त्रिनेत्र ऐप 2.0 | 22 Mar 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में यूपी पुलिस ने अपराध की रोकथाम और जाँच के लिये डिजिटल प्लेटफॉर्म त्रिनेत्र ऐप 2.0 को अपनाया है।

मुख्य बिंदु:

  • त्रिनेत्र के डेटाबेस में अब 9.32 लाख से अधिक आपराधिक रिकॉर्ड डिजिटल हो गए हैं, फ्रंटलाइन अधिकारियों के पास सुरक्षा जाँच के दौरान संदिग्धों की तेज़ी से पहचान करने की क्षमता होगी।
  • इसका उपयोग इंस्पेक्टर और उससे ऊपर रैंक के सभी पुलिस कर्मी आवश्यकतानुसार कर सकते हैं।
    • पुलिस कर्मी अपराध से संबंधित व्यापक जानकारी इनपुट और एक्सेस कर सकते हैं, जिसमें अपराध इतिहास, एफआईआर विवरण, पूछताछ रिपोर्ट, ऑडियो रिकॉर्डिंग, तस्वीरें, पुरस्कार, कारावास विवरण एवं ज़ब्ती रिकॉर्ड शामिल हैं।
    • यह चेहरे की पहचान क्षमताओं के साथ कानून प्रवर्तन को सशक्त बनाता है, जिससे फोटोग्राफिक डेटा के आधार पर संदिग्धों की त्वरित पहचान संभव हो पाती है।
  • क्राइम GPT सुविधा जाँच प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करते हुए अपराधियों और आपराधिक गतिविधियों के बारे में व्यापक जानकारी तक त्वरित पहुँच सक्षम बनाती है।
  • त्रिनेत्र 2.0 फोटो लिंकिंग और चेहरे की पहचान तकनीक के माध्यम से लापता व्यक्तियों की खोज की सुविधा भी प्रदान करता है, जिससे लापता व्यक्तियों का पता लगाने एवं उनके परिवारों के साथ पुनर्मिलन के प्रयासों को बल मिलता है।