उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश डिजिटल लेनदेन और DBT में प्रथम
- 10 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश ने डिजिटल ट्रांजेक्शन के मामले में पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना के तहत प्रदेश सरकार ने 11 विभागों की 207 योजनाओं के माध्यम से 9.08 करोड़ लाभार्थियों को 1,11,637 करोड़ रुपए सीधे उनके खातों में हस्तांतरित किये हैं।
- इससे न केवल प्रणाली में पारदर्शिता आई है, बल्कि बिचौलियों को हटाकर 10,000 करोड़ रुपए की बचत भी हुई है।
- देश की सकल घरेलु उत्पाद (GDP) में 9.2% हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश अब देश का दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक योगदानकर्त्ता बन गया है।
- वर्ष 2023-24 में जहाँ देश की GDP वृद्धि दर 9.6% रही, वहीं यूपी की वृद्धि दर 11.6% रही।
- नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश को ‘राजकोषीय स्थिति’ के मामले में 'फ्रंट रनर' घोषित किया गया है।
- इस उल्लेखनीय वृद्धि में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की भूमिका भी अहम रही। डिजिटल बैंकिंग की सुगम पहुँच, गाँवों तक इंटरनेट की उपलब्धता और वित्तीय जागरूकता ने इस प्रगति को और अधिक गति दी।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना:
- उद्देश्य: इस योजना को लाभार्थियों तक सूचना एवं धन के तीव्र प्रवाह एवं वितरण प्रणाली में धोखाधड़ी को कम करने के लिये सहायता के रूप में परिकल्पित किया गया है।
- कार्यान्वयन: इसे भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2013 को सरकारी वितरण प्रणाली में सुधार करने हेतु एक मिशन के रूप में शुरू किया गया था।
- महालेखाकार कार्यालय की सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के पुराने संस्करण यानी ‘सेंट्रल प्लान स्कीम मॉनीटरिंग सिस्टम’ को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लिये एक प्लेटफॉर्म के रूप में चुना गया था।
- DBT के घटक: प्रत्यक्ष लाभ योजना के क्रियान्वयन के प्राथमिक घटकों में लाभार्थी खाता सत्यापन प्रणाली; RBI, NPCI, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा सहकारी बैंकों के साथ एकीकृत, स्थायी भुगतान एवं समाधान मंच शामिल है (जैसे बैंकों के कोर बैंकिंग समाधान, RBI की निपटान प्रणाली और NPCI की आधार पेमेंट प्रणाली आदि)।
- आधार अनिवार्य नहीं: DBT योजनाओं में आधार अनिवार्य नहीं है। चूंँकि आधार विशिष्ट पहचान प्रदान करता है और इच्छित लाभार्थियों को लक्षित करने में उपयोगी है, इसलिये आधार को प्राथमिकता दी जाती है और लाभार्थियों को आधार के लिये प्रोत्साहित किया जाता है।