उत्तर प्रदेश
रैपिड रेल कॉरिडोर के लिये 16,000 करोड़ रुपए की मंज़ूरी
- 24 Jan 2024
- 2 min read
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 16,000 करोड़ रुपए की रैपिड रेल कॉरिडोर परियोजना को मंज़ूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में कई हवाई अड्डों को निर्बाध रूप से जोड़ना है।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) इस कॉरिडोर के लिये एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे मार्च 2024 तक अंतिम रूप दिये जाने की उम्मीद है।
मुख्य बिंदु:
- एक बार शुरू होने के बाद, चार वर्ष के अनुमानित समापन समय के साथ यह परियोजना दो प्रमुख हवाई अड्डों और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों को जोड़ेगी।
- इससे आगामी नोएडा हवाई अड्डे को दिल्ली हवाई अड्डे से यात्री यातायात के अतिप्रवाह को पकड़ने में सहायता मिलने की उम्मीद है।
- प्रस्तावित नोएडा हवाईअड्डा लिंक गाज़ियाबाद स्टेशन से शुरू होगा, जो दिल्ली मेरठ रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट के लिये एक इंटरचेंज बिंदु के रूप में कार्य करेगा।
- यात्रियों के पास दिल्ली-मेरठ रेल के शुरुआती स्टेशन सराय काले खाँ के माध्यम से प्रगतिरत दिल्ली-अलवर रैपिड रेल से जुड़ने का विकल्प भी होगा।
- दिल्ली-अलवर रेल, वर्ष 2025 के मध्य तक समाप्त होने की उम्मीद है, इसमें इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और एयरोसिटी का स्टेशन शामिल होगा।
- नोएडा हवाई अड्डे के अधिकारी दिल्ली और गुड़गाँव के साथ एक व्यापक मल्टी-मॉडल परिवहन कनेक्टिविटी नेटवर्क स्थापित करने के लिये हाई-स्पीड बस कॉरिडोर सहित अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों को विकसित करने पर भी कार्य कर रहे हैं।