उत्तर प्रदेश ने एस्केलेटर विधेयक और लोकायुक्त संशोधन विधेयक, 2024 पारित किया | 13 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा ने उत्तर प्रदेश लिफ्ट और एस्केलेटर विधेयक, 2024 तथा उत्तर प्रदेश लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया।
मुख्य बिंदु:
- विधेयक के कानून बनने के बाद ऊर्जा विभाग की मंज़ूरी के बिना लिफ्ट और एस्केलेटर नहीं लगाए जा सकेंगे।
- मरम्मत न कराने और मानकों की अनदेखी करने पर मालिक या संबंधित संस्था पर ज़ुर्माना लगाया जाएगा।
- विधेयक में प्रावधान किया गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने के लिये पंजीकरण अनिवार्य होगा।
- इनका प्रत्येक पाँच वर्ष में नवीनीकरण कराना होगा, सालाना परीक्षण कराना होगा और इसके लिये 1500 रुपए शुल्क जमा करना होगा।
- उत्तर प्रदेश लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक, 2024 के तहत लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त का कार्यकाल आठ वर्ष से घटाकर पाँच वर्ष कर दिया गया और अधिकतम आयु 70 वर्ष कर दी गई है।
- महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और हरियाणा जैसे राज्यों में लिफ्ट लगाने के लिये अपने कानून हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में इसके लिये ऐसा कोई प्रावधान नहीं था।
- इसके लागू होने से न सिर्फ दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा बल्कि व्यवस्था भी मज़बूत होगी।
लोकायुक्त
- लोकायुक्त भारतीय संसदीय लोकपाल है, जिसे भारत की प्रत्येक राज्य सरकारों के माध्यम से और उसके लिये निष्पादित किया जाता है।
- यह एक भ्रष्टाचार विरोधी व्यवस्था है। किसी राज्य में लोकायुक्त व्यवस्था का उद्देश्य लोक सेवकों के विरुद्ध शिकायतों, आरोपों की जाँच करना है।