छत्तीसगढ़
देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में प्रदेश चौथे क्रम पर
- 07 Jan 2022
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चर्चा में क्यों
हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) संगठन द्वारा जारी किये गए बेरोजगारी के आँकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ 2.1 प्रतिशत के साथ देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में चौथे क्रम पर है।
प्रमुख बिंदु
- दिसंबर 2021 की स्थिति के अध्ययन के बाद सीएमआईई द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार देश में सबसे कम बेरोजगारी दर कर्नाटक में 1.4 प्रतिशत और सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 34.1 प्रतिशत बताई गई है।
- आँकड़ों के मुताबिक गुजरात 1.6 प्रतिशत के साथ कम बेरोजगारी वाला दूसरा राज्य है, जबकि पड़ोसी ओडिशा 1.6 प्रतिशत के साथ तीसरे क्रम पर एवं मध्य प्रदेश 3.4 प्रतिशत के साथ 07 वें क्रम पर है।
- उत्तर प्रदेश में 4.9 प्रतिशत की बेराजगारी दर है। असम 5.8 प्रतिशत के साथ 12वें क्रम पर है। राजस्थान में 27.1 प्रतिशत, झारखंड में 17.3 और बिहार में 16 प्रतिशत बेरोजगारी की दर है।
- रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जनवरी 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी दर 6.52 फीसदी थी, जिसमें शहरी बेरोजगारी 8.9 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 5.81 प्रतिशत थी, वहीं दिसंबर 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी की दर 7.7 प्रतिशत रही जिसमें शहरी बेरोजगारी 9.1 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.1 प्रतिशत रही।
- छत्तीसगढ़ ने समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए तीन साल पहले महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया था, जिसके तहत गाँवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
- इसी मॉडल के अंतर्गत गाँवों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिये सुराजी गाँव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अछूती रही। तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही।
- गौरतलब है कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन 45 वर्षों से भारतीय अर्थव्यवस्था विदेशी मुद्रा, कृषि, उद्योग आदि क्षेत्रों में सतत् अध्ययन करके डेटाबेस का निर्माण करता आया है और इसके द्वारा जारी आँकड़ों को प्रामाणिक माना जाता है।