हरियाणा के आबकारी नीति पर विवाद | 07 Dec 2024

चर्चा में क्यों?

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरुग्राम और फरीदाबाद में स्थित बार और पबों में आधी रात को शराब की बिक्री को लेकर हरियाणा सरकार को कड़ी चेतावनी जारी की है। 

  • हालाँकि, न्यायालय ने इस मामले में राज्य को कोई आधिकारिक निर्देश देने से बचने का निर्णय लिया।

मुख्य बिंदु

  • यह मुद्दा तब उठा जब जून में पेश की गई हरियाणा आबकारी नीति 2024-25 में पिछली नीति से उन प्रावधानों को हटा दिया गया, जिसके तहत अतिरिक्त शुल्क के भुगतान पर बार और पब को रात भर संचालित करने की अनुमति दी गई थी। 
  • संशोधित नीति के तहत, हरियाणा भर में सभी बार और पबों को मध्यरात्रि तक बंद करना अनिवार्य है, गुरुग्राम और फरीदाबाद को छोड़कर, जहाँ पुराने नियम लागू रहेंगे।         
  • नई नीति की घोषणा के बाद, पंचकूला के बार और पब मालिकों ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर गुरुग्राम और फरीदाबाद के अपने समकक्षों के साथ समानता की मांग की। 
    • हालाँकि, न्यायमूर्तियों की एक पीठ ने उनकी याचिका खारिज करते हुए निर्णय दिया कि आबकारी नीति अलग-अलग ज़िलों में अलग-अलग मानदंड लागू करती है और याचिकाकर्त्ता एकरूपता की मांग नहीं कर सकते।
  • न्यायालय ने आबकारी नीतियों के निर्माण में  सांस्कृतिक संवेदनशीलता के महत्त्व को रेखांकित किया।
    • इसमें कहा गया कि रात भर शराब की बिक्री की अनुमति देने से सामाजिक पतन हो सकता है तथा भारतीय समाज के  सांस्कृतिक मूल्य कमज़ोर हो सकते हैं।
  • पीठ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि देश में जिम्मेदारीपूर्वक शराब पीना अभी भी एक दूरगामी लक्ष्य हैतथा नीति निर्माताओं को अपने निर्णयों के व्यापक सामाजिक निहितार्थों पर विचार करना चाहिये।

हरियाणा आबकारी नीति 2024-25

  • 12 जून से लागू होने वाली नई नीति में IMFL (भारत में निर्मित विदेशी शराब) और देशी शराब पर उत्पाद शुल्क में मामूली वृद्धि होगी।
  • वर्ष 2024-25 के लिये IMFL का अधिकतम मूल कोटा 700 लाख प्रूफ लीटर (मापन इकाई) और देशी शराब के लिये 1,200 लाख प्रूफ लीटर होगा।
  • IMFL और देशी शराब के लिये 2023-24 में शुरू की गई क्यूआर कोड-आधारित ट्रैक और ट्रेस प्रणाली को आयातित विदेशी शराब तक भी बढ़ाया जाएगा।