उत्तराखंड के मानसखंड की झाँकी को देश में पहला स्थान मिलने पर किया गया पुरस्कृत | 01 Feb 2023
चर्चा में क्यों?
31 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड में उत्तराखंड की झाँकी मानसखंड को प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिये केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने पुरस्कार प्रदान किया। राज्य की ओर से सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड की झाँकी को देश में पहला स्थान मिलने पर देश, विदेश के लोग मानसखंड के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे।
- इस अवसर पर सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन के बाद मानसखंड पर आधारित झाँकी प्रस्तावित की गई थी।
- उन्होंने बताया कि कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड राज्य की ओर से मानसखंड की झाँकी में 18 कलाकारों के दल ने अपनी प्रस्तुति दी थी। झाँकी का थीम सांग ‘जय हो कुमाऊँ, जय हो गढ़वाल’को पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा था। सौरभ मैठाणी और साथियों ने इसे सुर दिया था। इस थीम गीत के निर्माता पहाड़ी दगड़िया, देहरादून थे।
- सूचना महानिदेशक ने बताया कि श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊँ के पौराणिक मंदिरों के लिये मुख्यमंत्री के निर्देश पर मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना पर भी काम किया जा रहा है। इससे इन प्रमुख मंदिरों का विकास होना है। पहले चरण में करीब दो दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है।
- इनमें जागेश्वर महादेव, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, नंदादेवी मंदिर कसारदेवी मंदिर, झांकर सैम मंदिर, पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर, मोस्टमाणु मंदिर, बेरीनाग मंदिर, मलेनाथ मंदिर, थालकेदार मंदिर, बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर, पाताल रुद्रेश्वर गुफा, गोल्ज्यू मंदिर, निकट गोरलचौड मैदान, पूर्णागिरी मंदिर, वारही देवी मंदिर देवीधुरा, रीठा मीठा साहिब, नैनादेवी मंदिर, गर्जियादेवी मंदिर, कैंचीधाम, चौती (बाल सुंदरी) मंदिर, अटरिया देवी मंदिर व नानकमत्ता साहिब प्रमुख रूप से शामिल किये गए हैं।