पीसीएस
बिहार पीसीएस प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम
- 11 Apr 2023
- 15 min read
BPSC परीक्षा द्वारा बिहार सरकार की सिविल सेवाओं में उच्च पदों पर सीधी नियुक्ति होने के कारण इसे राज्य सरकार की सर्वाधिक प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित किया जाता है। इस परीक्षा द्वारा बिहार प्रशासनिक सेवा, बिहार पुलिस सेवा, बिहार वित्त सेवा, बिहार शिक्षा सेवा आदि पदों पर नियुक्ति की जाती है। BPSC परीक्षा की तैयारी भी लगभग संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की तरह ही की जाती है, अंतर यह है कि BPSC के लिये बिहार से संबंधित इतिहास, कला-संस्कृति, भूगोल, आर्थिक पहलुओं, बिहार के प्रशासन एवं बिहार से संबंधित समसामयिक घटनाओं के संबंध में विशेष तैयारी करनी होती है। BPSC प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु इससे संबंधित पाठ्यक्रम को भली-भाँति पढ़ना और समझना ज़रूरी है।
प्रारंभिक परीक्षा
प्रारंभिक परीक्षा दो घंटे की होती है, जिसमें सामान्य अध्ययन का एक प्रश्नपत्र 150 अंकों का होता है। प्रश्नपत्र हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में छपे होते हैं। प्रश्नों की कुल संख्या 150 होती है। सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकृति के बहुविकल्पीय होते हैं। प्रारंभिक परीक्षा की प्रकृति में संशोधन करके 69वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा से गलत उत्तर के लिये निगेटिव मार्किंग (एक तिहाई - 1/3 या 0.33 अंक) का प्रावधान किया गया है। प्रारंभिक परीक्षा महज जाँच परीक्षा होती है, जिसके आधार पर मुख्य परीक्षा हेतु उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। अत: इसमें प्राप्त किये गए अंकों का मुख्य परीक्षा से कोई संबंध नहीं होता है। इसमें उत्तीर्णता अनिवार्य होती है और इसके लिये आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हतांक प्राप्त करना होता है।
प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम : सामान्य अध्ययन
प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य विज्ञान, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाएँ, भारत का इतिहास तथा बिहार के इतिहास की प्रमुख विशेषताएँ, सामान्य भूगोल, बिहार के प्रमुख भौगोलिक प्रभाग तथा यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदियाँ, भारत की राजव्यवस्था और अर्थव्यवस्था, आज़ादी के पश्चात् बिहार की अर्थव्यवस्था के प्रमुख परिवर्तन, भारत का राष्ट्रीय आंदोलन तथा इसमें बिहार का योगदान एवं सामान्य मानसिक योग्यता को जाँचने वाले प्रश्न होंगे।
- सामान्य विज्ञान के अंतर्गत दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से संबंधित विषयों सहित विज्ञान की सामान्य जानकारी तथा परिबोध पर ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।
- इतिहास के अंतर्गत विषय के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में विषय की सामान्य जानकारी पर विशेष ध्यान दिया जाता है। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे बिहार के इतिहास की मुख्य घटनाओं से परिचित हों।
- भूगोल में ‘भारत तथा बिहार’ के भूगोल पर विशेष ध्यान दिया जाता है। ‘भारत तथा बिहार का भूगोल’ के अंतर्गत देश के सामाजिक तथा आर्थिक भूगोल से संबंधित प्रश्न होते हैं, जिनमें भारतीय कृषि तथा प्राकृतिक संसाधनों की प्रमुख विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं।
