उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में महिलाओं द्वारा संचालित सौर ऊर्जा दुकानें
- 11 Apr 2025
- 4 min read
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री युवा साथी योजना के तहत 3,304 सौर ऊर्जा संचालित दुकानें शुरू करने जा रही है, जिससे महिलाओं को स्वतंत्र रूप से स्थायी खुदरा दुकानें चलाने में सशक्त बनाया जा सकेगा।
मुख्य बिंदु
- महिलाओं को सशक्त बनाना::
- मुख्यमंत्री युवा साथी योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा से चलने वाली खुदरा दुकानें स्थापित करके महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
- चयनित महिलाएँ स्वतंत्र रूप से इन दुकानों का संचालन करेंगी, जिससे उन्हें स्वामित्व और व्यावसायिक स्वायत्तता प्राप्त होगी।
- ज़िलेवार चयन और कार्यान्वयन:
- सौर ऊर्जा से चलने वाली दुकानों के प्रबंधन के लिये ज़िला स्तर पर महिला उद्यमियों का चयन किया जाएगा।
- यह योजना स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों को लक्षित करती है।
- प्रदेश के 826 ब्लॉकों में चार-चार सोलर शॉप खोली जाएंगी। महिलाओं को सोलर फ्रीजर, सोलर कोल्ड स्टोरेज, सोलर आटा चक्की, सोलर ड्रायर, सोलर फूड प्रोसेसिंग मशीन जैसे Distributed Renewable Energy (DRE) उत्पादों से जोड़ा जाएगा।
- हर ग्राम पंचायत में एक महिला को "सूर्य सखी" और 10,000 पर्यावरण सखियों का गठन भी किया जाएगा।
- लखनऊ में एक सोलर निर्माण इकाई की स्थापना की जाएगी।
- सरकार दुकान प्रबंधन और सौर उपकरण संचालन में व्यापक प्रशिक्षण भी प्रदान करेगी।
- हरित ऊर्जा और रोजगार को बढ़ावा देना:
- यह योजना पारंपरिक बिजली पर निर्भरता को कम करके स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देती है।
- कम परिचालन लागत और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग परियोजना को पर्यावरण के अनुकूल बनाता है।
- साथ ही, यह स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देता है और सरकारी उद्यमिता पहलों में भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
- उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के अंतर्गत महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ते हुए उन्हें विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों के माध्यम से स्वरोज़गार उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM)
- UPSRLM को मई 2020 में COVID-19 लॉकडाउन के दौरान शुरू किया गया था।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में 58,000 बीसी सखियों की नियुक्ति करना है।
- वर्तमान में 38,435 बीसी सखियाँ कार्यरत हैं, जिन्हें प्रशिक्षण दिया जा चुका है और भारतीय बैंकिंग एवं वित्त संस्थान (IIBF) से प्रमाणित भी किया गया है।
- यह मॉडल उन क्षेत्रों में, जहाँ बैंकिंग सेवाएँ सीमित या अनुपलब्ध हैं, वित्तीय सेवाएँ पहुँचाने का एक लागत प्रभावी और टिकाऊ माध्यम सिद्ध हुआ है।
- BC सखियों को उनके बैंकिंग व्यवसाय को स्थायित्व देने हेतु प्रारंभिक छह महीनों तक प्रति माह ₹4,000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है।