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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022

  • 28 Sep 2022
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

27 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022 को अनुमोदित किया गया। इस नीति में किसी तरह का संशोधन मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही किया जा सकेगा।

प्रमुख बिंदु

  • नई नीति के अंतर्गत स्थापित होने वाले नए एमएसएमई उद्यमों को पूंजीगत उपादान के रूप में 10 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत तक उपादान उपलब्ध कराया जा सकेगा। पूंजीगत उपादान (छूट) प्लांट व मशीनरी आदि पर निवेश के लिये मिलता है।
  • बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्रों में उपादान की यह सीमा 15-25 प्रतिशत तक और मध्यांचल व पश्चिमांचल में 10-20 प्रतिशत तक होगी। एससी-एसटी और महिला उद्यमियों के लिये दो प्रतिशत अधिक छूट दी जाएगी।
  • उपादान की अधिकतम सीमा 4 करोड़ रुपए प्रति इकाई निर्धारित की गई है। निवेश पर 25 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी और लिये गए ऋण पर 50 प्रतिशत तक ब्याज में छूट (उपादान) का प्रावधान किया गया है।
  • प्रदेश में 10 एकड़ से अधिक के एमएसएमई पार्क स्थापित करने के लिये भूमि खरीदने पर स्टांप शुल्क में 100 प्रतिशत छूट मिलेगी और लिये गए ऋण पर 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज उपादान (अधिकतम दो करोड़ रुपए) उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, बहिस्राव के निस्तारण के लिये कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लान (सीईटीपी) के लिये 10 करोड़ रुपए तक की वित्तीय मदद भी दी जा सकेगी।
  • प्रदेश में स्थापित होने वाले नए सूक्ष्म उद्योगों के लिये पूंजीगत ब्याज उपादान के तहत ऋण पर देय वार्षिक ब्याज पर 50 प्रतिशत छूट मिलेगी। यह ब्याज उपादान 5 वर्षों के लिये दिया जाएगा और अधिकतम सीमा 25 लाख रुपए प्रति इकाई होगी। एससी-एसटी और महिला उद्यमियों के लिये यह ब्याज उपादान 60 प्रतिशत तक होगा।
  • नीति के अनुसार, एमएसएमई इकाइयों को अधिक से अधिक स्रोतों से क्रेडिट उपलब्ध कराने के लिये स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध करने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा। ऐसी सभी इकाइयों को लिस्टिंग के व्यय का 20 प्रतिशत और अधिकतम 5 लाख रुपए की भरपाई की जाएगी। फ्लैटेड फैक्ट्री की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
  • औद्योगिक आस्थानों में भूखंडों और शेडों के आवंटन की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में एमएसएमई को प्रोत्साहन देने के लिये 5 एकड़ या उससे अधिक ग्राम सभा की भूमि पुनर्ग्रहीत कर निशुल्क उद्योग निदेशालय को स्थानांतरित की जाएगी।
  • एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर 5 किमी. की दूरी के अंतर्गत औद्योगिक आस्थानों के विकास के माध्यम से एमएसएमई इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा। परंपरागत औद्योगिक क्लस्टरों में एफ्लुएंट ट्रीटमेंट की समस्या के मद्देनज़र सीईटीपी को प्रोत्साहित करने का भी प्रावधान है।
  • गुणवत्ता मानक जैसे जीरो इफेक्ट-जीरो डिफेक्ट, डब्ल्यूएचओ जीएमपी, हॉलमार्क आदि प्राप्त करने के लिये कुल लागत का 75 प्रतिशत और अधिकतम 5 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता तथा जीआई रजिस्ट्रेशन और पेटेंट आदि प्राप्त करने के लिये दो लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।
  • क्लीन एवं ग्रीन तकनीक को अपनाने के लिये एमएसएमई इकाइयों को अधिकतम 20 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
  • उद्यमिता विकास संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करते हुए उद्यमिता के पाठ्क्रयमों के आधार पर प्रदेश के युवाओं में उद्यमिता का प्रसार किया जाएगा।
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