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छत्तीसगढ़

राजनांदगाँव ज़िला महिला सशक्तीकरण की दिशा में देश के अग्रणी जिलों में शुमार

  • 01 Jul 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नीति आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ के आकांक्षी ज़िला राजनांदगाँव को महिला सशक्तीकरण और उनके हित की दिशा में बेहतरीन कार्य करने के लिये अग्रणी जिलों में शुमार किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • जिले में किये गए उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा ‘महिलाओं एवं बच्चों पर प्रभाव’ थीम पर राँची में आयोजित जोनल मीटिंग में शामिल होने के लिये कलेक्टर को आमंत्रित किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि ज़िला कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में राजनांदगाँव जिले में गोठान को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिये गोठान में उन्हें कार्य कर आत्मनिर्भर करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  • समूह से जुड़ी महिलाएँ स्थानीय स्तर पर पापड़, बड़ी, अचार, मसाला जैसे विभिन्न उत्पाद बना रही हैं, जिनकी स्कूलों, आँगनबाड़ी केंद्रों एवं छात्रावास में आपूर्ति की जा रही है।
  • समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये उन्हें ऋण प्रदान किया गया है, जिससे उन्हें रोजगार मिला है। सी-मार्ट एवं गोठान परिसर के माध्यम से स्थानीय उत्पादों की बिक्री कर सशक्त बनाया जा रहा है। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन में दुकान का निर्माण कर विक्रय किया जा रहा है।
  • जिले में आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं द्वारा एनीमिक किशोरी बालिका, गर्भवती महिलाओं एवं अन्य महिलाओं के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिये निरंतर कार्य किया जा रहा है। महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण एवं शिक्षा के लिये घर-घर जाकर जागरूक किया जा रहा है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में किशोरी बालिकाओं के शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक विकास से संबंधित कार्यशालाएँ आयोजित की जा रही हैं। नवविवाहितों को उनके आने वाले जीवन व मातृत्व से संबंधित जानकारी प्रदान की जा रही है, साथ ही आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिये विभिन्न योजनाओं के बारे में स्वसहायता समूहों की कार्य प्रणाली से अवगत कराया जा रहा है।
  • ‘प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना’ के अंतर्गत जिले में 125 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर उपलब्धि हासिल की गई है। ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ एवं ‘महतारी जतन योजना’ के अंतर्गत पौष्टिक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
  • पोषण मेला, पौष्टिक व्यंजनों से संबंधित प्रतियोगिता एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय रूप से उपलब्ध भोजन एवं पौष्टिक आहार की जानकारी दी जा रही है।
  • 15 से 49 वर्ष आयु की किशोरी बालिका एवं महिलाओं में एनीमिया दूर करने हेतु स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर एनीमिया जाँच तथा एनीमिक पाए जाने पर आवश्यक दवाइयाँ (आयरन, फोलिक एसिड) उपलब्ध कराई जा रही है। जिले में नशाबंदी के लिये पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए ‘निजात अभियान’ के तहत समूह की महिलाएँ जागरूक होकर कार्य कर रही हैं।
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