उत्तराखंड देश का पहला राज्य जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 जीआई टैग मिले | 07 Dec 2023
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2023 को उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया, जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 उत्पादों पर जीआई प्रमाण-पत्र मिले हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में जीआई प्रमाण-पत्रों का वितरण किया।
प्रमुख बिंदु
- अब तक उत्तराखंड के कुल 27 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है।
- राज्य के जिन 18 उत्पादों को जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) प्रमाण-पत्र मिले हैं, उनमें उत्तराखंड- चौलाई, झंगोरा, मंडुआ, लाल चावल, अल्मोड़ा लखौरी मिर्च, बेरीनाग चाय, बुरांस शरबत, रामनगर (नैनीताल) लीची, रामगढ़ आडू, माल्टा, पहाड़ी तोर, गहथ, काला भट्ट, बिच्छूबूटी फैब्रिक, नैनीताल मोमबत्ती, कुमाऊँनी रंगवाली पिछोड़ा, चमोली रम्माण मास्क तथा लिखाई वुड कार्विंग शामिल हैं।
- विदित हो कि उत्तराखंड के 9 उत्पादों- तेजपात, बासमती चावल, ऐपण आर्ट, मुनस्यारी का सफेद राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, थुलमा, भोटिया दन, च्यूरा ऑयल तथा ताम्र उत्पाद को पहले ही जीआई प्रमाण-पत्र प्राप्त हो चुका है।
- वर्ष 2003 में जीआई कानून बनने से लेकर 2023 तक के 20 वर्षों के सफर में पहली बार एक दिन में एक साथ किसी राज्य के 18 उत्पादों को जीआई प्रमाण-पत्र निर्गत किये गए हैं।
- मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि जीआई टैग युक्त उत्तराखंड के उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़ेगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी 13 ज़िलों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘एक ज़िला, दो उत्पाद’ योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है।
- सभी ज़िलों में वहाँ के स्थानीय उत्पादों को पहचान कर उनके अनुरूप परंपरागत उद्योगों का विकास करना योजना का मुख्य उद्देश्य है। इससे स्थानीय काश्तकारों एवं शिल्पकारों के लिये स्वरोज़गार के अवसर बढ़ रहे हैं और हर ज़िले के स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान मिल रही है।
- कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने इसे महत्त्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि आगामी 12 से 18 जनवरी, 2024 तक देहरादून में प्रदेश स्तरीय जीआई टैग महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।