- भारत की राजव्यवस्था और अर्थव्यवस्था के अंतर्गत देश की राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, सामुदायिक विकास तथा भारतीय योजना (बिहार के संदर्भ में भी) संबंधी जानकारी का परीक्षण किया जाता है।
‘भारत के राष्ट्रीय आंदोलन’ के अंतर्गत उन्नीसवीं शताब्दी के पुनरुत्थान के स्वरूप और स्वभाव, राष्ट्रीयता का विकास तथा स्वतंत्रता प्राप्ति से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका पर पूछे गए प्रश्नों के भी उत्तर दें।
नोट: BPSC द्वारा अब समान प्रकृति वाले पदों के लिये होने वाली अलग-अलग प्रारंभिक परीक्षाओं की जगह साल में संयुक्त रूप से एक ही कॉमन प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद उसके स्कोर के आधार पर अभ्यर्थियों को अलग-अलग मुख्य (लिखित) परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलेगी। यह बदलाव 69वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा से लागू किया जाएगा।
मुख्य परीक्षा
मुख्य परीक्षा के अनिवार्य विषय:
विषय |
पूर्णांक |
परीक्षा की अवधि |
सामान्य हिन्दी |
100 अंक |
3 घंटे |
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र - I |
300 अंक |
3 घंटे |
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र - II |
300 अंक |
3 घंटे |
निबंध |
300 अंक |
3 घंटे |
वैकल्पिक विषय (MCQ आधारित) |
100 अंक |
2 घंटे |
टिप्पणी: सामान्य अध्ययन- I, सामान्य अध्ययन- II तथा निबंध में प्राप्त अंकों के आधार पर ही मुख्य परीक्षा की मेधा सूची तैयार की जाएगी।
नोट: 1. सामान्य हिन्दी में 30 प्रतिशत लब्धांक (अंक) प्राप्त करना अनिवार्य है, किंतु मेधा निर्धारण के प्रयोजनार्थ इसकी गणना नहीं की जाती है।
- वैकल्पिक विषय में बिहार राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम प्राप्तांक (सामान्य वर्ग-40%, पिछड़ा वर्ग-36.5%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग-34%, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिलाएँ तथा दिवयांग-32%) करना अनिवार्य होगा परंतु मेधा निर्धारण के प्रयोजनार्थ इसकी गणना नहीं की जाएगी।
वैकल्पिक विषय (MCQ पर आधारित)- प्रत्येक विषय 100 अंकों का (परीक्षा की अवधि 2 घंटे की)
विषय |
विषय |
कृषि विज्ञान |
पशुपालन तथा पशु चिकित्सा विज्ञान |
मानव विज्ञान |
वनस्पति विज्ञान |
रसायन विज्ञान |
सिविल इंजीनियरिंग |
वाणिज्यिक शास्त्र तथा लेखा विधि |
अर्थशास्त्र |
विद्युत इंजीनियरिंग |
भूगोल |
भू-विज्ञान |
इतिहास |
श्रम एवं समाज कल्याण |
विधि |
प्रबंध |
गणित |
यांत्रिक इंजीनियरिंग |
दर्शनशास्त्र |
भौतिकी |
राजनीति विज्ञान तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध |
मनोविज्ञान |
लोक प्रशासन |
समाजशास्त्र |
सांख्यिकी |
प्राणी विज्ञान |
हिन्दी भाषा और साहित्य |
अंग्रेज़ी भाषा और साहित्य |
उर्दू भाषा और साहित्य |
बांग्ला भाषा और साहित्य |
संस्कृत भाषा और साहित्य |
फारसी भाषा और साहित्य |
अरबी भाषा और साहित्य |
पालि भाषा और साहित्य |
मैथिली भाषा और साहित्य |
मुख्य परीक्षा के लिये मानक एवं पाठ्यक्रम की विवरणी
अनिवार्य विषय
सामान्य हिन्दी
इस प्रश्नपत्र में प्रश्न बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के माध्यमिक (सेकेंडरी) स्तर के होंगे। इस परीक्षा में सरल हिन्दी में अपने भावों को स्पष्टत: एवं शुद्ध-शुद्ध रूप में व्यक्त करने की क्षमता और सहज बोध शक्ति की जाँच समझी जाएगी। अंकों का विवरण निम्न प्रकार होगा-
