ई-कचरा प्रबंधन करने में उत्तराखंड देश में दूसरे स्थान पर | 31 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
- 29 जुलाई, 2023 को राज्यसभा में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आँकड़ों के आधार पर दी गई जानकारी के अनुसार पर्यावरण और समाज के लिये भविष्य में बड़े खतरे के तौर पर सामने आ रहे इलेक्ट्रॉनिक कचरे के प्रबंधन, एकत्रीकरण और पुनर्चक्रण के मामले में उत्तराखंड देश में दूसरे स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में 51541.12 मीट्रिक टन ई-कचरे को रिसाइकिल किया जा रहा है। यह आँकड़ा राज्य में ई-कचरे को रिसाइकिल करने की क्षमता से आधे से भी कम है। राज्य में 1.58 लाख मीट्रिक टन ई-कचरे के पुनर्चक्रण की क्षमता है।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आँकड़ों के आधार पर उत्तराखंड ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु सरीखे बड़े राज्यों को पीछे छोड़ा है।
- हिमालयी राज्यों में हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर ई-कचरा एकत्र कर उसको रिसाइकिल करने के मामले में बहुत पीछे है।
- विदित है कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिये ई-कचरा के एकत्रीकरण, प्रबंधन और पुनर्चक्रण हेतु दिशा-निर्देश जारी किये हैं। ये दिशा-निर्देश विद्युत व इलेक्ट्रॉनिक कचरे के उत्पादक, निर्माता, उपयोगकर्त्ता और पुनर्चक्रण एवं इसके थोक उपभोक्ता पर लागू होते हैं।
- ई-कचरा : ऐसे विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद जो काम नहीं कर रहे हैं या उपयोग के अपने अंतिम समय में हैं, जैसे- कंप्यूटर, टेलीविज़न, फोटो कॉपियर, फैक्स मशीन, विद्युत उपकरण, फ्रिज सरीखे इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद आदि ई-कचरा की श्रेणी में आते हैं।
- हिमालयी राज्य उत्तराखंड पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। ई-कचरा राज्य के लिये भविष्य की बहुत बड़ी चुनौती है। इसके गैर वैज्ञानिक ढंग से एकत्रीकरण करने, जलाने व बेतरतीब ढंग से जहाँ-तहाँ फेंकने से हवा और पानी के प्रदूषित होने का खतरा रहता है।
- राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख सचिव (वन) व अध्यक्ष आर.के. सुधांशु ने बताया कि केंद्र सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन के आधार पर ई-कचरा प्रबंधन को लागू कर रहे हैं। सरकार की कोशिश यह रहेगी कि ई-कचरा के एकत्रीकरण को बढ़ाया जाए।
- इसके प्रभावी प्रबंधन के लिये आईटीडीए ई-कचरा प्रबंधन नीति बना रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से नीति के संबंध में सुझाव दे दिये गए हैं।
- ई-कचरा एकत्र करने वाले शीर्ष 10 राज्य:
- हरियाणा - 245015.82 (मीट्रिक टन)
- उत्तराखंड - 51541.12
- तेलंगाना - 42297.68
- कर्नाटक - 39150.63
- तमिलनाडु - 31143.77
- गुजरात - 30569.32
- पंजाब - 28375.27
- राजस्थान - 27998.77
- महाराष्ट्र - 18559.30
- केरल - 1249.61