बिहार
वक्फ बोर्ड ने बिहार के एक गाँव पर दावा किया
- 28 Aug 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार वक्फ बोर्ड ने गोविंदपुर गाँव के ग्रामीणों को नोटिस भेजकर 30 दिनों के भीतर ज़मीन खाली करने को कहा है।
मुख्य बिंदु
- ये नोटिस मिलने के बाद सभी भूस्वामियों ने पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
- उच्च न्यायालय ने कहा कि यह भूमि वर्ष 1910 से याचिकाकर्त्ताओं के वंशजों के नाम पर है।
- अगस्त 2024 में संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 भी प्रस्तुत किया गया।
वक्फ बोर्ड
- वक्फ बोर्ड एक कानूनी इकाई है जो संपत्ति अर्जित करने, रखने और हस्तांतरित करने में सक्षम है। यह न्यायालय में मुकदमा कर सकता है तथा उस पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
- यह वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है, खोई हुई संपत्तियों को वापस प्राप्त करता है और बिक्री, उपहार, बंधक ऋण या गिरवी कर्ज, विनिमय या पट्टे के माध्यम से अचल वक्फ संपत्तियों के हस्तांतरण को मंज़ूरी देता है, जिसमें बोर्ड के कम-से-कम दो-तिहाई सदस्य लेन-देन के पक्ष में मतदान करते हैं
- वर्ष 1964 में स्थापित केंद्रीय वक्फ परिषद (CWC) पूरे भारत में राज्य स्तरीय वक्फ बोर्डों की देख-रेख और सलाह देती है।
- वक्फ बोर्ड को भारत में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद तीसरा सबसे बड़ा भूमिधारक कहा जाता है।
वक्फ अधिनियम (संशोधन विधेयक), 2024 में प्रमुख संशोधन
- पारदर्शिता: विधेयक में मौजूदा वक्फ अधिनियम में लगभग 40 संशोधनों की रूपरेखा दी गई है, जिसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये वक्फ बोर्डों को सभी संपत्ति दावों हेतु अनिवार्य सत्यापन से गुज़रना होगा
- लिंग विविधता: वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 9 और 14 में संशोधन किया जाएगा ताकि वक्फ बोर्ड की संरचना एवं कार्यप्रणाली को संशोधित किया जा सके, जिसमें महिला प्रतिनिधियों को शामिल करना भी शामिल है।
- संशोधित सत्यापन प्रक्रियाएँ: विवादों को सुलझाने और दुरुपयोग को रोकने के लिये वक्फ संपत्तियों के लिये नई सत्यापन प्रक्रियाएँ शुरू की जाएंगी तथा ज़िला मजिस्ट्रेट संभवतः इन संपत्तियों की देख-रेख करेंगे।
- सीमित शक्ति: ये संशोधन वक्फ बोर्डों (Waqf Boards) की अनियंत्रित शक्तियों के बारे में चिंताओं का जवाब देते हैं, जिसके कारण व्यापक भूमि पर वक्फ का दावा किया जा रहा है, जिससे विवाद और दुरुपयोग के दावे हो रहे हैं।
- उदाहरण के लिये सितंबर 2022 में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने पूरे थिरुचेंदुरई गाँव पर दावा किया, जो मुख्य रूप से हिंदू बहुल है।