राष्ट्रीय जलमार्ग-1 में यातायात विस्तार | 24 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
23 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी सुधांशु पंत ने वाराणसी के सर्किट हाउस में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 में यातायात विस्तार पर आयोजित ट्रेड मीट में बताया कि देश के सबसे लंबे जलमार्ग वाराणसी से डिब्रूगढ़ (बोगीबील) तक जनवरी, 2023 से मालवाहक जहाज़ों का संचालन शुरू हो जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- सुधांशु पंत ने बताया कि भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण वाराणसी-गाजीपुर-मझऊआं-बाढ़ जलमार्ग को पटना-फरक्का जलमार्ग की तर्ज़ पर तैयार करेगा। इस जलमार्ग पर जहाज़ों के 24 घंटे सुगम यातायात के लिये नाइट नेविगेशन सिस्टम भी विकसित किया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि मालवाहक जहाज़ों के वाराणसी से संचालन से पूर्वांचल के जीआई उत्पादों के निर्यात को जलमार्ग से जोड़कर इसे बढ़ावा देने की पहल की जाएगी। राष्ट्रीय जलमार्ग-1 का ज़्यादा-से-ज्यादा उपयोग किये जाने के लिये केंद्र और राज्य सरकार के विभागों की ओर से सुझाव लेकर जलमार्ग प्राधिकरण अपनी कार्ययोजना तैयार करेगा।
- बैठक में राज्य के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि विभिन्न प्रकार के अनाज वाराणसी से निर्यात होते हैं, जिसके लिये जलमार्ग का उपयोग जल्द ही किया जाएगा। इसके साथ ही वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को निर्यात होने वाले उत्पाद तथा उनके मार्गों का विवरण उपलब्ध हो सके तो वाराणसी जलमार्ग से निर्यात किया जाना और भी समृद्ध होगा।
- इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेशन के प्रतिनिधि ने जलमार्ग के ज़रिये खाद व यूरिया का निर्यात समय से कराने के लिये गंगा में 24 घंटे जहाज़ों के संचालन का सुझाव दिया। जलमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई।
- जलमार्ग प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जयंत सिंह ने बताया कि वाराणसी-कोलकाता जलमार्ग वर्ष में 300 दिन संचालन के लिये उपलब्ध है। यह गंगा विलास वाराणसी के पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। इसमें 10 जनवरी से 13 जनवरी तक गंगा विलास के यात्रियों को काशी दर्शन कराया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि अप्रैल से काशी के घाटों को जोड़ते हुए सोलर वाटर टैक्सी के संचालन की तैयारी शुरू कर दी गई है। अगले महीने इसकी निविदा जारी की जाएगी और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर इसका संचालन किया जाएगा। वाराणसी-कोलकाता व डिब्रूगढ़ जलमार्ग को विकसित करने के लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।