हरियाणा पी.सी.एस. - प्रकृति एवं प्रक्रिया | 01 Aug 2021
परीक्षा की प्रकृति
हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित हरियाणा सिविल सेवा (HCS) परीक्षा तीन चरणों में संपन्न होती है। प्रतियोगी की गंभीरता, परिपक्वता एवं योग्यता को परखने के लिये तीनों ही चरणों की प्रकृति अलग-अलग होती है।
प्रथम चरण : प्रारंभिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकृति)
द्वितीय चरण : मुख्य परीक्षा (लिखित/वर्णनात्मक प्रकृति)
तृतीय चरण : साक्षात्कार (मौखिक प्रकृति)
क्र.सं. |
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्नपत्र |
कुल प्रश्न |
कुल अंक |
समयावधि |
एक-चौथाई (1/4) निगेटिव मार्विंग का प्रावधान है |
1. |
सामान्य अध्ययन |
100 |
100 |
2 घंटा |
|
2. |
सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) |
100 |
100 |
2 घंटा |
प्रारंभिक परीक्षा की प्रक्रिया
प्रारंभिक परीक्षा एकदिवसीय होती है। यह परीक्षा आयोग द्वारा निर्धारित तिथि पर राज्य के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर संपन्न कराई जाती है। इस परीक्षा में दो अनिवार्य प्रश्नपत्र ‘सामान्य अध्ययन-प्’ एवं ‘सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट’ (सीसैट) होते हैं। इसलिये परीक्षा का आयोजन भी प्रश्न-पत्रवार दो-दो घंटे की समयावधि की दो पालियों में कराया जाता है। दोनों पालियों के बीच 3 घंटे का अंतराल होता है। इस परीक्षा का उद्देश्य मुख्य परीक्षा के लिये अभ्यर्थियों का चयन (शॉर्टलिस्टिंग) करना है। अंतिम चयन सूची केवल मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर निर्मित की जाती है। प्रारंभिक परीक्षा में कट-ऑफ का निर्धारण प्रथम प्रश्नपत्र ‘सामान्य अध्ययन’ में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता है, जबकि द्वितीय प्रश्नपत्र ‘सीसैट’ का स्वरूप क्वालीफाइंग होता है। द्वितीय प्रश्नपत्र के लिये 33% क्वालीफाइंग अंक प्राप्त करना अनिवार्य होता है। ध्यातव्य है कि इस परीक्षा में प्रत्येक गलत उत्तर के लिये एक-चौथाई (1/4) निगेटिव मार्विंग का प्रावधान है।