उत्तर प्रदेश
GI टैग में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर
- 18 Apr 2024
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चर्चा में क्यों?
छह नए उत्पादों के साथ, उत्तर प्रदेश ने भारत में सर्वाधिक 75 भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication - GI) टैग वाले उत्पादों वाले राज्य के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा है।
मुख्य बिंदु:
- इसमें काशी की प्रसिद्ध 'तिरंगी बर्फी' शामिल है, जो एक तिरंगे रंग की मिठाई है जिसका व्यापार भारत छोड़ो आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा एक बयान देने के लिये किया गया था।
- उत्तर प्रदेश में प्रमाणन प्राप्त करने वाले अन्य उत्पादों में बनारस मेटल कास्टिंग क्राफ्ट, लखीमपुर खीरी थारू कढ़ाई, बरेली बेंत एवं बाँस शिल्प, बरेली ज़रदोज़ी शिल्प और पिलखुवा हैंड ब्लॉक प्रिंट टेक्सटाइल शामिल हैं।
- इन छह नई वस्तुओं को शामिल करने के साथ उत्तर प्रदेश सबसे अधिक GI-टैग उत्पादों के साथ भारत का अग्रणी राज्य बना हुआ है।
- 58 GI उत्पादों के साथ तमिलनाडु दूसरे स्थान पर है।
भौगोलिक संकेतक (GI) टैग
- परिचय:
- भौगोलिक संकेत (GI) टैग, एक ऐसा नाम या चिह्न है जिसका उपयोग उन विशेष उत्पादों पर किया जाता है जो किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थान या मूल से संबंधित होते हैं।
- GI टैग यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत उपयोगकर्त्ताओं या भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ही लोकप्रिय उत्पाद के नाम का उपयोग करने की अनुमति है।
- यह उत्पाद को दूसरों द्वारा नकल या अनुकरण किये जाने से भी बचाता है।
- एक पंजीकृत GI टैग 10 वर्षों के लिये वैध होता है।
- GI पंजीकरण की देखरेख वाणिज्य तथा उद्योग मंत्रालय के अधीन उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा की जाती है।
- विधिक ढाँचा तथा दायित्व:
- वस्तुओं का भौगोलिक उपदर्शन (रजिस्ट्रीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 भारत में वस्तुओं से संबंधित भौगोलिक संकेतकों के पंजीकरण तथा बेहतर संरक्षण प्रदान करने का प्रयास करता है।
- यह बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार-संबंधित पहलुओं (TRIPS) पर WTO समझौते द्वारा विनियमित एवं निर्देशित है।
- इसके अतिरिक्त बौद्धिक संपदा के अभिन्न घटकों के रूप में औद्योगिक संपत्ति और भौगोलिक संकेतों की सुरक्षा के महत्त्व को पेरिस कन्वेंशन के अनुच्छेद 1(2) एवं 10 में स्वीकार किया गया, साथ ही इस पर अधिक बल दिया गया है।