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बिहार लोक सेवा आयोग - रणनीति

  • 12 Apr 2023
  • 14 min read

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिये, एक सुव्यवस्थित एवं प्रभावी रणनीति तैयार करना अत्यंत आवश्यक है। यह रणनीति आपकी तैयारी की दिशा निर्धारित करती है और परीक्षा की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप आपकी सफलता को सुनिश्चित करती है।

BPSC की संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा तीन चरणों (प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार) में आयोजित की जाती है। प्रत्येक चरण की सफलता पिछले चरण की उत्तीर्णता पर निर्भर करती है। इन तीनों चरणों की परीक्षा की प्रकृति एक-दूसरे से भिन्न होती है। अत: प्रत्येक चरण में सफलता सुनिश्चित करने के लिये पृथक रणनीति बनाने की आवश्यकता होती है।

BPSC संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (प्रारंभिक) के लिये रणनीति

  • पाठ्यक्रम का अध्ययन: सभी पहलुओं को शामिल करते हुए पाठ्यक्रम का गहन अध्ययन कीजिये।
    • परीक्षा की मांग और प्रासंगिकता के आधार पर विषयों को प्राथमिकता दीजिये।
    • इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था, सामान्य विज्ञान, गणित, बिहार राज्य विशेष और करेंट अफेयर्स जैसे विषयों का अच्छे से अध्ययन कीजिये।
    • विगत वर्ष के प्रश्नों को वर्गीकृत करके उनकी प्रैक्टिस कीजिये तथा सामान्य मानसिक क्षमता पर ध्यान केंद्रित कीजिये।
  • विगत वर्ष के प्रश्नों का विश्लेषण: विगत 5 से 10 वर्षों में प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों का सूक्ष्म अवलोकन करें।
    • उन टॉपिक्स तथा विषयों पर ज़्यादा ध्यान दें, जिनसे विगत वर्षों में प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति ज़्यादा रही है।
    • प्रारंभिक परीक्षा में भी प्रश्नों की प्रकृति वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पीय) प्रकार की होती है। अत: इसमें तथ्यों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
  • शोर्ट नोट्स की भूमिका:
    • तथ्यात्मक जानकारी पर शोर्ट नोट्स तैयार कीजिये, जैसे कि भारतीय संविधान के 25 भाग। इन्हें याद रखने के लिये नियमित रूप से रिवीज़न कीजिये।
    • बिहार राज्य विशेष के संदर्भ में ऐतिहासिक घटनाक्रम, स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका तथा भूगोल विषय में बिहार के भूगोल पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता।
  • संकल्पनात्मक और तथ्यात्मक जानकारियों पर विशेष ध्यान:
    • पाठ्यक्रम के महत्त्वपूर्ण सेक्शंस के लिये अवधारणाओं और तथ्यों की व्यापक समझ विकसित करना सहायक होगा।
    • उदाहरण: ‘मौर्य वंश’ का वास्तविक संस्थापक कौन था?, कौन-सी नदी ‘बिहार के शोक’ के नाम से जानी जाती है?" जैसे तथ्यों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
  • प्रासंगिक अध्ययन सामग्री:
    • सामान्य विज्ञान के टॉपिक्स को कवर करने के लिये दृष्टि आईएएस की सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्विक बुक का उपयोग कीजिये।
    • करेंट अफेयर्स की तैयारी के लिये दृष्टि वेबसाइट एवं दृष्टि की मासिक मैगज़ीन दृष्टि अफेयर्स टुडे का उपयोग कीजिये।
    • संस्थागत विषयों के लिये प्रकाशन विभाग (भारत सरकार) द्वारा जारी इंडिया ईयर बुक का उपयोग कीजिये।
  • प्रैक्टिस मॉक पेपर:
    • मॉक पेपर और विगत वर्ष के पेपर्स को दो घंटे की समय सीमा के भीतर हल कीजिये।
    • विषय की बेहतर समझ के लिये विगत वर्षों में रिपीटेड हुए प्रश्नों को हल कीजिये।

BPSC संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (मुख्य) के लिये रणनीति

मुख्य परीक्षा की प्रकृति वर्णनात्मक होती है जिस कारण यह प्रारंभिक परीक्षा से भिन्न होती है। चूँकि मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम मेरिट सूची में जोड़ा जाता है अत: परीक्षा का यह चरण अत्यंत महत्त्वपूर्ण एवं निर्णायक होता है। नीचे मुख्य परीक्षा के प्रत्येक घटक के लिये एक संरचित रणनीति दी गई है।

