उत्तर प्रदेश स्व-स्थाने मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति, 2021 | 29 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश स्व-स्थाने मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति, 2021 के प्रख्यान के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
प्रमुख बिंदु
- इस नीति के अनुसार ‘मलिन बस्ती’ का अभिप्राय उत्तर प्रदेश मलिन बस्ती क्षेत्र (सुधार और निपातन) अधिनियम, 1962 की धारा-3 के अनुसार परिभाषित स्लम से है।
- इस नीति के अंतर्गत ऐसी मलिन बस्ती मान्य होंगी, जिनमें न्यूनतम 300 व्यक्ति निवासित हों।
- नीति के क्रियान्वयन हेतु राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा), उत्तर प्रदेश को राज्यस्तरीय नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।
- नीति के क्रियान्वयन के लिये राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय सक्षम प्राधिकारी, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव नगरीय रोज़गार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय मूल्यांकन समिति, नगरीय स्तर पर नगर निगमों हेतु मंडलायुक्त की अध्यक्षता में तथा अन्य नगर निकायों हेतु ज़िला अधिकारी की अध्यक्षता में नगरस्तरीय सक्षम प्राधिकारी का गठन किया जाएगा।
- चिह्नित मलिन बस्तियों के मूल्यांकन एवं नगरस्तरीय समक्ष प्राधिकारी को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने हेतु परियोजना निदेशक, ज़िला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) की अध्यक्षता में नगरस्तरीय तकनीकी समिति का गठन किया जाएगा।
- इस नीति में शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी), क्रियान्वयन संस्था, निजी विकासकर्त्ता की भूमिका एवं दायित्व के साथ परियोजना के विकास, लाभार्थियों की पात्रता तथा उनको मिलने वाले लाभ, आवंटन प्रक्रिया, अनिवार्य विकास मानदंड एवं प्रधानमंत्री आवास योजना- सबके लिये आवास (शहरी) मिशन से प्राप्त किये जाने वाले अनुदान के संबंध में सुस्पष्ट प्रावधान किये गए हैं।