छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने वर्ल्ड बैंक ने मंजूर की 2460 करोड़ रुपए की राशि
- 28 Jun 2023
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चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छतीसगढ़ के स्कूलों में बेहतर आधारभूत ढाँचे के साथ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, सीनियर सेकेंडरी स्तर पर विज्ञान एवं वाणिज्य की शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिये वर्ल्ड बैंक ने छत्तीसगढ़ को लगभग 2460 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। इस परियोजना से गरीब और कमजोर वर्ग से आने वाले लगभग 40 लाख छात्र लाभान्वित होंगे।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने के साथ ही गरीब वर्ग के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये स्वामी आत्मानंद इंग्लिश एवं हिन्दी माध्यम के उत्कृष्ट स्कूल प्रारंभ किये जा रहे हैं। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नवाचारी पहल भी किये जा रहे हैं।
- सभी स्तरों में शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करने, सीनियर सेकेंडरी स्तर पर साइंस और कॉमर्स की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ एक्सीलरेटेड लर्निंग फॉर नॉलेज इकोनॉमी ऑपरेशन (चाक) परियोजना शुरू की गई है। इस परियोजना के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में भी अध्ययन-अध्यापन की बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- इसी कड़ी में वर्ल्ड बैंक की मदद से राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान और वाणिज्य शिक्षा को प्रोत्साहित करने, विज्ञान और गणित शिक्षकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ प्रयोगशालाओं में आवश्यक बुनियादी ढाँचे को मजबूत बनाने, दूरस्थ स्थानों से पढ़ाई के लिये आने वाले छात्रों के लिये आवास की व्यवस्था, स्कूलों में छात्रों का नामांकन दर बढ़ाने तथा गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिये प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
- वर्ल्ड बैंक की इस परियोजना से कक्षा 1 से 12वीं तक के लगभग 600 मॉडल स्कूलों को विकसित और संचालित करने में मदद मिलेगी तथा माध्यमिक स्तर पर विज्ञान और वाणिज्य की शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा।
- स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों, मजबूत नेतृत्व और प्रबंधन सीखने के लिये पर्याप्त बुनियादी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। परियोजना से कोविड-19 के दौरान लर्निंग लॉस में कमी आएगी।
- परियोजना से अध्यापकों के प्रशिक्षण से शिक्षकों की कक्षा में अध्यापन की क्षमता बेहतर होने के साथ ही छात्रों की विषय-वस्तु को सीखने की क्षमता बढ़ेगी। इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ते निर्माण और सेवा क्षेत्रों में युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।