छत्तीसगढ़ की तीन योजनाओं को मिली राष्ट्रीय स्तर में पहचान | 07 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन स्टोरीज की किताब में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित तीन महत्त्वपूर्ण योजनाओं-ऑफलाइन शिक्षा के लिये ब्लूटूथ आधारित ई-शिक्षा समाधान ‘बुल्टू के बोल’, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में नगद भुगतान हेतु ‘डिजिपे सखी’और ‘गोधन न्याय योजना’को प्रकाशित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई ने बताया कि देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ पर मनाए जा रहे आज़ादी का अमृत महोत्सव के लिये देश के सभी राज्यों में डिजिटल इंडिया के अंतर्गत किये गए अभिनव नवाचारों को सम्मिलित कर भारत सरकार द्वारा बुकलेट प्रकाशित की गई है, जिसमें राज्य शासन द्वारा संचालित इन तीन योजनाओं को स्थान दिया गया है।
- बुकलेट के प्रकाशन मंडल में देश भर के आई.टी. विशेषज्ञों के साथ-साथ चिप्स के संयुत्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.ई.एम.टी. के नीलेश सोनी को भी शामिल किया गया है।
- समीर विश्नोई ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर पशुधन के माध्यम से पशुपालकों के आय में वृद्धि करने के लिये कृषि विभाग द्वारा संचालित ‘गोधन न्याय योजना’के अंतर्गत गोबर खरीदी, वर्मी कंपोस्ट खाद का निर्माण आदि अनेक आयमूलक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। जिसके लिये चिप्स द्वारा मोबाइल एप और वेबसाईट का निर्माण किया गया है।
- एप के माध्यम से गोबर विक्रेताओं और स्व-सहायता समूह को जोड़ा गया है। साथ ही एप द्वारा गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने की जानकारी एवं विक्रय की व्यवस्था भी की गई है। योजना के हितग्राहियों को सीधे उनके बैंक एकाउंट में भुगतान किया जा रहा है।
- इसी प्रकार छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों को उनके घर के समीप ही बैंकिंग सुविधाएँ और नगद भुगतान के लिये सामान्य सेवा केंद्र परियोजना के अंतर्गत प्रत्येक गाँव में नगद संगवारी कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. इसके अंतर्गत समाजिक सुरक्षा योजना, वृद्धावस्था पेंशन आदि अनेक योजनाओं के हितग्राहियों को नगद भुगतान किया जा रहा है. इससे गाँवों में रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं। ऐसे ही बालोद ज़िले के छोटे से गाँव की निवासी व पेशे से गृहणी सुनीति साहू की सफलता की कहानी इस बुकलेट में बताई गई है।
- राज्य के विद्यार्थियों तक ऑफलाइन शिक्षा समाग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ब्लूटूथ आधारित ई-शिक्षा समाधान ‘बुल्टू के बोल’प्रारंभ किया गया है। इसमें कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों को शामिल किया गया है।