उत्तराखंड
उत्तराखंड में वनाग्नि के कारण हवाई सेवा बाधित
- 06 May 2024
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चर्चा में क्यों?
वनाग्नि की आग के धुएँ के कारण नैनी-सैनी हवाईअड्डे पर दृश्यता कम होने के कारण सीमावर्ती ज़िले के पिथौरागढ़ और मुनस्यारी कस्बों के लिये हवाई सेवाएँ रोक दी गईं।
मुख्य बिंदु:
- हवाई अड्डे के आस-पास दृश्यता 1000 मीटर से कम थी, जबकि हवाई यातायात को सुरक्षित रूप से संचालित करने के लिये न्यूनतम 5000 मीटर दृश्यता की आवश्यकता होती है।
- सौर घाटी के अलावा चंपावत की क्वीराला घाटी और लोहाघाट, झूलाघाट एवं गौरीहाट के वनों में भी आग फैल रही है।
- ज़िले के विभिन्न स्थानों में सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्वास्थ्य पेशेवरों के अनुसार, साँस लेने में कठिनाई तथा आँखों में जलन की चिंताओं के साथ बड़ी संख्या में मरीज़ अस्पतालों में आ रहे हैं।
- नैनी-सैनी हवाई अड्डा जिसे अन्यथा पिथौरागढ़ हवाई पट्टी भी कहा जाता है, पिथौरागढ़, उत्तराखंड में स्थित है। हवाई पट्टी का वर्ष 1991 में आधिकारिक उपयोग के लिये निर्माण कराया गया था और डोर्नियर 228 की फ्लाइंग मशीन के संचालन के लिये तैयार की गई थी।