सामान्य हिंदी (क्वालिफाइंग पेपर)

  • महत्त्व: उत्तीर्ण होने के लिये अभ्यर्थियों को कम-से-कम 30 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे। परिणाम की दृष्टि से परीक्षा में इस पेपर की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि इसमें असफल होने वाले अभ्यर्थियों के शेष पेपरों की उत्तर-पुस्तिका का मूल्यांकन ही नहीं किया जाता है।
  • तैयारी के लिये सुझाव:
    • हिंदी व्याकरण (उपसर्ग, प्रत्यय, विलोम शब्द आदि) की समझ, संक्षिप्त सार, अपठित गद्यांश इत्यादि की अच्छी जानकारी आवश्यक है।
    • इसके लिये हिंदी की मानक पुस्तकें जैसे- वासुदेवनंदन, हरदेव बाहरी द्वारा लिखित पुस्तकों का अध्ययन लाभदायक रहेगा।
    • हिंदी में दक्षता के लिये नियमित उत्तर लेखन का अभ्यास कीजिये।

सामान्य अध्ययन पेपर 1

  • पाठ्यक्रम के मुख्य बिंदु:
    • आधुनिक भारत का इतिहास और भारतीय संस्कृति।
    • राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के वर्तमान घटनाक्रम।
    • सांख्यिकीय विश्लेषण, आरेखन और चित्रण।
  • तैयारी के लिये सुझाव:
    • भारत का आधुनिक इतिहास और भारतीय संस्कृति तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के वर्तमान घटनाक्रम का अध्ययन बिहार राज्य विशेष के संदर्भ में करना प्रासंगिक है, क्योंकि इनसे संबंधित ज़्यादातर प्रश्न बिहार से जुड़े हुए होते हैं, जैसे-
      • 1857 के विद्रोह में बिहार की भूमिका
      • चंपारण सत्याग्रह, संथाल विद्रोह, मुंडा विद्रोह, भारत छोड़ो आंदोलन में बिहार की भूमिका।
    • राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के वर्तमान घटनाक्रम के अध्ययन के लिये इस खंड से संबंधित प्रारंभिक परीक्षा के लिये अपनाई गई रणनीति का विस्तृत अध्ययन करना समुचित होगा।
    • सांख्यिकीय विश्लेषण के लिये NCERT की पुस्तकों का उपयोग कीजिये तथा आरेखन एवं चित्रण के लिये विगत वषों में पूछे गए प्रश्नों का प्रतिदिन अभ्यास करना लाभदायक रहेगा।

सामान्य अध्ययन पेपर 2

  • पाठ्यक्रम के मुख्य बिंदु:
    • भारतीय राजव्यवस्था एवं भारतीय अर्थव्यवस्था।
    • भारत का भूगोल।
    • भारत के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका और प्रभाव।
  • तैयारी के लिये सुझाव:
    • इस पेपर के भी संपूर्ण पाठ्यक्रम का अध्ययन बिहार राज्य विशेष के संदर्भ में करना प्रासंगिक है, क्योंकि इनसे संबंधित ज़्यादातर प्रश्न बिहार से जुड़े हुए होते हैं।
    • अधोलिखित प्रारूप में अनुप्रयोगात्मक प्रश्नों का अभ्यास कीजिये:
      • "भारत के संदर्भ में सुदूर संवेदी उपग्रह की उपयोगिता का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये।"
      • "4G/5G तकनीक क्या है और दैनिक जीवन में इसका उपयोग कैसे किया जाता है?"
    • वैचारिक स्पष्टता विकसित कीजिये और पाठ्यक्रम में शामिल विषयों के वास्तविक विश्व में अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित कीजिये।

निबंध पेपर

  • महत्त्व: निबंध के पेपर में अधिक अंक प्राप्त करना, समग्र रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार कर सकता है।
  • तैयारी के लिये सुझाव:
    • निम्नलिखित प्रारूप में तार्किक रूप से संरचित निबंध लिखें:
      • परिचय: प्रश्न के मूल बिंदुओं पर केंद्रित परिचय लिखिये।
      • मुख्य भाग: मुख्य भाग में तर्क समर्थित विश्लेषण के साथ तथ्यों को भी अपने बिंदुओं में शामिल कीजिये।
      • निष्कर्ष: मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में बताते हुए अपने निबंध को सारांशित कीजिये।
    • विगत वर्षों के चर्चित मुद्दों पर निबंध लिखने का नियमित अभ्यास कीजिये।
    • निबंध शैली एवं प्रारूप पर मार्गदर्शन दृष्टि IAS की निबंध की पुस्तक से ले सकते हैं।

