उत्तराखंड में UCC का क्रियान्वयन | 09 Oct 2024
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड सरकार डिजिटल सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code- UCC) को लागू करने के लिये अपने नियमों को अंतिम रूप दे रही है।
प्रमुख बिंदु
- समिति और रिपोर्ट:
- समान नागरिक संहिता (UCC) विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन संबंधों से संबंधित है।
- फरवरी में गठित एक समिति द्वारा 500 पृष्ठों की रिपोर्ट तैयार की गई।
- विधिक विशेषज्ञों और विधि प्रशिक्षुओं की 130 से अधिक बैठकें आयोजित की गईं।
- विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल रूप से किया जा सकता है।
- वसीयत (विधिक दस्तावेज़) का दस्तावेज़ीकरण और संशोधन भी डिजिटल रूप से किया जाएगा।
- कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Centres- CSC) सीमित डिजिटल कौशल वाले लोगों की सहायता करेंगे।
- कार्यान्वयन समयसीमा:
- उत्तराखंड के स्थापना दिवस 9 नवंबर 2024 से पहले UCC का क्रियान्वयन अपेक्षित है।
समान नागरिक संहिता
- समान नागरिक संहिता भारत के सभी नागरिकों के लिये विवाह, तलाक, गोद लेने, विरासत और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाली विधि के एक समूह को संदर्भित करती है।
- समान नागरिक संहिता की अवधारणा का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत के रूप में किया गया है, जिसमें कहा गया है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिये एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
- हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि यह विधिक रूप से लागू करने योग्य अधिकार नहीं है, बल्कि राज्य के लिये एक मार्गदर्शक सिद्धांत है।