बिहार में शिक्षक नियोजन के नियमों में होगा बड़ा बदलाव | 23 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
22 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में शिक्षक नियोजन के संदर्भ में सातवें चरण के शिक्षक नियोजन की नियमावली में बड़ा बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। प्राथमिक चरण से उच्च माध्यमिक स्तर तक के शिक्षकों के नियोजन के लिये एक ही नियमावली तैयारी की गई है। इससे पहले नियमावली अलग-अलग हुआ करती थी।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में शिक्षक नियोजन के नियमों में बदलाव के अंतर्गत इस बार विभिन्न वर्गों के ढाई लाख से अधिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर पंचायती राज संस्थाएँ बहाली नहीं करेंगी। राज्य सरकार शिक्षक चयन प्रक्रिया से पंचायती राज की भूमिका को हटाने जा रही है।
- शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिये ज़िला स्तर पर केंद्रीकृत इकाई गठित की जाएंगी। यही संस्था शिक्षक पद के लिये अनुशंसित अभ्यर्थियों की न केवल ज़िला स्तर पर कांउसलिंग करेगी, बल्कि उन्हें नियुक्ति पत्र भी बाँटेगी। पंचायत से लेकर प्रखंड और नगरीय निकायों के दायरे में आने वाले सभी चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र ज़िला मुख्यालय से ही बाँटे जाएंगे।
- उपरोक्त सारे तथ्य सातवें चरण के शिक्षक नियोजन के लिये तैयार की जा रही नियमावली में प्रस्तावित किये गए हैं। नियमावली को राज्य सरकार के शीर्ष अफसरों की राय के लिये भेजा गया है तथा शीर्ष अफसरों की राय को विभागीय अफसरों की नियमावली बनाने वाली समिति समाहित कर उसे अंतिम रूप देकर कैबिनेट को भेजेगी।
- चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा तथा साक्षात्कार नहीं होगा। हालाँकि चयन करने वाली एजेंसी के लिये तीन विकल्प सुझाए गए हैं। इसके लिये बिहार लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग तथा बिहार तकनीकी सेवा आयोग में से किसी एक एंजेंसी का चयन किया जाना है।
- इस बार प्राथमिक, माध्य, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों, शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ, प्रयोगशाला सहायक, पुस्तकालयाध्यक्ष, कंप्यूटर शिक्षक सहित सभी की वेकेंसी एक साथ निकाली जाएगी। इनकी नियुक्ति का शेड्यूल एक ही समयावधि में रहेगा। नियुक्ति च्वाइस के आधार पर की जाएगी। सभी को ज़िला संवर्ग में रखा जाएगा।