयस्क और मिश्र धातु; अम्ल, क्षार और लवण, pH और बफर की अवधारणा; महत्त्वपूर्ण औषधियाँ (संश्लेषित और प्राकृतिक), एंटीऑक्सिडेंट, परिरक्षक, कीटनाशी, पीड़कनाशी, कवकनाशी, शाकनाशी, उर्वरक, योजक और मधुरक; कार्बन, इसके यौगिक और उनके घरेलू और औद्योगिक अनुप्रयोग; रेडियोधर्मिता-अवधारणाएं और अनुप्रयोग।

दैनिक जीवन में भौतिकी

  • गुरूत्वाकर्षण; मानव नेत्र और दोष; ऊष्मा; स्थिर एवं धारा
  • वैद्युतिकी; चुंबकत्व, वैद्युत चुंबकत्व, ध्वनि एवं विद्युत चुंबकीय तरंगें; चुंबकीय अनुनाद
  • इमेजिंग और नाभिकीय चुंबकीय अनुनाद; नाभिकीय विखंडन और संलयन।

दैनिक जीवन में जीवविज्ञान

  • कोशिका; मानव में नियंत्रण और समन्वय, प्रजनन, उत्सर्जन, श्वसन, परिसंचरण और पाचन तंत्र; रक्त समूह, रक्त की संरचना और कार्य; हार्मोन; आनुवांशिक एवं जीवन शैली के रोग; मानव रोग- संचारी और गैर- संचारी, एंडेमिक, एपिडेमिक, पैनडेमिक रोग- इनके निदान और नियंत्रण, प्रतिरक्षीकरण और टीकाकरण; ड्रग्स एवं एल्कोहल का दुरूपयोग; पादप के भाग और उनके कार्य, पादपों में पोषण, पादप वृद्धि नियंत्रक, पादपों में लैंगिक और अलैंगिक प्रजनन, राजस्थान के विशेष संदर्भ में महत्त्वपूर्ण औषधीय पौधे; जैविक खेती; जैव प्रौद्यौगिकी और उसके अनुप्रयोग।

आधारभूत कंप्यूटर विज्ञान;

  • नेटवर्किंग और प्रकार; एनालॉग और डिजिटल दूरसंचार; आवृत्ति स्पेक्ट्रम; मोबाइल टेलीफोनी, सूचना और संचार प्रौद्यौगिकी में नूतन विकास- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस; बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्रिप्टो करेंसी, ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया और उनके प्रभाव; भारत में आईटी उद्योग,डिजिटल इंडिया पहल।

वैज्ञानिक विकास

  • विज्ञान और प्रौद्यौगिकी में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान, वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति-
  • रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, ऑगमेंटेड रियलिटी, नैनो प्रौद्योगिकी, आरएफआईडी, क्वांटम कंप्यूटिंग आदि; राजस्थान में विज्ञान और प्रौद्यौगिकी का विकास, विज्ञान और प्रौद्यौगिकी से संबंधित सरकार की नीतियाँ।
  • विज्ञान और प्रौद्यौगिकी में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान, वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति- रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, ऑगमेंटेड रियलिटी, नैनो प्रौद्योगिकी, आरएफआईडी, क्वांटम कंप्यूटिंग आदि; राजस्थान में विज्ञान और प्रौद्यौगिकी का विकास, विज्ञान और प्रौद्यौगिकी से संबंधित सरकार की नीतियाँ।

अंतरिक्ष एवं रक्षा प्रौद्योगिकी

  • अंतरिक्ष प्रौद्यौगिकी- भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, उपग्रह और उनकी कक्षाएँ, विभिन्न प्रक्षेपण यान, सुदूर संवेदन।
  • रक्षा प्रौद्यौगिकी- मिसाइलें, भारतीय मिसाइल कार्यक्रम, रासायनिक और जैविक हथियार।

इकाई III - पृथ्वी विज्ञान (भूगोल और भू-विज्ञान)

खंड अ - विश्व

  • पृथ्वी की संरचना एवं भूवैज्ञानिक समय सारिणी।
  •  प्रमुख भौतिक भू-आकृतियाँ : पर्वत, पठार, मैदान, मरूस्थल।
  • भूकंप एवं ज्वालामुखी : प्रकार, वितरण एवं उनका प्रभाव।
  • प्रमुख भू-राजनीतिक समस्याएं।
  • प्रमुख पर्यावरण संबंधी मुद्दे।

