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State PCS Current Affairs

उत्तर प्रदेश

दो बच्चों की नीति

  • 11 Jun 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार को हाल ही में उन दावों पर जाँच का सामना करना पड़ा, जिनमें कहा गया था कि उसने 7 जून, 2024 तक दो-बच्चों की नीति लागू कर दी है। हालाँकि, आधिकारिक बयानों के अनुसार ये रिपोर्टें झूठी हैं और ऐसी कोई नीति अभी तक लागू नहीं की गई है।

मुख्य बिंदु:

  • हालाँकि इस तरह की नीति के लिये एक प्रारूप विधेयक राज्य सरकार को प्रस्तुत किया गया है, लेकिन इसे पारित नहीं किया गया है और विधि के रूप में तैयार नहीं किया गया है
  • उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने वर्ष 2021 में जनसंख्या नियंत्रण पर प्रस्तावित विधेयक का प्रारूप राज्य सरकार के साथ साझा किया था।
  • उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण) विधेयक, 2021 नामक प्रारूप विधेयक के अनुसार, दो से अधिक बच्चों वाले दंपतियों को सरकारी नौकरियों, पदोन्नति या सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिये आवेदन करने की अनुमति नहीं होगी।
    • असम में भी ऐसी ही नीति लागू है, जो असम लोक सेवा (सीधी भर्ती में छोटे परिवार के मानदंड का अनुप्रयोग) नियम, 2019 के तहत दो से अधिक बच्चों वाले दंपती को सरकारी नौकरियों से वंचित करती है।

दो बच्चों की नीति

  • आवश्यकता:
    • भारत की जनसंख्या पहले ही 125 करोड़ को पार कर चुकी है और उम्मीद है कि अगले कुछ दशकों में भारत विश्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश चीन से आगे निकल जाएगा।
    • राष्ट्रीय जनसंख्या नियंत्रण नीति (2000) होने के बावजूद भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है।
    • इस प्रकार, भारत के प्राकृतिक संसाधन अत्यधिक बोझ से दबे हुए हैं तथा उनका अत्यधिक दोहन हो रहा है।
  • आलोचना:
    • प्रतिबंधित बाल नीति के कारण शिक्षित युवाओं की कमी के कारण भारत की तकनीकी क्रांति में बाधा आएगी।
    • चीन (एक-बच्चा नीति के परिणामस्वरूप) के सामने आने वाली लैंगिक असंतुलन, अनिर्दिष्ट बच्चे (बिना दस्तावेज़ वाले माता-पिता के बच्चे) आदि जैसी समस्याएँ भारत को भी झेलनी पड़ सकती हैं।

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