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उत्तराखंड

उत्तराखंड में UCC कार्यान्वयन

  • 27 May 2024
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2024 के अंत तक उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने की उम्मीद है, एक ऐसी सुविधा शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है जो लिव-इन और विवाहित जोड़ों को अपने रिश्ते को पंजीकृत करने में सक्षम बनाएगी।

  • उत्तराखंड विधानसभा ने 7 फरवरी, 2024 को UCC बिल पारित किया।

मुख्य बिंदु:

  • UCC विवाह की तरह ही लिव-इन संबंधों के पंजीकरण का आह्वान करता है और कहता है कि लिव-इन पार्टनर की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिये।
    • अधिकारियों के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों की ट्रेनिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में आयोजित की जाएगी।
    • ऑनलाइन पंजीकरण सुविधा सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ दंपत्ति दोनों के लिये  लाभदायक होगी क्योंकि इससे रजिस्ट्रार के कार्यालय में कई बार जाने की आवश्यकता कम हो जाएगी।
    • हालाँकि 18 से 21 वर्ष की आयु के जोड़ों के माता-पिता को उनके बच्चों के लिव-इन रिलेशनशिप के बारे में सूचित किया जाएगा।
  • संसद में पारित विधेयक में कहा गया है कि बिना पंजीकरण कराए एक महीने से अधिक समय तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहने पर तीन महीने तक की कैद या 10,000 रुपए तक का ज़ुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
    • यदि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली किसी महिला को उसके साथी ने छोड़ दिया है, तो वह उससे गुज़ारा भत्ता का दावा करने की हकदार होगी, जिसके लिये वह उस सक्षम अदालत से संपर्क कर सकती है, जिसका उस स्थान पर अधिकार क्षेत्र हो, जहाँ वे आखिरी बार साथ रहे थे।
    • पहाड़ी राज्य के छोटे आदिवासी समुदाय को प्रस्तावित कानून से छूट दी गई है, जो लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण को भी अनिवार्य बनाता है।

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