उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश बड़े पैमाने पर करेगा बिजली बैंकिंग
- 18 Feb 2023
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चर्चा में क्यों?
17 फरवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर सभी क्षेत्रों में भरपूर निर्बाध बिजली देने के प्रयासों को फलीभूत करने के लिये उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने दूसरे राज्यों से बड़े पैमाने पर बिजली बैंकिंग करने का फैसला किया है।
प्रमुख बिंदु
- चेयरमैन एम. देवराज ने बताया कि बिजली बैंकिंग के तहत सर्दियों तथा सामान्य दिनों में जब राज्य में बिजली की मांग औसत अथवा कम रहती है, उस समय कॉरपोरेशन उपलब्ध अतिरिक्त बिजली जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक के साथ ही एनटीपीसी को देगा। प्रदेश में बिजली की मांग बढ़ने पर ज़रूरत के मुताबिक इस बिजली को इन राज्यों से वापस लिया जाएगा।
- गौरतलब है कि 2014 में राज्य में महज़ 1 करोड़ 42 लाख 64 हज़ार बिजली उपभोक्ता थे, जो अब बढ़कर 25 करोड़ पहुँच गए हैं। 2014 में बिजली की अधिकतम मांग, जो 12327 मेगावाट थी, वह 2022 में दोगुने से अधिक 26589 मेगावाट पहुँच गई है। बिजली सप्लाई के घंटों में भारी वृद्धि हुई है। ज़िला मुख्यालय तथा उद्योगों को 24 घंटे बिजली दी जा रही है, गाँवों को भी 6 घंटे अधिक बिजली मुहैया कराई जा रही है।
- उद्योगों को 24 घंटे बिजली मिलने से निवेशक भी उत्तर प्रदेश आने को आतुर नज़र आ रहे हैं। वैश्विक निवेशक सम्मेलन में आए भारी-भरकम निवेश प्रस्तावों के धरातल पर उतरने पर राज्य की अर्थव्यवस्था में भारी उछाल आएगा। उद्योगों के आउटपुट से राज्य की अर्थव्यवस्था बढ़ने के साथ ही प्रति व्यक्ति आय में तेज इजाफा होगा।
- माना जा रहा है कि दो से तीन साल के अंदर ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर पहुँच जाएगी। हालाँकि उद्योगों के आने के साथ ही पावर कॉरपोरेशन को आने वाले सालों में बिजली की मांग की संभावित वृद्धि का आकलन नए सिरे से करना होगा, जिसकी तैयारी कॉरपोरेशन ने शुरू कर दी है।
- कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज के मुताबिक बिजली बैंकिंग के बड़े फैसले के बाद पावर कॉरपोरेशन सर्दियों व आम दिनों में राज्य के पास उपलब्ध अतिरिक्त बिजली को पावर एक्सचेंज से बेचेगा नहीं, बल्कि जिन राज्यों से करार हो रहा है, उन्हें दे देगा।
- उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर से 29 मिलियन यूनिट, तमिलनाडु से 61.56 मिलियन यूनिट का समझौता पहली बार किया है। कर्नाटक और एनटीपीसी से करार प्रस्तावित है। बैंकिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश से जुड़े राजस्थान ने पिछले वर्ष 449.6 मिलियन यूनिट का करार किया था। अब करीब चार गुना अधिक 1967.8 मिलियन यूनिट की बैंकिंग का करार किया है। मध्य प्रदेश से भी बैंकिंग का करार हुआ है।
- चेयरमैन का दावा है कि इस प्रयास से प्रदेश में बिजली की कोई दिक्कत नहीं होगी। सर्दियों में जब मांग कम रहती है, उस समय उत्पादन गृहों को पूरी क्षमता से चलाया जा सकेगा, क्योंकि दूसरे राज्यों को अतिरिक्त बिजली चली जाएगी। बिजली बैंकिंग के तहत कॉरपोरेशन इन राज्यों को सरप्लस बिजली होने पर करार के मुताबिक तय बिजली देगा। ये राज्य जब उत्तर प्रदेश को ज़रूरत होगी तो ली गई बिजली वापस करेंगे।
- इसका लाभ यह होगा कि जब राज्य में जून से सितंबर के बीच बिजली की मांग अधिकतम होती है उस समय भी बिजली की कोई किल्लत नहीं होगी। पावर एक्सचेंज से 12 रुपए और अधिक की दर से बिजली नहीं खरीदनी पड़ेगी। हमेशा गर्मी के दिनों में पावर एक्सचेंज में बिजली का रेट बहुत अधिक रहता है।
- चेयरमैन ने बताया कि 7413 मेगावाट क्षमता की नई उत्पादन इकाइयों से बिजली का उत्पादन 2025-26 तक शुरू हो जाएगा। 2023-24 के अंत तक इसमें से 5000 मेगावाट की इकाइयाँ चलने लगेंगी।
- 2021-22 में 927 करोड़ रुपए तथा 2022-23 में अब तक 91 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी जा चुकी है। 2030 तक राज्य में बिजली की अनुबंधित उत्पादन क्षमता 40392 मेगावाट तक की जानी है। 2023 में अनुबंधित उत्पादन क्षमता 32356 मेगावाट तक ले जाने की है।
- 2022-23 में बिजली की अधिकतम मांग 26589 मेगावाट तक पहुँची जबकि 2014 में अधिकतम मांग 12327 मेगावाट ही थी। 2023-24 में अधिकतम मांग 27776 मेगावाट तक पहुँचने की संभावना है।