स्वास्थ्य सेवाओं में ई-गवर्नेंस के लिये उत्तर प्रदेश को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार | 14 Aug 2023

चर्चा में क्यों?

13 अगस्त, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य सेवाओं में ई-गवर्नेंस के लिये उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार की ओर से सम्मानित किया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु

  • भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग ने ‘डिलीवरी पॉइंट हेल्थ फैसिलिटीज’के लिये शुरू की गई परियोजना-पहल ‘माँ नवजात ट्रैकिंग एप्लिकेशन’(मंत्रा) हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश (एनएचएम-यूपी) को सिल्वर अवॉर्ड से सम्मानित करने के लिये चुना है।  
  • ट्रॉफी और प्रमाण-पत्र 24-25 अगस्त 2023 को इंदौर (म.प्र.) में प्रस्तावित ई-गवर्नेंस (एनसीईजी) पर 26वें ई-गवर्नेंस राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रदान किये जाएंगे।
  • एनएचएम-यूपी को यह नेशनल अवॉर्ड श्रेणी-1 के तहत ‘गवर्नमेंट प्रॉसेस री-इंजीनियरिंग फॉर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’के तहत ई-गवर्नेंस योजना 2023 के लिये दिया जा रहा है।  
  • मंत्रा ऐप को भारत सरकार द्वारा ई-गवर्नेंस के लिये एक उपकरण के रूप में मान्यता दिया जाना प्रदेश के लिये एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि यूपी लेबर रूम के लिये ऑनलाइन एमआईएस को बढ़ावा देने वाला पहला राज्य है।
  • सिल्वर अवॉर्ड के तहत एनएचएम-यूपी को इस परियोजना के लिये प्रमाण-पत्र और ट्रॉफी के साथ 5 लाख रुपए का कैश प्राइज़ प्रदान किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक टीम सदस्यों (परियोजना प्रमुख सहित 4 लोग) को भी प्रमाण-पत्र और ट्रॉफी दी जाएगी।  
  • स्वास्थ्य विभाग की ओर से लॉन्च किये गए मंत्रा ऐप के माध्यम से किस केंद्र पर कितना प्रसव हुआ और प्रसव संबंधी सुविधाओं की समस्त जानकारी आसानी से मिल जाती है।
  • इस ऐप के माध्यम से नवजात शिशु के जन्म, टीकाकरण व प्रसव से संबंधित अन्य जानकारियों को उपचारिका एवं वार्डबाय इस ऐप के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी आँकड़े भी डिजिटल हो गए हैं। गर्भवती महिला को भर्ती करते वक्त स्टाफ नर्स द्वारा भर्ती का समय, उसके स्वास्थ्य की स्थिति और दिये जा रहे उपचार को फीड किया जाता है।
  • इससे माँ और शिशु को ट्रैक करना आसान हो गया है। ऑनलाइन निगरानी होने से संस्थागत प्रसव की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और माँ-नवजात स्वास्थ्य आँकड़े भी बेहतर हुए हैं। माँ और नवजात शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से प्रसव केंद्रों का डिजिटलीकरण भी किया गया है।