उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में खुलासा : कानपुर में गंगा सबसे अधिक प्रदूषित | 22 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
21 जून, 2023 को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा, यमुना समेत प्रदेश की सभी नदियों की रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया है कि प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर में गंगा सबसे अधिक प्रदूषित है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में ही यह खुलासा हुआ है कि औद्योगिक नगरी कानपुर के डाउनस्ट्रीम जाना गाँव के पास गंगा में बीओडी (बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड) 4.60 मिलीग्राम प्रति लीटर है। यहीं गंगा में टोटल कोलीफॉर्म 20 हज़ार और फीकल कोलीफॉर्म 17 हज़ार पाया गया है।
- प्रयागराज के संगम क्षेत्र में गंगा का बीओडी अधिकतम 2.90 मिलीग्राम प्रति लीटर मिला है जिसे संतोषजनक माना जा सकता है।
- रिपोर्ट में गंगा से मिलने वाली वरुणा नदी का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बताया गया है। वाराणसी में गंगा में मिलने से पहले वरुणा का बीओडी 12.40 मिलीग्राम प्रति लीटर मिला है।
- बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार वरुणा का पानी जलीय जीवों के लिये भी काफी खतरनाक हो गया है। गंगा में मिलने से पहले वरुणा का डीओ (डिजॉल्व्ड ऑक्सीजन) 3.30 मिलीग्राम प्रति लीटर है।
- यमुना आगरा से हमीरपुर तक बहुत प्रदूषित है। इटावा में यमुना का बीओडी 16.80 मिलीग्राम प्रति लीटर है, जबकि डीओ 5.80 मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बहने वाली काली नदी का पानी बेहद खतरनाक पाया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में बुलंदशहर में हिंडन नदी का बीओडी 54 मिलीग्राम प्रति लीटर मिला।
- नदी में डीओ शून्य मिलने से जलीय जीवों के जिंदा रहने की कोई संभावना नहीं है। मुजफ्फरनगर में नदी का यही हाल है।
- प्रदूषण के मामले में सबसे अधिक बदनाम हिंडन नदी सहारनपुर से नोएडा तक काली से अधिक प्रदूषित है। सीतापुर से बाराबंकी तक गोमती नदी का भी लगभग यही हाल है। उन्नाव और जौनपुर में सई का प्रदूषण सामान्य से अधिक पाया गया।
- नदियों के पानी में प्रदूषण का मानक
प्रदूषण कारक |
मात्रा |
बीओडी |
तीन मिलीग्राम प्रति लीटर अधिकतम |
डीओ |
पाँच मिलीग्राम प्रति लीटर न्यूनतम |
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आर.के. सिंह ने बताया कि नदियों की महीनेभर की गई जांच के बाद मुख्यालय रिपोर्ट जारी करता है।