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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश की ‘अर्द्धचालक/सेमीकंडक्टर’ नीति

  • 08 Jan 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को राज्य की ‘सेमीकंडक्टर’ नीति तैयार करने का आदेश दिया।

  • यह निर्णय तेज़ी से विकसित हो रही प्रौद्योगिकी संचालित वैश्विक अर्थव्यवस्था में अर्द्धचालकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

मुख्य बिंदु:

  • वित्तीय वर्ष 2022 में वैश्विक अर्द्धचालक/सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र से 950 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।
    • सेमीकंडक्टर चिप सेक्टर ने पिछले दो वर्षों में 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश की घोषणा की है।
  • केंद्र सरकार द्वारा अर्द्धचालक विनिर्माण सेवाओं, जैसे– सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब और कंपाउंड सेमीकंडक्टर के लिये प्रोत्साहन दी जा रही है।
    • वर्ष 2021 में, भारत ने देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिये लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI) की घोषणा की।
    • सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले पारिस्थितिकी तंत्र के लिये, निर्माण इकाइयाँ, मिक्स्ड सेमीकंडक्टर, आउटसोर्स सेमीकंडक्टर, असेंबली एंड टेस्ट यूनिट, पैकेजिंग यूनिट्स एक बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करती हैं।
  • वैश्विक अर्द्धचालक निवेशकों को आकर्षित करने के लिये उत्तर प्रदेश की नीति के तहत वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन के वितरण का प्रावधान किया जाना चाहिये।
  • सेमीकंडक्टर/अर्द्धचालक
  • अर्द्धचालक, एक चालक और कुचालक के बीच विद्युत चालकता में मध्यवर्ती क्रिस्टलीय ठोस पदार्थों का एक वर्ग होता है।
  • अर्द्धचालकों का उपयोग डायोड, ट्रांजिस्टर और एकीकृत सर्किट सहित विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में किया जाता है।
    • इस तरह के उपकरणों को उनकी कॉम्पैक्टनेस, विश्वसनीयता, विद्युत दक्षता और कम लागत के कारण व्यापक रूप से प्रयोग में लाया जाता है।

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