उत्तर प्रदेश की गीतिका श्रीवास्तव पाकिस्तान में चार्जे डी’अफेयर्स के तौर पर नियुक्त | 29 Aug 2023
चर्चा में क्यों?
28 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश की रहने वाली गीतिका श्रीवास्तव को पाकिस्तान में चार्जे डी'अफेयर्स के तौर पर नियुक्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश की रहने वाली गीतिका श्रीवास्तव को पाकिस्तान में भारतीय दूतावास का प्रभारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने डॉ. सुरेश कुमार की जगह ली है।
- वह पहली महिला अधिकारी बन गई हैं, जिन्हें भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से इस प्रतिष्ठित भूमिका के लिये चुना गया है।
- गीतिका की नियुक्ति तब हुई है, जब पाकिस्तान ने भारत में नए प्रभारी के तौर पर साद वारियाच को ज़िम्मेदारी दी है। साद, पाकिस्तान उच्चायोग में एजाज खान की जगह लेंगे।
- विशेषज्ञों के मुताबिक भारत और पाकिस्तान, दोनों ही देशों के इतिहास में महिलाओं ने कूटनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समय के साथ, राजनयिक प्रयासों और वार्ताओं में महिलाओं को शामिल करने के महत्त्व की मान्यता बढ़ रही है। साथ ही कई टीमों के बीच एक प्रतिष्ठित भूमिका के लिये गीतिका की नियुक्ति दोनों पक्षों के बीच जटिल संबंधों को संबोधित करने में अधिक प्रभावी हो सकती है।
- गीतिका ऐसे समय में पाकिस्तान जाएंगी, जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। गीतिका, भारत के शीर्ष महिला राजनयिक क्लब में एक और सदस्य हैं। उनकी नियुक्ति से पहले पाकिस्तान में ब्रिटेन की पहली महिला उच्चायुक्त ने भी कार्यभार संभाला है।
- गीतिका ने बतौर राजनयिक अपना करियर करीब 20 साल पहले शुरू किया था। साल 2005 में वह फर्स्ट सेक्रेटरी (मीडिया, संस्कृति और वीज़ा) के तौर पर चीन में तैनात हुई थीं। चीनी भाषा मंदारिन पर उनकी अच्छी कमांड है। वह विदेश कार्यालय में इंडो-पैसिफिक डिवीज़न की प्रभारी संयुक्त सचिव भी रह चुकी हैं। विदेश मंत्रालय का इंडो-पैसिफिक डिवीज़न आसियान, आईओआरए, एफआईपीआईसी और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अन्य संस्थाओं के साथ भारत की बहुपक्षीय कूटनीति की देखभाल करता है।
- मूलरूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली गीतिका, कोलकाता में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी और विदेश मंत्रालय के आईओआर डिवीज़न में निदेशक के रूप में भी काम कर चुकी हैं।
- साल 2019 से ही भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। पाकिस्तान में कोई भी पूर्णकालिक उच्चायुक्त नहीं है। 5 अगस्त, 2019 को जब भारत ने ज़म्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा रद्द किया था तो पाकिस्तान ने इसे भारत सरकार का अवैध कदम करार दिया था। साथ ही राजनयिक संबंधों को कम करने का फैसला किया था।