खंड ब - भारत

  • प्रमुख भौतिक भू-आकृतियाँ : पर्वत, पठार, मैदान, मरूस्थल।
  •  भारत का प्रमुख भू-आकृतिक विभाजन।
  • प्रमुख नदियाँ।
  • जलवायु : मानसून की उत्पत्ति, जलवायु विशेषताएँ, वर्षा का वितरण एवं जलवायु प्रदेश।
  • प्राकृतिक संसाधन : प्रकार एवं उनका उपयोग
    • (क) जल, वन एवं मृदा संसाधन
    • (ख) शैल एवं खनिज।
  • जनसंख्या : वृद्धि, वितरण, घनत्व, लिंगानुपात, साक्षरता, नगरीय एवं ग्रामीण जनसंख्या।

खंड स - राजस्थान

  • प्रमुख भौतिक भू-आकृतियाँ : पर्वत, पठार, मैदान, मरूस्थल।
  • प्रमुख नदियाँ एवं झीलें।
  • जलवायु : विशेषताएँ एवं उनका वर्गीकरण।
  • प्रमुख वनस्पति प्रकार।
  • कृषि- प्रमुख फसलें : उत्पादन व वितरण।
  • धात्विक एवं अधात्विक खनिज : प्रकार, वितरण एवं उनका औद्योगिक उपयोग।
  • परम्परागत एवं गैर- परम्परागत ऊर्जा संसाधन।
  • जनसांख्यिकी विशेषताएँ एवं प्रमुख जनजातियाँ।
  • वन्यजीव एवं जैव विविधता : चुनौतियाँ एवं संरक्षण।
  • यूनेस्को की भू-पार्क एवं भू-धरोहर स्थल संकल्पना : राजस्थान में संभावनाएँ।
  • प्रमुख पर्यावरण संबंधी मुद्दे।

पेपर III: सामान्य अध्ययन - III

इकाई I - भारतीय राजनीतिक व्यवस्था, विश्व राजनीति एवं समसामयिक मामले

भारत का संविधान

  • निर्माण, विशेषताएँ, संशोधन, मूल ढाँचा।

वैचारिक सत्व

  • उद्देशिका, मूल अधिकार, राज्य की नीति के निदेशक तत्व, मूल कर्तव्य।

संस्थात्मक ढाँचा - I

  • संसदीय प्रणाली, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद्, संसद।

संस्थात्मक ढाँचा - II

  • संघवाद, केन्द्र-राज्य संबंध, उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, न्यायिक पुनरावलोकन, न्यायिक सक्रियता।

संस्थात्मक ढाँचा - III

  • भारत निर्वाचन आयोग, नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक, संघ लोक सेवा आयोग, नीति आयोग, केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग।

राजनीतिक गत्यात्मकताएँ

  • भारतीय राजनीति में जाति, धर्म, वर्ग, नृजातीयता, भाषा एवं लिंग की भूमिका, राजनीतिक दल एवं मतदान व्यवहार, नागरिक समाज एवं राजनीतिक
  • आंदोलन, राष्ट्रीय अखंडता एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, सामाजिक- राजनीतिक संघर्ष के संभावित क्षेत्र।

राजस्थान की राज्य राजनीति

  • दलीय प्रणाली, राजनीतिक जनांकिकी, राजस्थान में राजनीतिक प्रतिस्पर्द्धा के विभिन्न चरण, पंचायती राज एवं नगरीय स्वशासन संस्थाएँ।

शीत युद्धोत्तर दौर में उदीयमान विश्व-व्यवस्था

  • संयुक्त राज्य अमरीका का वर्चस्व एवं इसका प्रतिरोध, संयुक्त राष्ट्र एवं क्षेत्रीय संगठन, अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की गत्यात्मकता, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद एवं पर्यावरणीय मुद्दे।

भारत की विदेश नीति

  • उद्विकास, निर्धारक तत्व, संयुक्त राज्य अमरीका, चीन, रूस, यूरोपीय संघ एवं पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध, संयुक्त राष्ट्र, गुट निरपेक्ष आंदोलन, ब्रिक्स, जी-20, जी-77 एवं सार्क में भारत की भूमिका।

भू-राजनीतिक और सामरिक मुद्दे

  • दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया एवं सुदूर पूर्व में भू-राजनीतिक एवं
  • रणनीतिक मुद्दे तथा उनका भारत पर प्रभाव।

समसामयिक मामले 

  • राजस्थान, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाएं,
  • व्यक्ति एवं स्थान, खेलकूद से जुड़ी हाल की गतिविधियाँ।

