छत्तीसगढ़ में बेरोज़गारी दर राष्ट्रीय दर से आधी | 18 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
16 सितंबर, 2021 को सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य में बेरोज़गारी दर राष्ट्रीय दर की तुलना में मात्र आधी है। छत्तीसगढ़ में बेरोज़गारी की दर 3.8 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय बेरोज़गारी दर 7.6 प्रतिशत है।
प्रमुख बिंदु
- आँकड़ों के अनुसार बेरोज़गारी दर आंध्र प्रदेश में 6.5 प्रतिशत, बिहार में 13.6, राजस्थान में 26.7, तमिलनाडु में 6.3, उत्तर प्रदेश में 7, उत्तराखंड में 6.2, दिल्ली में 11.6, गोवा में 12.6, असम में 6.7, हरियाणा में 35.7, जम्मू-कश्मीर में 13.6, केरल में 7.8, पंजाब में 6, झारखंड में 16 तथा पश्चिम बंगाल में 7.4 प्रतिशत है।
- छत्तीसगढ़ राज्य की स्थिति उक्त राज्यों से कई गुना बेहतर है। यह राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन का परिणाम है।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है। राज्य की 74 फीसद आबादी गाँवों में निवास करती है तथा उसके जीवनयापन का आधार कृषि और वनोपज है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्त्व में राज्य सरकार द्वारा कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लगातार प्रयास के चलते गाँवों की अर्थव्यवस्था को गति मिली है। गाँवों में रोज़गार के अवसर भी बढ़े हैं।
- कोरोना संक्रमण काल के दौरान मनरेगा के कामों को बेहतर तरीके से संचालित करने के साथ ही धान खरीदी, लघु वनोपज के संग्रहण, खरीदी एवं प्रोसेसिंग की व्यवस्था को भी चालू रखा गया, जिससे गाँवों में लोगों को निरंतर रोज़गार सुलभ हुआ है।
- छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गाँव योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने भी ग्रामीण अंचल में अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने में मदद की है।
- सरकार की उक्त योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों, किसानों, पशुपालकों, मनरेगा के श्रमिकों, वनोपज संग्राहकों को सीधे मदद मुहैया कराई गई। इसका परिणाम यह रहा कि मार्केट में कैश फ्लो और रौनक कायम रही, जिससे राज्य में बेरोज़गारी दर को नियंत्रित करने में मदद मिली है।