नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


मध्य प्रदेश

कान्हा टाइगर रिज़र्व में जंगली भैंसें बसाएगी सरकार

  • 05 Dec 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

4 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के पीसीसीएफ वन्यप्राणी, जे.एस. चौहान ने कहा कि कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में जंगली भैंसें बसाने की तैयारी है। वन विभाग असम सरकार को पत्र लिखकर जंगली भैंसों की मांग करेगा।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में आज से 40 साल पहले जंगली भैंसें पाए जाते थे। धीरे-धीरे वे विलुप्त हो गए। अब राज्य सरकार एक बार फिर प्रदेश के जंगल को जंगली भैंसों से आबाद करने का प्रयास कर रही है।
  • एशियाई जंगली भैंसों की संख्या वर्तमान में चार हजार से भी कम रह गई है। एक सदी पहले तक पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में बड़ी तादाद में पाए जाने वाले जंगली भैंसें आज केवल भारत, नेपाल, बर्मा और थाईलैंड में ही पाए जाते हैं।
  • भारत में असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ये पाए जाते हैं। मध्य भारत में ये छत्तीसगढ़ में गरियाबंद ज़िले के सीतानदी-उदंती टाइगर रिज़र्व और बीजापुर ज़िले के कुटरु में स्थित इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं।
  • जंगली भैंसों की एक प्रजाति, जिसके मस्तक पर सफेद निशान होता है, पहले मध्य प्रदेश के वनों में भी पाई जाती थी, लेकिन अब विलुप्त है।
  • मादा जंगली भैंस अपने जीवन काल में पाँच बच्चों को जन्म देती है। इनकी जीवन अवधि नौ साल की होती है। आम तौर पर मादा जंगली भैंसे और उनके बच्चे झुंड बनाकर रहती हैं और नर झुंड से अलग रहते हैं। लेकिन यदि झुंड की कोई मादा गर्भ धारण के लिये तैयार होती है तो सबसे ताकतवर नर उसके पास किसी और नर को नहीं आने देता। यह नर आम तौर पर झुंड के आसपास ही बना रहता है।
  • नर बच्चे दो साल की उम्र में झुंड छोड़ देते हैं। जंगली भैंसा का जन्म अक्सर बारिश के मौसम के अंत में होता है। यदि किसी बच्चे की माँ मर जाए तो दूसरी मादाएँ उसे अपना लेती हैं।
  • जंगली भैंसों को सबसे बड़ा खतरा पालतू मवेशियों की संक्रमित बीमारियों से है, इनमें प्रमुख बीमारी फुट एंड माउथ है। रिडंर्पेस्ट नाम की बीमारी ने एक समय इनकी संख्या में बहुत कमी ला दी थी।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow