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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के हर ज़िले में गठित होंगी सिविल डिफेंस की इकाई

  • 02 Nov 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

1 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा विभाग और कारागार विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि प्रदेश के हर ज़िले में सिविल डिफेंस इकाइयाँ गठित की जाएंगी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि समाज में शांति, सौहार्द और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में नागरिक सुरक्षा विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है और इसी कारण से सिविल डिफेंस के महत्त्व और उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए इसे प्रदेश के सभी 75 ज़िलों तक विस्तार किया जाएगा।
  • ज्ञातव्य है कि वर्तमान में प्रदेश के 27 ज़िलों में नागरिक सुरक्षा इकाइयाँ गठित हैं।
  • अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा विभाग और कारागार विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को आधार मानकर नागरिक सुरक्षा इकाइयों का पुनर्गठन किया जाए।
  • इस प्रकार प्रदेश में साढ़े सात सौ से अधिक नागरिक सुरक्षा इकाइयाँ क्रियाशील हो सकेंगी। नवीन इकाइयों के सुचारु क्रियान्वयन के लिये प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश कैबिनेट ने हाल ही में अपने नई जेल मैन्युअल को अनुमोदित किया है तथा यह जेल सुधारों की ओर महत्त्वपूर्ण प्रयास साबित होगा। कारागारों को सुधार के बेहतर केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिये ठोस प्रयास करना होगा। ‘ओपन जेल’और ‘हाई सिक्योरिटी जेल’के उदाहरण इस संबंध में उपयोगी हो सकते हैं।
  • मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश की सभी जेलों में 14 वर्ष की अवधि से अधिक समय से बंद कैदियों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराई जाए तथा सूची में बीमार, नाबालिग और महिला एवं दिव्यांग कैदियों का पृथक् विवरण भी हो।
  • उन्होंने कहा बताया कि अग्निशमन विभाग को आपदा प्रबंधन एवं आपात सेवा के रूप में स्थापित करने की ज़रूरत है तथा केंद्र सरकार के मॉडल ‘बिल ऑन मेंटेनेंस ऑफ फायर एंड इमरजेंसी सर्विस-2019’ की तर्ज़ पर प्रदेश के मॉडल ‘फायर एंड इमरजेंसी बिल’ को तैयार किया जाना चाहिये।
  • उन्होंने बहुमंजिली इमारतों में प्रत्येक दशा में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने की बात की तथा कहा कि ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की नीति के अनुरूप भवन स्वामी द्वारा हर छह माह के अंतराल पर सेल्फ सर्टिफिकेशनरी व्यवस्था, भवनों के प्रकार के अनुसार फायर सेफ्टी ऑफिसर का प्रावधान और वार्षिक थर्ड पार्टी ऑडिट की व्यवस्था को लागू किया जाए।
  • उन्होंने कहा कि फायर फाइटर्स की सुरक्षा व उच्चस्तरीय अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता के लिये एक विशेष निधि-कोष की स्थापना के प्रयास किया जाए तथा अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए अधिकाधिक शहरों को सेफ सिटी बनाने की कोशिश करनी चाहिए। 
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