उत्तराखंड सौर ऊर्जा नीति 2022 का ड्राफ्ट जारी | 19 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
18 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड की ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने उत्तराखंड सौर ऊर्जा नीति-2022 का ड्राफ्ट जारी करते हुए इस पर सुझाव मांगे हैं।
प्रमुख बिंदु
- आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि राज्य में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 2000 मेगावाट तक की क्षमता है। इसमें बड़े प्रोजेक्ट के लिये 600 मेगावाट, आवासीय प्रोजेक्ट के लिये 250 मेगावाट, कमर्शियल व इंडस्ट्री प्रोजेक्ट के लिये 750 मेगावाट, इंस्टीट्यूशंस के लिये 350 मेगावाट और एग्रीकल्चर के लिये 50 मेगावाट की क्षमता आँकी गई है।
- उत्तराखंड सोलर पॉलिसी-2022 में यह प्रावधान किया गया है कि यूपीसीएल सौर ऊर्जा का एक ग्रीन टैरिफ प्रस्ताव तैयार करेगा, जो कि नियामक आयोग को भेजा जाएगा। नियामक आयोग उपभोक्ताओं के लिये ग्रीन टैरिफ चुनने का विकल्प दे सकता है। इसके अलावा पीक आवर्स में ग्रिड में सौर ऊर्जा देने वालों को फीड इन टैरिफ से प्रोत्साहित कर सकता है। आसान पहुँच व निगरानी के लिये वर्चुअल नेट मीटरिंग (वीएनएम) और ग्रुप नेट मीटरिंग (जीएनएम) का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- नई पॉलिसी में उरेडा की ज़िम्मेदारियाँ भी बढ़ाई गई हैं। इसके तहत उरेडा को एक सोलर पॉलिसी सेल की स्थापना करनी होगी, जिसके तहत सिंगल विंडो के माध्यम से सोलर प्रोजेक्ट को पास किया जाएगा। इसके आवेदन के लिये 10 हज़ार रुपए प्रति मेगावाट के हिसाब से शुल्क देय होगा।
- उरेडा को लैंडबैंक भी बनाना होगा। सभी सरकारी ज़मीनें और भवनों की सूची बनानी होगी, जहाँ सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लग सकते हैं। इसी प्रकार, ऐसी निजी भूमि भी चिह्नित करनी होंगी, जिन पर कोई प्राइवेट व्यक्ति लीज़ पर अपना प्रोजेक्ट लगा सके।
- ज़मीन की लीज़ डीड या ज़मीन खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट रहेगी। निजी कृषि भूमि पर सोलर प्लांट लगाने पर लैंड यूज़ बदलने की फीस पर 100 प्रतिशत छूट मिलेगी। रजिस्ट्रेशन या लीज़ के कागज़ों में कोर्ट फीस पूरी तरह से माफ होगी। सौर ऊर्जा वाले ईवी चार्जिंग स्टेशन सरकारी भूमि पर लगाने वाले व्यक्तियों को लीज मूल्य में 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
- नई पॉलिसी में स्थानीय युवाओं के रोज़गार की भी गारंटी दी गई है। इसमें बताया गया है कि जो भी सरकारी भूमि को लीज़ पर लेकर अपना सोलर प्रोजेक्ट लगाएगा, उसे 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोज़गार देना होगा। उरेडा अपने टेंडर में इस शर्त को जारी करेगा।
- 25 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा प्लांट के आवंटन के लिये ऊर्जा सचिव की अध्यक्षता में स्टेट लेवल स्क्रीनिंग एंड इंपावर्ड कमेटी (एसएलएससी) बनेगी। प्रोजेक्ट के एप्रूवल से अलग आने वाली परेशानियों को दूर करने, पॉलिसी में किसी तरह का संशोधन करने के लिये स्टेट लेवल एनर्जी कमेटी (एसएलईसी) का गठन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगा। इसमें ऊर्जा सचिव सहित आठ सदस्य होंगे। भूमि संबंधी मामलों पर निर्णय लेने के लिये उत्तराखंड सोलर पावर लैंड अलॉटमेंट कमेटी (यूएसपीएलएसी) का गठन भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगा। इसमें ऊर्जा सचिव सहित चार सदस्य होंगे।