म्युनिसिपल (Muni) बांड जारी करने की दिशा में उत्तराखंड का प्रयास | 23 May 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में डॉ. उत्तराखंड के शहरी विकास निदेशक ललित मोहन रयाल ने बताया कि प्रदेश के आठ नगर निगमों की क्रेडिट रेटिंग कराई जाएगी जिसके आधार पर ये नगर निगम शहरों के विकास के लिये बांड जारी कर फंड जुटा सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- जिन नगर निगमों की क्रेडिट रेटिंग करवाई जाएगी उनमें देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी, ऋषिकेश और कोटद्वार शामिल हैं।
- उत्तराखंड में लगातार नगर निकायों में कम आय और ज़्यादा खर्च की वज़ह से निरंतर सरकार पर निर्भरता बनी रहने से विकास कार्य प्रभावित होने के साथ ही कर्मचारियों के वेतन, पेंशन व अन्य खर्चों के निर्वहन में बाधा उत्पन्न होती है। ऐसे में नगर निगमों की क्रेडिट रेटिंग करवाना सही दिशा में उठाया गया कदम है।
- स्थानीय निकायों पर 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट में भी शहर के शासन ढाँचे और उनके वित्तीय सशक्तीकरण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है।
- नगरपालिका (मुनि) बांड एक राज्य, नगरपालिका या काउंटी द्वारा अपने पूंजीगत व्यय को वित्तपोषित करने के लिये जारी किया गया एक ऋण प्रतिभूति है, जिसमें राजमार्गों, पुलों या स्कूलों आदि का निर्माण किया जाना शामिल है।
- म्युनिसिपल बांडों की नियामक स्थिति को स्पष्ट करने और उन्हें निवेशकों के लिये सुरक्षित बनाने हेतु मार्च 2015 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्युनिसिपल बांडों को जारी करने और सूचीबद्ध करने से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये थे।
- उल्लेखनीय है कि बैंगलोर नगर निगम वर्ष 1997 में भारत में नगरपालिका बांड जारी करने वाला पहला शहरी स्थानीय निकाय है।