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मध्य प्रदेश

प्रदेश में ट्रांसजेंडर समुदाय पिछड़ा वर्ग में शामिल

  • 21 Apr 2023
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

19 अप्रैल, 2023 को राज्य शासन ने ट्रांसजेंडर समुदाय को मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने की अधिसूचना जारी कर दी।

प्रमुख बिंदु 

  • ट्रांसजेंडर (किन्नर) समुदाय को मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम-1995 के तहत जोड़ा गया है।
  • विदित है कि प्रदेश में विकास की मुख्यधारा से अलग चल रहे किन्नर (ट्रांसजेंडर) समुदाय को पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल करने के पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रस्ताव को 11 अप्रैल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने स्वीकृति दी थी।
  • राज्य सरकार द्वारा किन्नरों को ओबीसी वर्ग में शामिल करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के परिपालन में लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि शिक्षा, सामाजिक एवं आर्थिक तौर पर इन्हें पिछड़ा माना जाता है।
  • सामाजिक न्याय विभाग के अनुसार प्रदेश में किन्नरों की प्रमाणित संख्या नहीं है। जबकि आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ने करीब 6 हज़ार किन्नरों की संख्या दर्ज की है, जिसमें कुछ ज़िलों में सुधार भी किया गया है।
  • प्रदेश में चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में 1432 किन्नर दर्ज हैं। इसमें सबसे ज्यादा 176 किन्नर भोपाल में हैं, जबकि उज्जैन में 75, इंदौर में 102 दर्ज हैं।
  • उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी, 2023 को राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश ट्रांसजेंडर (अधिकारों का संरक्षण) नियम-2021 (Transgender Protection of Rights Rules-2021) के तहत आदेश जारी कर नौकरियों में सीधी भर्ती में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिये अलग श्रेणी बनाई है। इसके साथ ही अब सरकारी नौकरियों के लिये आवेदन पत्र में पुरुष और महिला के साथ ट्रांसजेंडर का विकल्प भी उपलब्ध हो गया है।
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