तीन ताप विद्युत गृहों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला | 11 Mar 2025

चर्चा में क्यों?

मध्यप्रदेश के तीन ताप विद्युत गृहों को फ्लाई ऐश के कुशल व प्रभावी प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया

मुख्य बिंदु  

  • पुरस्कार के बारे में: 
    • यह पुरस्कार मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी (MPPGCL) के श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह दोंगलिया, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई को प्रदान किया गया।
    • यह सम्मान फ्लाई ऐश उपयोगिता-2025 विषय पर गोवा में आयोजित 14वें अंतर्राष्ट्रीय आवासीय सम्मेलन के दौरान दिया गया।
      • यह सम्मेलन मिशन एनर्जी फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया था, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है।
  • पुरस्कार श्रेणी
    • सतपुड़ा ताप विद्युत गृह और अमरकंटक ताप विद्युत गृह को यह पुरस्कार 500 मेगावाट स्थापित क्षमता से कम श्रेणी में प्रदान किया गया।

    • जबकि श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह को यह पुरस्कार 500 मेगावाट स्थापित क्षमता से अधिक श्रेणी में प्रदान किया गया। 

    • श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह ने 100 प्रतिशत से अधिक फ्लाई ऐश का सतत् व प्रभावी उपयोग किया है।.

फ्लाई ऐश

  • परिचय
    • फ्लाई ऐश (Fly Ash) प्राय: कोयला संचालित विद्युत संयंत्रों से उत्पन्न प्रदूषक है, जिसे दहन कक्ष से  निष्कासित गैसों द्वारा ले जाया जाता है।
    • इसे इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर या बैग फिल्टर द्वारा निष्कासित गैसों से एकत्र किया जाता है।
      • इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर (ESP) को एक फिल्टर उपकरण के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसका उपयोग प्रवाहित होने वाली गैस से धुएँ और धूल जैसे महीन कणों को हटाने के लिये किया जाता है।
      • इस उपकरण को प्रायः वायु प्रदूषण नियंत्रण संबंधी गतिविधियों के लिये प्रयोग किया जाता है। 
  • संयोजन
    • फ्लाई ऐश में पर्याप्त मात्रा में सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO2), एल्युमीनियम ऑक्साइड (Al2O3), फेरिक ऑक्साइड (Fe2O3) और कैल्शियम ऑक्साइड (CaO) शामिल होते हैं।
  • अनुप्रयोग: 
    • इसका उपयोग कंक्रीट और सीमेंट उत्पादों, रोड बेस, मेटल रिकवरी और मिनरल फिलर आदि में किया जाता है।
  • हानिकारक प्रभाव: 
    • फ्लाई ऐश के कण विषैले वायु प्रदूषक हैं। ये हृदय रोग, कैंसर, श्वसन रोग और स्ट्रोक को बढ़ावा दे सकते हैं।