उत्तर प्रदेश का मक्का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य | 01 Apr 2024

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार वर्ष 2027-28 तक मक्का का उत्पादन 3.2 मिलियन टन (mt) से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य रख रही है।

मुख्य बिंदु:

  • वर्तमान में, विभिन्न फसल मौसमों (खरीफ, रबी और ज़ैद) में राज्य का मक्का उत्पादन 830,000 हेक्टेयर में 2.12 मिलियन टन होने का अनुमान है।
    • उपज लगभग 25.49 क्विंटल (100 किलोग्राम) प्रति हेक्टेयर है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है।
    • राज्य की योजना मक्के का रकबा 200,000 हेक्टेयर बढ़ाने और अतिरिक्त 1.1 मिलियन टन उत्पादन बढ़ाने की है।
    • इससे राज्य का मक्का क्षेत्र और उत्पादन क्रमशः 1.03 मिलियन हेक्टेयर MH) तथा 3.2 मिलियन टन तक बढ़ जाएगा।
  • राज्य विभिन्न मक्का प्रचार कार्यक्रमों पर लगभग 150 करोड़ रुपए का निवेश करेगा और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहन देगा।
  • मक्के की फसल का भोजन, पोल्ट्री चारा और ईंधन (अनाज आधारित इथेनॉल) के रूप में विविध उपयोग होता है।
  • इसका उपयोग फार्मास्युटिकल, कॉस्मेटिक, कपड़ा, कागज़ और अल्कोहल उद्योगों में भी किया जाता है।
    • धान और गेहूँ के बाद मक्का भारत में तीसरी सबसे महत्त्वपूर्ण अनाज की फसल है तथा कुल खाद्यान्न उत्पादन का लगभग 10% हिस्सा है।
    • विश्व स्तर पर, अनाज फसलों के बीच अपनी उच्च आनुवंशिक उपज क्षमता के कारण मक्के को 'अनाज की रानी' कहा जाता है।
  • उद्योग ने अनुमान लगाया है कि इथेनॉल और पोल्ट्री क्षेत्रों की मांग को पूरा करने के लिये भारत को अगले चार-पाँच वर्षों में मक्का उत्पादन में 10 मिलियन टन की वृद्धि करने की आवश्यकता है।
  • बढ़ती स्वास्थ्य जागरूकता के कारण मक्के की मांग बढ़ रही है। लोग मक्के को इसके उच्च पोषण मूल्य, स्टार्च, फाइबर, प्रोटीन, वसा, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, कैरोटीन और मैग्नीशियम, जस्ता, फास्फोरस एवं ताँबे जैसे आवश्यक खनिजों के लिये पसंद करते हैं।

मक्का

  • तापमान: 21-27°C के बीच
  • वर्षा: अधिक वर्षा।
  • मृदा का प्रकार: पुरानी जलोढ़ मृदा।
  • शीर्ष मक्का उत्पादक राज्य: कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश।
  • FAO (खाद्य और कृषि संगठन) के आँकड़ों के अनुसार, भारत 2020 में मक्का का पाँचवाँ सबसे बड़ा उत्पादक था।
  • इसका उपयोग भोजन और चारे दोनों के रूप में किया जाता है।
  • अधिक उपज देने वाले किस्म के बीज, उर्वरक और सिंचाई जैसे आधुनिक आदानों के उपयोग ने मक्के के उत्पादन को बढ़ाने में योगदान दिया है।
  • मक्का पर प्रौद्योगिकी मिशन मक्का के लिये सरकार की पहलों में से एक है।