वैकल्पिक पेपर (क्वालिफाइंग पेपर)

  • यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ (MCQ) आधारित होगी, जिसके अंक मेरिट सूची में नहीं जोड़े जाएंगे।
  • तैयारी के लिये सुझाव:
    • वैकल्पिक विषय का चयन आप अपनी रुचि, शैक्षणिक पृष्ठभूमि के आधार पर करें तथा प्रयास करें की आपके द्वारा चयनित विषय सामान्य अध्ययन पाठ्यक्रम के साथ ओवरलैप करता हो। 
      • वैकल्पिक विषय का चयन करते समय आप उस विषय में संसाधनों की उपलब्धता, अंक प्राप्ति की संभावना तथा पाठ्यक्रम का आकार अवश्य सुनिश्चित कीजिये। 
      • विगत वर्ष के प्रश्न-पत्रों की समीक्षा कीजिये और समुचित निर्णय लेने के लिये टॉपर्स से फीडबैक भी लें।
    • वैकल्पिक विषयों की प्रभावी तैयारी के लिये प्रारंभिक परीक्षा के समान रणनीति अपनाएँ।

वर्णनात्मक प्रकृति के पेपरों के लिये सामान्य सुझाव

  • लेखन शैली:
    • उत्तरों में स्पष्टता, सटीकता और तार्किकता सुनिश्चित कीजिये।
    • शब्द सीमा का पालन कीजिये और प्रश्नों के मूल विषय के साथ सुसंगति बनाए रखें।
  • समय प्रबंधन:
    • गति और सटीकता विकसित करने के लिये निर्धारित समय के भीतर मॉक टेस्ट पूरा करने का अभ्यास कीजिये।
  • नियमित अभ्यास:
    • लेखन में निरंतरता, नियमित अभ्यास और विषय की गहन समझ से आती है।

साक्षात्कार के लिये रणनीति 

  • अपने DAF और करंट अफेयर्स की जानकारी रखें: अपने विस्तृत आवेदन प्रपत्र (DAF) में शैक्षणिक पृष्ठभूमि और रूचि सहित सभी विवरणों से परिचित रहें। राष्ट्रीय और बिहार-विशिष्ट करंट अफेयर्स से अपडेट रहें।
  • मुख्य विषयों का रिवीज़न करें: अपने शैक्षणिक विषयों, वैकल्पिक पेपर और सामान्य अध्ययन से संबंधित प्रश्नों की तैयारी कीजिये। स्पष्टता और संक्षिप्त उत्तरों पर ध्यान दीजिये।
  • बिहार के इतिहास और संस्कृति की जानकारी रखें: बिहार के ऐतिहासिक आंदोलनों, सांस्कृतिक विरासत और हाल के घटनाक्रमों का अध्ययन कीजिये, क्योंकि वे अक्सर साक्षात्कार प्रश्नों का केंद्र होते हैं।
  • संचार कौशल का अभ्यास कीजिये: उच्चारण, शारीरिक भाषा और आत्मविश्वास एवं सौम्यता पूर्ण व्यवहार रखें।
  • दृष्टि आईएएस जैसी विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित मॉक इंटरव्यू में शामिल हों, यह प्रक्रिया निश्चित तौर पर बोर्ड के समक्ष जाने से पहले आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायता करेगी।
  • शांत और नैतिक रहें: साक्षात्कार के दौरान धैर्य बनाए रखें, यदि आपको कोई उत्तर नहीं पता है तो उसे स्वीकार कीजिये तथा सुनिश्चित कीजिये कि आपके उत्तर नैतिक और लोक सेवा मूल्यों को प्रतिबिंबित करते हों।

BPSC परीक्षा में सफलता के लिये स्मार्ट प्लानिंग, निरंतर प्रयास और अनुकूलनशीलता का संयोजन आवश्यक है। पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझकर, सही संसाधनों का लाभ उठाकर और लगन से अभ्यास करके, अभ्यर्थी प्रत्येक चरण में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। अपनी तैयारी के प्रति केंद्रित, आत्मविश्वासी और प्रतिबद्ध रहने से अभ्यर्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।











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