रोडवेज बसों में फ्री यात्रा कर सकेंगे वीरता चक्र विजेता और वीर नारि | 17 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
16 दिसंबर, 2022 को विजय दिवस पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के वीरता चक्र विजेता सैनिक और वीर नारियों को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा देने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में शहीद द्वार और स्मारकों का निर्माण कार्य अब सैनिक कल्याण विभाग के जरिये होगा। पहले यह संस्कृति विभाग के माध्यम से होता था।
- उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 के युद्ध में उत्तराखंड के 255 जवानों ने भारत माँ की रक्षा के लिये प्राणों का बलिदान दिया था। युद्ध में अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देने वाले प्रदेश के 74 सैनिकों को विभिन्न वीरता पदकों से नवाज़ा गया था।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सैन्य परिवारों के लिये राज्य सरकार विशेष योजनाएँ बना रही है ताकि एक सैनिक को युद्ध लड़ते समय परिवार की चिंता न हो। सैनिकों या उनके आश्रितों को मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाने से लेकर शहीदों के आश्रितों को राज्य सरकार की नौकरियों में वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया है।
- सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, उत्तराखंड में 1727 सैनिकों और सेना के अधिकारियों को वीरता चक्र मिला है। इनमें एक परमवीर चक्र, छह अशोक चक्र, 13 महावीर चक्र, 32 कीर्ति चक्र, चार उत्तम युद्ध सेवा मेडल, 102 वीर चक्र, 188 शौर्य चक्र, 36 युद्ध सेवा मेडल, 847 सेना मेडल (वीरता), 198 मेंशन इन डिस्पैच, 70 सेना मेडल, 45 परम विशिष्ट सेवा मेडल, 56 अति विशिष्ट सेवा मेडल, 129 विशिष्ट सेवा मेडल विजेता शामिल हैं। वहीं, प्रदेश में वीर नारियों की संख्या वर्तमान में करीब 1100 है।
- गौरतलब है कि विजय दिवस भारतीय सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस, शौर्य का प्रतीक है। इसी दिन वर्ष 1971 में पाकिस्तान के 93,000 से अधिक सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी भी सेना का यह सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था।