भीमबेटका रॉक पेंटिंग और आश्रय पर हुआ वेबिनार | 25 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट और विश्व की सबसे पुरानी रॉक पेंटिंग में से एक भीमबेटका रॉक पेंटिंग और आश्रय पर वेबिनार आयोजित किया गया।
प्रमुख बिंदु
इस वेबिनार में देश और प्रदेश के गाइड, पुरातत्त्वविद् तथा इतिहास प्रेमियों ने हिस्सा लिया।
- वेबिनार में सेंट्रल इंडिया के रीजनल गाइड भोपाल के अजय सिंह चौहान ने बताया कि भीमबेटका रॉक पेंटिंग में 4 कलर (लाल, सफेद, हरा और पीले) का उपयोग किया गया है। ये सभी कलर पत्तियाँ, पत्थर, हेमेटाइट आदि प्राकृतिक स्रोतों से बनाये गए हैं।
- भीमबेटका में नृत्य और संगीत, बॉडी आर्ट, आखेट और पशुओं को चित्रित किया गया है। इस प्रकार की पेंटिंग्स को पिक्टोग्राफ कहा जाता है।
- भीमबेटका रॉक पेंटिंग और आश्रय में मानव जीवन की यात्रा चित्रित की गई है, जिसमें जीवन की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियाँ, पशु, आखेट, जंगल में उपयोगी चीज़ें एकत्रित करना आदि दिखाया गया है।
- उल्लेखनीय है कि भीमबेटका रॉक पेंटिंग और आश्रय भारत में यूनेस्को की विश्व धरोहर रॉक साइट है। यह प्रागैतिहासिक रॉक पेंटिंग और रॉक शेल्टर के लिये बहुत लोकप्रिय है।
- आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की कार्बन डेटिंग प्रक्रिया के अनुसार भीमबेटका की रॉक पेंटिंग 30 से 35 हज़ार वर्ष पुरानी है। प्रसिद्ध पुरातत्त्वविद् विष्णु श्रीधर वाकणकर ने 1957-58 में नागपुर की यात्रा के दौरान विंध्य पर्वत श्रेणी में भीमबेटका की खोज की थी।
- हाल ही में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने भीमबेटका से एक फॉसिल की खोज की है, जो करीब ढ़ाई करोड़ वर्ष पुराना है। इस प्रकार के फॉसिल यूक्रेन, रूस और चीन में भी मिले हैं।