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उत्तराखंड

उत्तराखंड स्ट्रीट चिल्ड्रेन पालिसी

  • 02 Jan 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

1 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने बताया कि प्रदेश में सड़कों पर रहने वाले बच्चों के लिये प्रदेश सरकार स्ट्रीट चिल्ड्रेन पालिसी लाने जा रही है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशों के क्रम में इस नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने बताया कि अब प्रदेश स्ट्रीट चिल्ड्रेन पालिसी के संबंध में श्रम, पुलिस, खाद्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण समेत विभिन्न विभागों से राय ली जा रही है। जल्द ही नीति को अंतिम रूप देकर स्वीकृति के लिये कैबिनेट में रखा जाएगा। इस नीति में ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिये समाज का सहयोग लेने के साथ ही विभिन्न कंपनियों व संस्थाओं के सीएसआर मद से भी कदम उठाए जाएंगे।
  • राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कुछ समय पहले सभी राज्यों को स्ट्रीट चिल्ड्रेन के पुनर्वास के दृष्टिगत नीति बनाने को कहा था। इस कड़ी में उत्तराखंड में भी इसकी शुरूआत की गई।
  • विदित है कि पर्वतीय क्षेत्रों में ऐसे बच्चों की संख्या न के बराबर है, जबकि देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी, नैनीताल, कोटद्वार जैसे शहरी क्षेत्रों में अधिक है। बालश्रम, भिक्षावृत्ति, निराश्रित, बेसहारा व कूड़ा बीनने वाले बच्चों को अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया।
  • इसके बाद ऐसे बच्चों के पुनर्वास के दृष्टिगत स्ट्रीट चिल्ड्रेन नीति का ड्राफ्ट तैयार किया गया। ड्राफ्ट में ऐसे बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये शिक्षा, कौशल विकास, खाद्य, स्वास्थ्य, पुनर्वास, रोज़गार, सुरक्षा जैसे विषयों के दृष्टिगत विभागों के आपसी समन्वय से प्रभावी कदम उठाने पर ज़ोर दिया गया है।
  • हरि चंद्र सेमवाल ने बताया कि अब इस बारे में संबंधित विभागों से राय ली जा रही है। समाज के विभिन्न वर्गों, गैर सरकारी संस्थाओं से भी सुझाव लिये जा रहे हैं। हितधारकों से राय प्राप्त करने के बाद स्ट्रीट चिल्ड्रेन पालिसी को अंतिम रूप दिया जाएगा।
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