मध्य प्रदेश
केंद्रीय गृह मंत्री ने जारी किया मध्य प्रदेश का रिपोर्ट कार्ड
- 21 Aug 2023
- 6 min read
चर्चा में क्यों?
- 20 अगस्त, 2023 को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भोपाल के कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर में गरीब कल्याण महाअभियान में मध्य प्रदेश के रिपोर्ट कार्ड (2003-2023) को जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम में गरीब कल्याण महा अभियान के अंतर्गत मध्य प्रदेश के दो दशक (2003-2023) में हुए विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किये जाने के अवसर पर मध्य प्रदेश में विकास आयामों पर केंद्रित फिल्म प्रदर्शित की गई।
- केंद्र सरकार के गत 9 वर्ष के कार्यकाल में हुए उल्लेखनीय कार्यों एवं उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। साथ ही गरीब कल्याण योजनाओं पर आधारित गीत लॉन्च किया गया।
- केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा मध्य प्रदेश की उपलब्धियों का विषयवार उल्लेख-
- देश में यदि गत दस वर्ष में 10 प्रतिशत आबादी गरीबी के चक्र से बाहर निकली है तो उसमें मध्य प्रदेश का सर्वाधिक योगदान है।
- मध्य प्रदेश के बजट का आकार वर्ष 2002 में 23 हज़ार 100 करोड़ रुपए था। अब यह 3 लाख 14 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक है।
- मध्य प्रदेश में शिक्षा का बजट 2556 करोड़ रुपए से बढ़कर 38 हज़ार करोड़ रुपए हुआ है।
- मध्य प्रदेश में पूर्व सरकार के समय स्वास्थ्य का बजट सिर्फ 580 करोड़ रुपए था, जो अब 16 हज़ार करोड़ रुपए है। इसमें आयुष्मान भारत योजना शामिल नहीं है।
- सर्व शिक्षा अभियान में सिर्फ 844 रुपए की राशि खर्च होती थी, अब लगभग 7 हज़ार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
- अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण पर भी बजट में वृद्धि हुई है। पहले जहाँ 1056 करोड़ रुपए की राशि खर्च होती थी, अब 64 हज़ार 390 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
- सर्व शिक्षा अभियान में सिर्फ 844 रुपए की राशि खर्च होती थी, अब लगभग 7 हज़ार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
- मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय पहले 11 हज़ार 700 रुपए थी, जो अब बढ़कर एक लाख 40 हज़ार रुपए हो गई है।
- एमएसएमई सेक्टर में साल भर में 4 हज़ार 299 उद्योगों के पंजीयन होते थे। अब इनकी संख्या 3 लाख 61 हज़ार है।
- सड़क निर्माण में महत्त्वपूर्ण कार्य हुआ है। पहले सिर्फ 60 हज़ार किलोमीटर सड़कें थीं। अब प्रदेश में 5 लाख 10 हज़ार किलोमीटर लंबाई से अधिक की सड़कें हैं, जो आठ गुना से भी ज़्यादा हैं। एनएच सड़कों की लंबाई 4800 से बढ़कर 13 हज़ार किलोमीटर हो गई।
- कृषि क्षेत्र में कृषि विकास दर साढ़े छह गुना बढ़ गई है। गेंहूँ खरीदी 4 लाख 38 हज़ार मीट्रिक टन से 70 लाख 96 हज़ार मीट्रिक टन और धान खरीदी 0.95 हज़ार मीट्रिक टन से बढ़कर 46 लाख 30 हज़ार मीट्रिक टन हो गई है। प्रदेश में 90 लाख से अधिक किसानों को 19 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक लाभ दिये गए हैं।
- मध्य प्रदेश में नि:शुल्क राशन वितरण का लाभ सिर्फ 52 लाख परिवारों को मिलता था, जो करीब सवा करोड़ लोगों को मिल रहा है।
- प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 4 से बढ़कर 24 तक हो गई है। मेडिकल सीटें 620 थीं जो अब 4 हज़ार से ज्यादा हैं।
- एकलव्य आवासीय आदर्श विद्यालय बिल्कुल नहीं थे। इनकी संख्या अब 63 है। आईटीआई की संख्या 159 से बढ़कर 1514 हो गई है।
- पर्यटन क्षेत्र में सड़कों के बनने से पर्यटक संख्या बढ़ी है। एक समय सिर्फ 64 लाख पर्यटक प्रतिवर्ष आते थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 9 करोड़ हो गई है।
- प्रदेश में तीन शहरों- रीवा, ग्वालियर और जबलपुर में एयरपोर्ट विकास और टर्मिनल निर्माण के कार्य हो रहे हैं। इंदौर को दिल्ली-मुंबई कॉरीडोर में शामिल किया गया है। इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल परियोजनाएँ क्रियान्वित हो रही हैं।
- प्रदेश की ऊर्जा क्षमता 29 हज़ार मेगावाट से भी अधिक है। सिंचाई साधनों के विस्तार से 47 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र सिंचित हो रहा है।
- प्रदेश में 46 लाख से अधिक बालिकाओं को ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ और 53 लाख से अधिक बहनों को स्वसहायता समूहों से जोड़कर लाभान्वित किया गया है।
- प्रदेश में जनजातीय समाज के हित में पेसा कानून लागू करने और जनजातीय संस्कृति दिखाने वाले संग्रहालय की स्थापना की जा रही है।
- मध्य प्रदेश औद्योगिक निवेश के लिये फेवरेट डेस्टिनेशन बना है।
- खंडवा ज़िले में ओंकारेश्वर में 2400 करोड़ रुपए लागत से विद्युत उत्पादन इकाई प्रारंभ की जा रही है।
- प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की पहल हुई है।
- प्रदेश की आर्थिक विकास दर 16 प्रतिशत से अधिक है