निबंध - 30 अंक
व्याकरण - 30 अंक
वाक्य-विन्यास - 25 अंक
संक्षेपण - 15 अंक
सामान्य अध्ययन
इसके अंतर्गत दो प्रश्नपत्र होंगे-
सामान्य अध्ययन : प्रश्नपत्र- I
1. भारत का आधुनिक इतिहास और भारतीय संस्कृति
2. राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व का वर्तमान घटनाचक्र
3. सांख्यिकीय विश्लेषण, आरेखन व चित्रण
सामान्य अध्ययन : प्रश्नपत्र- II
1. भारतीय राजव्यवस्था
2. भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत का भूगोल
3. भारत के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका और प्रभाव
प्रश्नपत्र-I में आधुनिक भारत (तथा बिहार के विशेष संदर्भ में) के इतिहास और भारतीय संस्कृति के अंतर्गत लगभग उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य भाग से लेकर देश के इतिहास की रूपरेखा के साथ-साथ गांधी, रवीन्द्र और नेहरू से संबंधित प्रश्न भी सम्मिलित होंगे। बिहार के आधुनिक इतिहास के संदर्भ में प्रश्न इस क्षेत्र में पाश्चात्य शिक्षा (प्रौद्योगिकी शिक्षा समेत) के आरंभ और विकास से पूछे जाएंगे। इसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका से संबंधित प्रश्न रहेंगे। ये प्रश्न मुख्यत: संथाल विद्रोह, बिहार में 1857 की क्रांति, बिरसा का आंदोलन, चंपारण सत्याग्रह तथा 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन से पूछे जाएंगे। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे मौर्य काल तथा पाल काल की कला और पटना कलम चित्रकला की मुख्य विशेषताओं से परिचित होंगे। सांख्यिकीय विश्लेषण, आरेखन और सचित्र निरूपण से संबंधित विषयों में सांख्यिकीय आरेखन या चित्रात्मक रूप से प्रस्तुत सामग्री की जानकारी के आधार पर सहज बुद्धि का प्रयोग करते हुए कुछ निष्कर्ष निकालना और उसमें पाई गई कमियों, सीमाओं और असंगतियों का निरूपण करने की क्षमता की परीक्षा होगी।
प्रश्नपत्र-II में भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित खंड में भारत की (तथा बिहार की) राजनीतिक व्यवस्था से संबंधित प्रश्न होंगे। भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत तथा बिहार के भूगोल से संबंधित खंड में भारत की योजना और भारत के भौतिक, आर्थिक और सामाजिक भूगोल से संबंधित प्रश्न पूछ जाएंगे। भारत के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के महत्त्व और प्रभाव से संबंधित तीसरे खंड में ऐसे प्रश्न पूछे जाएंगे, जो भारत तथा बिहार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के महत्त्व के बारे में उम्मीदवार की जानकारी की परीक्षा करे। इनमें प्रायोगिक पक्ष पर बल दिया जाएगा।
निबंध
- यूपीएससी पैटर्न पर
- बिहार संबंधित विषय
निबंध का पेपर 300 अंकों का होगा। यह प्रश्नपत्र तीन भागों में विभक्त होगा। पहले और दूसरे भाग का निबंध यूपीएससी पैटर्न पर आधारित होगा जबकि तीसरे भाग में बिहार ओरिएंटेड विषय पर निबंध होगा।
वैकल्पिक विषय
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित वैकल्पिक विषय 100 अंकों का होगा जो अब वस्तुनिष्ठ प्रकृति का होगा। और साथ ही इसमें आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम प्राप्तांक अर्जित करना अनिवार्य होगा परंतु मेधा निर्धारण में इसकी गणना नहीं की जाएगी। वहीं पूरे पाठ्यक्रम को मिलाकर (खंड-1 और खंड 2) एक प्रश्नपत्र होगा।