छत्तीसगढ़ को मलेरिया के मामलों में कमी के लिये केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया सम्मानित | 26 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को विश्व मलेरिया दिवस पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ को मलेरिया के मामलों में गिरावट के लिये सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला और संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने नई दिल्ली में राज्य शासन की तरफ से यह सम्मान ग्रहण किया।
- मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान और मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के असर से एपीआई दर (Annual Parasite Incidence, यानी प्रति एक हज़ार की आबादी में सालाना मिलने वाले मलेरिया के मरीज़ों की संख्या) में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2018 में जहाँ प्रदेश की एपीआई, 2.63 थी, वहीं 2021 में घटकर 0.92 पर पहुँच गई है।
- गौरतलब है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा जनवरी-फरवरी 2020 में बस्तर संभाग के सातों आकांक्षी ज़िलों में ‘मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान’ का पहला चरण संचालित किया गया था।
- घर-घर जाकर पहले चरण में 14 लाख छह हज़ार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हज़ार, तीसरे चरण में 15 लाख 70 हज़ार, चौथे चरण में 19 लाख 98 हज़ार एवं पाँचवे चरण में 14 लाख 36 हज़ार लोगों की मलेरिया जाँच की गई। वर्ष 2016 में 26.78 एपीआई वाले बस्तर संभाग की एपीआई 2021 में घटकर 7.07 पर पहुँच गई है।
- बस्तर संभाग में अभियान के अच्छे असर को देखते हुए ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ के तहत इसे प्रदेश के कुल 21 ज़िलों में विस्तारित किया गया है। अभियान के पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे एवं पाँचवे चरण में मलेरिया पॉजिटिविटी दर क्रमश: 4.6 प्रतिशत, 1.27 प्रतिशत, 1.03 प्रतिशत, 0.56 और 0.79 प्रतिशत दर्ज की गई है। अभियान के प्रभाव से मलेरिया के मामलों में लगातार कमी आ रही है।