राजस्थान
‘अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन इन इंडिया’ पर कार्यशाला
- 24 Mar 2023
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चर्चा में क्यों?
23 मार्च, 2023 को राजस्थान की शिक्षा मंत्री जाहिदा खान ने जयपुर में ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (एनआईईपीए)’ की ओर से भारत में प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा की गुणवत्ता एवं सार्वभौमीकरण के लिये शासन के अभिसरण और प्रबंधन (कनवर्जेंस एंड मैनेजमेंट फॉर यूनिवर्सेलाइजेशन एंड क्वालिटी अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन इन इंडिया) पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- कार्यशाला में 16 राज्यों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
- शिक्षा मंत्री जाहिदा खान ने बताया कि राजस्थान में ‘प्रारंभिक बाल्यावस्था में बच्चों की देखभाल और उनकी शिक्षा’ (अर्ली चाईल्डहुड केयर एंड एजुकेशन-ईसीसीई) पर विशेष फोकस करते हुए कई नवाचार किये जा रहे हैं, जो देश के अन्य राज्यों के लिये अनुकरणीय है। आंगनबाड़ी केंद्रों को स्कूलों में समाहित करने जैसे राजस्थान के नवाचारों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शामिल किया गया है।
- उन्होंने बताया कि राजस्थान के करीब 68 हज़ार से अधिक स्कूलों में ‘स्कूल रेडीनेस प्रोग्राम’ को लागू किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत करीब 62 हज़ार आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है, इनमें से प्रारंभिक बाल्यावस्था में बच्चों देखभाल और शिक्षा पर फोकस करते हुए 42 हज़ार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों को शिक्षा विभाग के साथ जोड़ा जा चुका है।
- बाल्यावस्था में 1 से 6 वर्ष की आयु में बच्चों के सर्वोत्तम विकास को सबसे नाजुक माना गया है, राज्य सरकार द्वारा इस लिहाज से समय की आवश्यकता के अनुरूप ईसीसीई के महत्त्वूपर्ण घटकों की पहचान कर इस दिशा में ज़ोर-शोर से कार्य किया जा रहा है।
- राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहनलाल यादव ने बताया कि बच्चों पर आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूल और घर पर अनावश्यक मानसिक दबाव को खत्म करने के लिये राजस्थान में इस स्तर की पाठ्य पुस्तकों का संक्षिप्तीकरण करते हुए कोर्स को कम करने और शनिवार को ‘नो बैग डे’ जैसा नवाचार लागू करने की पहल की गई है।
- प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्कूलों में समाहित करते हुए अब तक 37 हज़ार से अधिक आंगनबाड़ियों में ‘चाईल्ड फ्रेंडली फर्नीचर’और 34 हज़ार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिये आऊटडोर खेलों की सामग्री उपलब्ध कराई गई है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे, परफोरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स और खेलों इंडिया जैसे प्रोग्राम में राजस्थान पूरे देश में अव्वल है।
- एनआईईपीए की प्रोफेसर डॉ. रश्मिता दास ने ईसीसीई के बारे में बताया कि देश में 3 से 6 साल तक के बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार द्वारा वहन की जा रही है, जिसमें पहले निजी क्षेत्र का एकाधिकार था, इसमें सिविल सोसाईटी भी अपना योगदान दे रही है।
- पूरे देश में एक समान प्री-प्राईमरी एजुकेशन के लिये एक ऐसा फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है, जिसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा सके।