इकाई II - लोक प्रशासन और प्रबंधन की अवधारणाएँ, मुद्दे एवं गत्यात्मकता

प्रशासन एवं प्रबंध

  • अर्थ, प्रकृति एवं महत्व, विकसित एवं विकासशील समाजों में लोक प्रशासन की भूमिका, एक विषय के रूप में लोक प्रशासन का विकास, नवीन लोक प्रशासन, लोक प्रशासन के अध्ययन के प्रति अभिगम।

महत्त्वपूर्ण अवधारणाएँ

  • शक्ति, प्राधिकार, वैधता, उत्तरदायित्व एवं प्रत्यायोजन की अवधारणाएँ।।

संगठन के सिद्धांत

  • पदसोपान, नियंत्रण का क्षेत्र एवं आदेश की एकता।

प्रबंधन के कार्य

  • निगमित अभिशासन एवं सामाजिक उत्तरदायित्व।
  • नव लोक प्रबंध के नवीन आयाम, परिवर्तन प्रबंधन।

लोक सेवा के मूल्य एवं अभिवृत्ति

  • नैतिकता, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, गैर-पक्षधरता, लोक सेवा के लिये समर्पण, सामान्यज्ञ एवं विशेषज्ञ के मध्य संबंध।

प्रशासन पर नियंत्रण

  • विधायी, कार्यपालिका एवं न्यायिक-विभिन्न साधन एवं सीमाएँ।

राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था

  • राजस्थान में प्रशासनिक ढाँचा एवं प्रशासनिक संस्कृतिः राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद्,
  • राज्य सचिवालय, निदेशालय एवं मुख्य सचिव।

ज़िला प्रशासन

  • संगठन, ज़िला कलक्टर एवं ज़िला मजिस्ट्रेट तथा पुलिस अधीक्षक की भूमिका, उपखण्ड एवं तहसील प्रशासन।

विकास प्रशासन

  • अर्थ, क्षेत्र एवं विशेषताएँ।

राजस्थान में प्रमुख आयोग/अधिनियम

  • राज्य मानवाधिकार आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, लोकायुक्त, राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान लोक सेवा गारण्टी अधिनियम, 2011 एवं राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम, 2012।

इकाई III - खेल एवं योग, व्यवहार एवं विधि

खंड अ - खेल एवं योग

  • भारत एवं राजस्थान राज्य की खेल नीति।
  • भारतीय खेल प्राधिकरण एवं राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद।
  • राष्ट्रीय एवं राजस्थान राज्य के खेल पुरस्कार।
  • योग- सकारात्मक जीवन पद्धति।
  • भारत के विख्यात खेल व्यक्तित्व।
  • प्राथमिक उपचार एवं पुर्नवास।
  • भारतीय खिलाड़ियों की ओलम्पिक, एशियन खेल, कॉमनवेल्थ एवं पैरा-ओलम्पिक खेल में भागीदारी। ओलंपिक, एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल, पैरा-ओलंपिक में भारतीय भागीदारी।

खंड ब - व्यवहार

  • बुद्धि : संज्ञानात्मक बुद्धि, सामाजिक और संवेगात्मक बुद्धि, सांस्कृतिक बुद्धि, आध्यात्मिक बुद्धि।
  • व्यक्तित्व : शीलगुण व प्रकार, व्यक्तित्व के निर्धारक और व्यक्तित्व आंकलन ।
  • अधिगम और अभिप्रेरणा : अधिगम की शैलियाँ, स्मृति के प्रारूप और विस्मृति के कारण और अभिप्रेरणा का आंकलन।
  • प्रतिबल एवं प्रबंधन : प्रतिबल की प्रकृति, प्रकार, स्त्रोत, लक्षण एवं प्रभाव, प्रतिबल प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य का प्रोत्साहन।

खंड स - विधि

  • विधि की अवधारणा- स्वामित्व एवं कब्जा, व्यक्तित्व, दायित्व, अधिकार एवं कर्त्तव्य।
  • वर्तमान विधिक मुद्दे- सूचना का अधिकार, सूचना प्रौद्योगिकी विधि साइबर अपराध सहित
  • (अवधारणा, उद्देश्य, प्रत्याशाएं), बौद्धिक सम्पदा अधिकार (अवधारणा, प्रकार एवं उद्देश्य)।
  • स्त्रियों एवं बालकों के विरूद्ध अपराध- घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012, बाल श्रमिकों से संबंधित विधि।
  • माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007।
  • राजस्थान में महत्वपूर्ण भूमि विधियाँ-
    • (क) राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956
    • (ख) राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955

पेपर IV: सामान्य हिन्दी और सामान्य अंग्रेज़ी