उत्तर प्रदेश
2 साल में 2 मातृत्व अवकाश ले सकती है महिला
- 17 Jun 2022
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चर्चा में क्यों?
16 जून, 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मातृत्व अवकाश के मामले में महिला कर्मचारियों को 2 साल में 2 मातृत्व अवकाश देने का बड़ा फैसला दिया है।
प्रमुख बिंदु
- हाईकोर्ट ने कहा कि मातृत्व लाभ अधिनियम में ऐसी कोई बंदिश नहीं है कि दो साल के बाद ही मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाए। यह लाभ दो साल के अंदर भी दिया जा सकता है। किसी महिला कर्मचारी को दो साल में दो मातृत्व अवकाश का लाभ न देना कानून के खिलाफ है।
- यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ ने फिरोजाबाद के उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला बालू में तैनात सहायक अध्यापिका सुनीता यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
- याची ने 2020 में 180 दिनों का वैतनिक मातृत्व अवकाश लिया था। इसके बाद उसने दूसरे मातृत्व अवकाश के लिये मई, 2022 में BSA को आवेदन किया। BSA ने याची के आवेदन को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि दो मातृत्व अवकाशों के बीच दो साल का अंतराल ज़रूरी है।
- विदित है कि मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के अनुसार गर्भवती महिला 26 सप्ताह यानी साढ़े छह महीने तक मातृत्व अवकाश की पात्र होती है। यह प्रसव की अनुमानित तारीख से 8 सप्ताह पहले से शुरू हो सकती है। मगर, इस अवकाश के साथ यह शर्त जुड़ी है कि कोई भी महिला अपनी पहली दो गर्भावस्थाओं के लिये यह अवकाश ले सकती है। तीसरा बच्चा होने पर 12 सप्ताह के लिये मैटरनिटी लीव देने का प्रावधान भी इसमें शामिल है।
- कोर्ट ने कहा कि मातृत्व लाभ अधिनियम के अनुसार याची को मातृत्व अवकाश दिया जाना न्याय के हिसाब से है। फाइनेंशियल हैंडबुक में दिये नियम मातृत्व लाभ अधिनियम के प्रावधानों को निष्प्रभावी नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने BSA के आदेश को रद्द करते हुए याची को 180 दिनों का वैतनिक मातृत्व अवकाश देने का आदेश दिया।