मध्य प्रदेश
विश्व विख्यात साँची बनेगा सोलर सिटी
- 10 Dec 2022
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चर्चा में क्यों?
9 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रायसेन ज़िले में स्थित एक छोटा सा कस्बा साँची, जो स्तूपों और बौद्ध तीर्थ स्थल के लिये विश्वविख्यात है, अब जल्द ही देश की पहली सोलर सिटी के रूप में भी जाना जाएगा। साँची में सौर ऊर्जा से 7.3 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- सोलर सिटी बनने से बिजली आपूर्ति में आत्म-निर्भर होने के साथ ही साँची की अगले पाँच वर्षों की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति सौर ऊर्जा से सुनिश्चित होगी। साथ ही सौर स्ट्रीट लाइट, गार्डन लाइट, स्टड लाइट, हाई-मास्ट लाइट, सौर पेयजल कियोस्क, लोक परिवहन के लिये बैटरी चालित ई-रिक्शा, चार्जिंग स्टेशन, अक्षय ऊर्जा आधारित संयंत्र विंड टर्बाइन एवं पिजो इलेक्ट्रिक जनरेटर्स स्थापित किये जाएंगे।
- इसी क्रम में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा साँची में ग्रीन इनर्जी को बढ़ावा देने एवं सोलर रूफटॉप लगाने के लिये आम जन को प्रेरित करने के उद्देश्घ्य से 12 से 18 दिसंबर तक साँची में सोलर रूफटॉप नोडल एजेंसियों के माध्यम से जन-जागृति शिविर लगाए जाएंगे। शिविर में सोलर लगाने के लाभ एवं सोलर रूफटॉप लगाने की प्रक्रिया के बारे में बताया जाएगा।
- सोलर रूफटाप : लाभ एक नज़र में
- अपने घर/ग्रुप हाउसिंग सोसायटी की छत या खुली जगह पर सोलर पैनल लगाएँ और बिजली पर होने वाले खर्च को बचाएँ।
- सोलर पैनल से बिजली 25 साल तक मिलेगी और इसके लगाने के खर्च का भुगतान 4-5 वर्षों में बराबर हो जाएगा। इसके बाद अगले 20 वर्षों तक सोलर से बिजली का लाभ सतत् मिलता रहेगा।
- इससे कार्बन फुटप्रिंट कम होगा और पर्यावरण को लाभ मिलेगा।
- एक किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा पैनल के लिये लगभग 100 स्क्वायर फुट जगह की ज़रूरत होगी।
- 3 किलोवाट तक के सोलर प्लांट पर 40 प्रतिशत की सब्सिडी और 3 किलोवाट के बाद 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत की सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा मिलेगी।
- सोलर प्लांट लगाने पर खर्च: ग्रुप हाउसिंग सोसायटी को कॉमन सुविधा वाले संयोजन पर 500 किलोवाट तक (10 किलोवाट प्रति घर) 20 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।